मुर्गियों को साग के साथ खिलाएं ये चीज, तेजी से बढ़ेगा वजन.. अंडे भी देंगी बहुत ज्यादा
मुर्गीपालन अब गांवों में करोड़ों की कमाई का बिजनेस बन गया है. विशेषज्ञों के अनुसार, पौष्टिक फीड और हरी सब्जियां देने से मुर्गियों की अंडा देने की क्षमता कई गुना बढ़ जाती है. सही डाइट और ऑटोमैटिक फीडर के उपयोग से किसान अपनी आय में तेजी से इजाफा कर रहे हैं.
Poultry Farming: मुर्गी पालन अब एक बड़ा बिजनेस बन गया है. इसे लाखों नहीं बल्कि करोड़ों में कमाई हो रही है. यही वजह है कि अब पढ़े-लिखे युवा भी मुर्गी पालन की तरफ आकर्षित हो रहे हैं. लेकिन कई मुर्गी पालकों की शिकायत रहती है कि उनकी मुर्गियां ज्यादा अंडे नहीं दे रही हैं. इससे उन्हें मुर्गी पालन में नुकसान उठाना पड़ रहा है. लेकिन अब ऐसे लोगों को चिंता करने की जरूरत नहीं है. क्योंकि आज हम पौष्टिक आहार के बारे में बात करने जा रहे हैं, जिसे खिलाते ही मुर्गियां ज्यादा अंडे देने लगेंगी.
विशेषज्ञों के मुताबिक, अगर मुर्गियों को पौष्टिक और सही फीड दी जाए तो उनकी अंडे देने की क्षमता कई गुना बढ़ सकती है. हरी सब्जियों, अनाज और पोषक दानों से बनी संतुलित डाइट मुर्गियों को स्वस्थ रखती है और उनकी उत्पादकता बढ़ाती है. एक्सपर्ट का कहना है कि मुर्गियों की फीडिंग प्रक्रिया चार चरणों में होती है. सबसे पहले चिक्स फीड दी जाती है, जो जन्म के तुरंत बाद शुरुआती दिनों के लिए होती है. पहले छह हफ्तों तक मुर्गियों को प्रोटीन से भरपूर स्टार्टर फीड देना जरूरी है. इसके बाद उन्हें ग्रोअर फीड पर शिफ्ट किया जाता है, जिसमें प्रोटीन थोड़ा कम लेकिन विकास और सेहत के लिए जरूरी पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं.
30 दिनों में तैयार हो जाएंगी मुर्गियां
ऐसे में ब्रॉयलर मुर्गियां लगभग 30 से 35 दिनों में बिक्री के लायक हो जाती हैं, जबकि लेयर मुर्गियां कई महीनों तक अंडे देती रहती हैं. वहीं कड़कनाथ जैसी देसी नस्लें खुले माहौल में बेहतर बढ़ती हैं और तीन से चार महीने में पूरी तरह विकसित हो जाती हैं. हर नस्ल के लिए अलग-अलग तरह की फीड बाजार में मिलती है, और अब ऑटोमैटिक फीडर आने से बड़े पैमाने पर मुर्गीपालन करना काफी आसान हो गया है.
चूजा का कितना होता है खुराक
एक चूजा पहले आठ हफ्तों तक रोज करीब 28 से 56 ग्राम चारा खाता है. जैसे-जैसे उसका वजन बढ़ता है, उसकी फीड भी बढ़कर 200 से 250 ग्राम तक हो जाती है. आमतौर पर हजार मुर्गियों के लिए चार से पांच ऑटोमैटिक फीडर पर्याप्त होते हैं, जिन्हें सुबह और शाम दिन में दो बार भरना चाहिए.
मुर्गियों को खाने में दें ये आहार
विशेषज्ञों का कहना है कि मुर्गियों को सिर्फ दाना ही नहीं, बल्कि शलजम का साग, केल जैसी हरी सब्जियां भी देनी चाहिए, क्योंकि ये सेहत और अंडा उत्पादन दोनों बढ़ाती हैं. हालांकि, आइसबर्ग लेट्यूस देने से बचना चाहिए, क्योंकि यह पचने में मुश्किल होता है. ऐसे मुर्गियों के लिए कीड़े-मकोड़े भी प्रोटीन का अच्छा स्रोत हैं और चूजों की तेजी से बढ़त में मदद करते हैं. इन आसान उपायों को अपनाकर मुर्गियों की सेहत बेहतर रहती है और अंडा उत्पादन बढ़ता है. ग्रामीण इलाकों में पौष्टिक फीड के सही इस्तेमाल से किसानों की आमदनी लगातार बढ़ रही है.