सम्राट और सोनपरी नस्लें बदलेंगी किस्मत, बकरी पालकों की कमाई अब हो सकती दोगुनी

सम्राट और सोनपरी नस्लों ने बकरी पालन को लाभ का व्यवसाय बना दिया है. ये नस्लें अधिक प्रजनन, बेहतर वजन और रोग प्रतिरोधक क्षमता के कारण किसानों को कम खर्च में अधिक कमाई का मौका देती हैं. अब किसान बकरी पालन से आर्थिक रूप से सशक्त हो रहे हैं.

नोएडा | Updated On: 21 Sep, 2025 | 04:21 PM

बकरी पालन भारत के करोड़ों किसानों के लिए सिर्फ एक परंपरा नहीं, बल्कि रोजी-रोटी और आमदनी का मजबूत जरिया है. खासकर ग्रामीण इलाकों में यह एक सस्ता, टिकाऊ और फायदेमंद व्यवसाय बनता जा रहा है. लेकिन परंपरागत नस्लों की सीमित उत्पादन क्षमता, कम प्रतिरोधकता और धीमी ग्रोथ के कारण किसान अक्सर नुकसान में रहते हैं. ऐसे समय में सम्राट और सोनपरी जैसी नई बकरी नस्लें उम्मीद की नई किरण बनकर उभरी हैं. वैज्ञानिकों और किसानों की संयुक्त मेहनत से तैयार ये नस्लें अब न सिर्फ ज्यादा दूध और मांस देती हैं, बल्कि तेजी से प्रजनन कर किसानों की कमाई भी बढ़ा रही हैं.

सम्राट नस्ल- नाम भी बड़ा, काम भी दमदार

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सम्राट नस्ल को वैज्ञानिकों और बुंदेलखंड क्षेत्र के किसानों ने मिलकर विकसित किया है. इसकी सबसे बड़ी खासियत है- इसका भारी वजन और ज्यादा बच्चों को जन्म देने की क्षमता. इस बकरी का औसत वजन 50 किलो से भी ज्यादा होता है. सामान्य बकरी के मुकाबले ये काफी भारी होती है, जिससे मांस उत्पादन में बढ़ोत्तरी होती है. साथ ही, यह नस्ल साल में दो बार बच्चों को जन्म देती है- यानी कम समय में दोगुनी कमाई.

सम्राट नस्ल की खास बातें जो बनाएं इसे अलग

इन खूबियों के कारण सम्राट नस्ल को अब दूसरे राज्यों में भी फैलाया जा रहा है ताकि ज्यादा से ज्यादा किसान इसका लाभ ले सकें.

सोनपरी नस्ल- सुंदरता, ताकत और उत्पादन का मेल

सोनपरी नस्ल का नाम जितना सुंदर है, इसकी खूबियां उससे कहीं ज्यादा हैं. ये नस्ल विशेष रूप से अपने उच्च प्रजनन और रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए जानी जाती है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार,इस नस्ल की बकरी आमतौर पर 2 से 3 बच्चों को जन्म देती है, लेकिन कई बार यह संख्या 4 तक भी पहुंच जाती है, जो कि अन्य नस्लों में बहुत ही दुर्लभ है. इससे किसान को कम खर्च में ज्यादा मुनाफा होता है.

सोनपरी नस्ल की खासियत जो किसानों को भाए

सोनपरी बकरी का पालन करने से किसान को हर दिशा में फायदा होता है- दूध, मांस और संतान उत्पादन में.

कैसे करें सोनपरी नस्ल की पहचान?

अगर आप बाजार से सोनपरी नस्ल खरीदना चाहते हैं, तो इसकी कुछ खास पहचान हैं जो ध्यान देने लायक हैं:-

इन शारीरिक संकेतों की मदद से आप असली सोनपरी नस्ल की पहचान कर सकते हैं और नकली या मिलावटी नस्ल से बच सकते हैं.

नई नस्लें, नई कमाई- किसान बदल रहे अपनी किस्मत

मीजिया रिपोर्ट के अनुसार, सम्राट और सोनपरी जैसी नस्लें सिर्फ वैज्ञानिक खोज नहीं, बल्कि उन किसानों की मेहनत का फल हैं, जिन्होंने रिस्क लेकर इनका पालन शुरू किया. अब ये नस्लें उन्हें दोगुनी कमाई और कम खर्च में ज्यादा मुनाफा दे रही हैं. बकरी पालन अब सिर्फ जरूरत नहीं, एक लाभकारी व्यवसाय बन चुका है. सरकार और वैज्ञानिक संस्थान अगर इन नस्लों को बढ़ावा देते रहें, तो आने वाले समय में लाखों किसानों की किस्मत बदल सकती है.

Published: 21 Sep, 2025 | 04:55 PM

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