गाय-भैंस को अचानक बुखार आए और सूजन दिखे तो सावधान रहें, लंगड़ी रोग की चपेट में हो सकता पशु

लंगड़ी रोग से गाय-भैंस में तेज बुखार, सूजन और लंगड़ाकर चलने जैसे लक्षण दिखते हैं. बिहार सरकार ने पशुपालकों को सलाह दी है कि समय पर टीकाकरण और इलाज कराकर अपने पशुओं को सुरक्षित रखें और नुकसान से बचें.

नोएडा | Updated On: 4 Sep, 2025 | 10:39 PM

पशुपालकों के लिए गाय-भैंस और अन्य दुधारू पशु परिवार जैसे ही होते हैं. अगर ये बीमार पड़ जाएं तो न सिर्फ पशु की सेहत पर असर पड़ता है, बल्कि किसान की आय पर भी सीधा असर दिखता है. बिहार सरकार पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, पशुपालन निदेशालय लगातार ग्रामीणों और पशुपालकों को जागरूक कर रहा है कि पशुओं को लंगड़ी रोग से कैसे बचाया जाए. यह रोग अचानक फैलता है और समय पर ध्यान न देने पर गंभीर रूप ले लेता है.

लंगड़ी रोग क्या है और कैसे फैलता है

लंगड़ी रोग पशुओं में होने वाली एक गंभीर बीमारी है. यह खासतौर पर गाय, भैंस, बकरियों और अन्य दुधारू पशुओं में ज्यादा देखने को मिलता है. यह रोग एक बैक्टीरिया की वजह से होता है, जो अचानक बुखार और शरीर में सूजन पैदा करता है. अगर समय रहते इलाज न मिले तो पशु की जान को भी खतरा हो सकता है. यह बीमारी खासकर बारिश और ठंड के मौसम में ज्यादा फैलती है.

लंगड़ी रोग के मुख्य लक्षण

पशुपालकों के लिए जरूरी है कि वे समय रहते इसके लक्षणों को पहचान लें.

बिहार सरकार का सलाह और मदद

बिहार सरकार का पशुपालन निदेशालय समय-समय पर ग्रामीणों को जागरूक कर रहा है. सरकार की ओर से वैक्सीनेशन अभियान चलाए जाते हैं ताकि पशुओं को इस तरह की बीमारियों से सुरक्षित रखा जा सके. पशुपालकों को यह सलाह दी जाती है कि वे नियमित रूप से अपने पशुओं का टीकाकरण कराएं. साथ ही बीमार पशु को तुरंत अन्य पशुओं से अलग कर दें ताकि संक्रमण न फैले.

इलाज और बचाव के तरीके

पशुपालकों को जागरूक रहना जरूरी

पशुपालन निदेशालय का कहना है कि अगर पशुपालक जागरूक रहें तो लंगड़ी रोग जैसी बीमारियों से आसानी से बचा जा सकता है. यह सिर्फ पशु के स्वास्थ्य का मामला नहीं है बल्कि किसान की आमदनी और परिवार की रोज़ी-रोटी से जुड़ा हुआ है. इसलिए सरकार ने जिला स्तर पर पशु चिकित्सा केंद्र और मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई भी उपलब्ध कराई है ताकि ज़रूरत पड़ने पर किसान तुरंत मदद पा सकें.

Published: 5 Sep, 2025 | 06:45 AM

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