बिहार में उर्वरक कालाबाजारी पर एक्शन, खाद कंपनी पर FIR और 42 लोगों के लाइसेंस निरस्त

कृषि मंत्री विजय सिन्हा ने बताया कि अभी तक खरीफ सीजन में 1 उर्वरक कंपनी पर एफआईआर और  उर्वरक बेचने वाले 42 लोगों के अथॉरिटी लेटर रद्द किए जा चुके हैं.

अनामिका अस्थाना
नोएडा | Published: 19 Jun, 2025 | 11:42 AM

शारदीय (खरीफ) सीजन में किसानों को खेती करने में किसी भी तरह की समस्या या कमी न हो , इसके लिए बिहार सरकार लगातार हर संभव कोशिश कर रही है. इसी कड़ी में बिहार के उप मुख्य मंत्री और कृषि मंत्री विजय सिन्हा ने बताया कि खरीफ सीजन के लिए केंद्र सरकार की तरफ से बिहार के लिए उर्वरकों की जरूरत को तय किया गया है. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश के किसी भी जिले में उर्वरकों की कोई कमी नहीं है. इसके साथ ही बिहार सरकार लगातार उर्वरकों की कालाबाजारी, अवैध स्टोरेज और ज्यादा कीमत पर बिक्री को रोकने के लिए काम कर रही है.

प्रदेश को मिलेगी 10.32 लाख मीट्रिक टन यूरिया

कृषि मंत्री विजय सिन्हा ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा बिहार के लिए 10.32 लाख मीट्रिक टन यूरिया, 2.20 लाख मीट्रिक टन डीएपी (DAP), 2.50 लाख मीट्रिक टन एनपीके (NPK), 0.50 लाख मीट्रिक टन एमओपी (MOP)और 0.75 लाख मीट्रिक टन एसएसपी (SSP) उर्वरकों की जरूरत तय की गई है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में हर जिले के लिए उर्वरक उपलब्ध हैं. साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि अबतक प्रदेश में .74 लाख मीट्रिक टन यूरिया, 0.93 लाख मीट्रिक टन डीएपी, 2.33 लाख मीट्रिक टन एनपीके, 0.69 लाख मीट्रिक टन एमओपी और 0.92 लाख मीट्रिक टन एस॰सपी का स्टोरेज उपलब्ध है.

उर्वरकों की कालाबाजारी रोकने पर जोर

प्रदेश में उर्वरकों की कालाबाजारी, अवैध तरीके से उनका स्टोरेज और जरूरत से ज्यादा कीमतों पर उनकी बिक्री रोकने के लिए हर एक जिले के कृषि विभाग के अधिकारियों को सख्त निर्देश जारी किए गए हैं. कृषि मंत्री ने बताया कि अभी तक खरीफ सीजन में 1 उर्वरक कंपनी पर एफआईआर और  उर्वरक बेचने वाले 42 लोगों के अथॉरिटी लेटर रद्द किए जा चुके हैं. इसके अलावा सभी संबंधित अधिकारियों को ये निर्देश दिया गया है कि वे जिला और प्रखंड स्तर पर नियमित रूप से उर्वरक समितियों की बैठक करें और जरूरत के अनुसार उर्वरक उपलब्ध करना सुनिश्चित करें.

उर्वरकों की तस्करी रोकने के लिए बनेगी जांच टीम

उप मुख्यमंत्री विजय सिन्ह ने बताया कि प्रदेश में अंतराराष्ट्रीय सीमा से सटे जिलों में उर्वरकों की तस्करी रोकने के लिए सशस्त्र सीमा बल (SSB) के साथ मिलकर कृषि विभाग काम करेगा. बता दें कि प्रदेश में कालाबाजारी रोकने के लिए नियमित रूप से छापेमारी और निरीक्षण करने के लिए कृषि विभाग के अधिकारियों की एक टीम भी बनाई जाएगी. इसके साथ हर एक जिले के किसानों से यह अपील भी की गई है कि उर्वरक की खरीद में किसी भी तरह की समस्या आने पर तुरंत संबंधित अधिकारियों को सूचना दें ताकि उचित कार्रवाई की जा सके.

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