सरकार ने जारी की लाइसेंस नीति, अफीम की खेती करने के लिए इन राज्यों के किसानों को मिलेगा लाइसेंस

केंद्र सरकार ने 2025-26 फसल वर्ष के लिए मध्य प्रदेश, राजस्थान और यूपी के किसानों के लिए अफीम पोपी खेती का लाइसेंस नीति घोषित की. 1.21 लाख किसान लाइसेंस के योग्य हैं. उच्च उपज वाले किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए पारंपरिक अफीम गम खेती का विकल्प भी दिया जाएगा.

नोएडा | Updated On: 12 Sep, 2025 | 06:38 PM

Opium Cultivation: केंद्र सरकार ने शुक्रवार को 2025-26 फसल वर्ष के लिए अफीम पोपी की खेती के वार्षिक लाइसेंस नीति की घोषणा की. यह फसल वर्ष 1 अक्टूबर 2025 से 30 सितंबर 2026 तक रहेगा. खास बात यह है कि यह लाइसेंस नीति मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए घोषित की गई है. यानी इस नीति के तहत इन राज्यों के किसानों अफीम पोपी की खेती करने के लिए लाइसेंस मिलेगा.

न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, अफीम फसल वर्ष वह समय होता है जब लाइसेंसधारी किसान अफीम की खेती कर सकते हैं. ऐसे अफीम की नियंत्रित खेती जरूरी है, क्योंकि इससे मिलने वाले अल्कलॉइड्स का इस्तेमाल कई कानूनी दवाओं के निर्माण में होता है. नीति के तहत करीब 1.21 लाख किसान अफीम खेती के लिए लाइसेंस पाने के योग्य हैं, जो पिछले साल की तुलना में 23.5 फीसदी ज्यादा है. इस साल करीब 15,000 नए किसानों को भी इस योजना में शामिल किया गया है, जिन्हें अफीम खेती से लाभ मिलेगा.

किन किसानों का जारी रहेगा लाइसेंस

केंद्र सरकार दवाओं और पल्लियेटिव केयर के लिए आवश्यक अल्कलॉइड्स की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करती रहती है. साथ ही, स्थानीय और आत्मनिर्भर उपायों से प्रसंस्करण क्षमता बढ़ाने के प्रयास भी चल रहे हैं, ताकि जरूरी नारकोटिक दवाओं के लिए अल्कलॉइड्स की मांग पूरी हो सके. वित्त मंत्रालय के बयान के अनुसार, वार्षिक लाइसेंस नीति की खास बातें यह हैं कि जो किसान अफीम गम की खेती करते हैं और जिनकी औसत मॉर्फिन उपज (MQY-M) प्रति हेक्टेयर 4.2 किलो या उससे ज्यादा है, उन्हें लाइसेंस जारी रखा जाएगा.

इन्हें पांच साल के लिए लाइसेंस मिलेगा

दूसरे, जो अफीम गम के किसान प्रति हेक्टेयर 3.0 से 4.2 किलो मॉर्फिन उपज हासिल करते हैं, वे अब कॉन्संट्रेट ऑफ पोपी स्ट्रॉ (CPS) तरीके से अनलैंस्ड पोपी स्ट्रॉ की खेती कर सकते हैं. इसके लिए उन्हें पांच साल के लिए लाइसेंस मिलेगा. साल 1995-96 से किसानों के डेटा के डिजिटलीकरण ने अधिक किसानों को शामिल किया है, जिससे छोटे किसानों को भी निर्धारित योग्यता और आसान नियमों के आधार पर लाइसेंस मिलने में मदद मिली है.

गलत इस्तेमाल का खतरा होगा कम

दरअसल, सरकार उन किसानों को प्रोत्साहित करना चाहती है, जिनकी अनलैंस्ड पोपी स्ट्रॉ की उपज 900 किलो प्रति हेक्टेयर या उससे अधिक है. ऐसे किसानों को पारंपरिक अफीम गम की खेती करने का विकल्प दिया जाएगा. इससे उनकी उपज बढ़ेगी और खेत से अफीम के गलत इस्तेमाल का खतरा भी कम होगा. साथ ही, सरकार 2025-26 के फसल वर्ष के लिए उन किसानों के लाइसेंस निलंबित कर देगी, जिन्होंने पिछले साल (2024-25) निर्धारित न्यूनतम उपज (MQY) 800 किलो प्रति हेक्टेयर पूरी नहीं की.

Published: 12 Sep, 2025 | 06:38 PM