Telangana News: तेलंगाना के कापस किसानों के लिए खुशखबरी है. केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी किशन रेड्डी ने ऐलान किया है कि केंद्र सरकार राज्य में उगाया गया सारा कपास खरीदेगी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भी इस प्रक्रिया में पूरी तरह सहयोग कर रही है. उन्होंने कहा कि कपास किसानों की कमाई बढ़ाने के लिए सरकार पूरी तरह से तत्पर है. साथ ही मंत्री ने किसानों से अपील की कि वे बिचौलियों के झांसे में न आएं और अपनी फसल सस्ते में न बेचें. उन्होंने कहा कि कॉटन कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (CCI) इस बार कपास की खरीद 8,110 रुपये प्रति क्विंटल की दर से कर रही है, जो पिछले साल से ज्यादा है.
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, साथ ही कोयला एवं खान मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि तेलंगाना देश का सबसे बड़ा कपास उत्पादक राज्य है. ऐसे में यहां के किसानों को इस बार अच्छी कमाई की उम्मीद है. उन्होंने जानकारी दी कि CCI ने राज्य में 12 नए खरीद केंद्र शुरू किए हैं, जिससे अब कुल खरीद केंद्रों की संख्या 122 हो गई है. इसके अलावा किसानों की सुविधा के लिए ‘कपास किसान ऐप’ लॉन्च किया गया है, जिससे किसान खुद रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं, स्लॉट बुक कर सकते हैं और भुगतान की स्थिति भी देख सकते हैं. इससे खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी. मंत्री ने तेलंगाना के किसानों से अपील की कि वे महाराष्ट्र के अकोला जिले के किसानों की तरह हाई-डेंसिटी कपास खेती मॉडल अपनाएं, जिससे उत्पादन बढ़ाया जा सके.
केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह को लिखा था पत्र
वहीं, पीछले महीने राज्य के कृषि मंत्री थुम्माला नागेश्वर राव ने केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह को पत्र लिखकर तेलंगाना में 1 अक्टूबर से कॉटन कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (CCI) के जरिए कपास की खरीद शुरू कराने की मांग की थी. अपने पत्र में उन्होंने कहा था कि इस सीजन में राज्य में लगभग 43.29 लाख एकड़ में कपास की खेती हुई है और करीब 24.7 लाख मीट्रिक टन उत्पादन होने का अनुमान है. हालांकि, CCI ने टेंडर जारी किए हैं, लेकिन जिनिंग मिलों ने भाग नहीं लिया, जिससे खरीद प्रक्रिया रुक गई थी.
कितना है बाजार में कपास का रेट
तब उन्होंने चिंता जताई थी कि इस समय बाजार में कपास का रेट 6,700 रुपये प्रति क्विंटल है, जबकि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 8,110 रुपये तय किया गया है. ऐसे में किसान अपनी फसल मजबूरी में सस्ते में बेच रहे हैं. इसी के साथ नागेश्वर राव ने मार्केटिंग विभाग को सभी खरीद केंद्रों पर सुचारु व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय निगरानी समितियां बनाने का निर्देश दिया था.