संगमनेरी बकरी दिलाएगी सोने के बराबर मुनाफा! पशुपालक जान लें तरीका
संगमनेरी नस्ल की बकरी अपने औषधीय गुणों से भरपूर दूध के लिए प्रसिद्ध है. यह बकरी 60 किलो तक के वजह की होती है और इसके मांस की बाजार में खूब मांग के चलते पशुपालक को इसकी कीमत काफी ज्यादा मिलती है.
आज के समय में खेती के साथ-साथ पशुपालन का काम लोगों को आत्मनिर्भर बना रहा है. खासकर बकरी पालन से ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले किसान अच्छी कमाई कर रहे हैं. ऐसे में अगर आप भी सोच रहे हैं कि कौन सी नस्ल की बकरी से सबसे ज्यादा मुनाफा कमाया जा सकता है, तो यह खबर आपके लिए बेहद खास है. दरअसल, संगमनेरी नस्ल की बकरी इन दिनों किसानों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है. इसका वजन, दूध, मांस और कीमत-हर पहलू में यह बकरी बाकी नस्लों से आगे है. आइए जानते हैं कि क्या है इसकी खासियत और क्यों इसे पालना आपके लिए फायदे का सौदा साबित हो सकता है.
संगमनेरी बकरी की खास पहचान
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार संगमनेरी नस्ल की बकरी की पहचान करना बेहद आसान है. इसके शरीर की बनावट और रंग इसे अन्य बकरियों से अलग बनाता है.
बकरी की मुख्य विशेषताएं-
- बाल छोटे, सीधे और घने होते हैं.
- कान लंबे और नीचे की ओर झुके हुए.
- रंग सफेद व भूरा, शरीर पर भूरे-काले धब्बे.
- पूंछ पतली, छोटी और ऊपर की ओर उठी हुई.
- थन छोटे और शंक्वाकार.
- नर व मादा दोनों के सींग पीछे की ओर मुड़े हुए.
- माथे पर गुच्छा और जांघों पर लंबे बाल.
इस नस्ल के नर का वजन 35 से 60 किलो तक और मादा का वजन 25 से 42 किलो तक होता है. यह नस्ल 13-14 महीने की उम्र में प्रजनन शुरू कर देती है और आमतौर पर जुड़वा बच्चों को जन्म देती है.
कमाई के मामले में बकरी की रानी है संगमनेरी
संगमनेरी बकरी सिर्फ दिखने में ही खास नहीं, बल्कि कमाई के मामले में भी ये 24 कैरेट सोना है. इसका दूध औषधीय गुणों से भरपूर होता है और मांस की क्वालिटी काफी उम्दा मानी जाती है. यही कारण है कि बाजार में इसकी मांग बहुत अधिक है.
कीमत की बात करें तो-
- नर बकरी के मांस का भाव:- 700 रुपये से 900 रुपये प्रति किलो
- मादा बकरी के मांस का भाव:- 650 रुपये से 850 रुपये प्रति किलो
इस हिसाब से एक अच्छी नस्ल की बकरी 18,000 रुपये से 35,000 रुपये तक में बिक जाती है. यही नहीं, इसका मांस स्वादिष्ट होने की वजह से होटल और रेस्टोरेंट्स में भी पसंद किया जाता है.
किन राज्यों में होती है इसकी ज्यादा पैदावार?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यह बकरी मूल रूप से महाराष्ट्र के पुणे, नासिक, सोलापुर और धुले जिलों में पाई जाती है. लेकिन अब इसकी लोकप्रियता इतनी बढ़ गई है कि पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में भी इसका पालन होने लगा है. इन राज्यों में सरकारें भी बकरी पालन को बढ़ावा देने के लिए लोन और प्रशिक्षण की सुविधा देती हैं. इसलिए यदि आप किसान हैं या पशुपालन की सोच रहे हैं, तो यह नस्ल आपके लिए एक बेहतर विकल्प हो सकती है.
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