गर्मी में भैंसों का रखें खास ध्यान, तभी होगा समय पर गर्भाधान

अगर आपकी भैंस गर्भवती है, तो उसे किसी भी तरह के शारीरिक तनाव से बचाना चाहिए. गर्मी के मौसम में गर्भवती भैंसों को गर्मी से राहत देना और पोषण से भरपूर ठंडा आहार देना बहुत जरूरी होता है.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 10 May, 2025 | 01:45 PM

भारत के कई हिस्सों में गर्मियों का मौसम बहुत ही कठोर हो जाता है. तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला जाता है, और इस तपती गर्मी का असर सिर्फ इंसानों पर नहीं, बल्कि पशुओं पर भी पड़ता है. खासकर भैंसों पर, जिनका रंग काला होता है और शरीर मोटा होने के कारण उनके शरीर की गर्मी आसानी से बाहर नहीं निकल पाती. ऐसे में गर्मियों में भैंसों का विशेष ध्यान रखना बहुत जरूरी हो जाता है, खासकर गर्भवती या गर्भाधान की तैयारी वाली भैंसों का, तो चलिए जानते हैं कैसे रखें इन भैंसो का ध्यान.

गर्मी और भैंस के शरीर का संबंध

गर्मियों में भैंसों का शरीर जल्दी गर्म हो जाता है, क्योंकि उनकी त्वचा से पसीना बहुत कम निकलता है. जब शरीर का तापमान ज्यादा हो जाता है तो हार्मोनल बदलाव शुरू हो जाते हैं, खासतौर पर एस्ट्रोजन नाम का हार्मोन घटने लगता है, जो प्रजनन के लिए जरूरी होता है. इसके चलते भैंसों में हीट के लक्षण ठीक से दिखाई नहीं देते और सही समय पर गर्भाधान कराना मुश्किल हो जाता है. विशेषज्ञों का मानना है कि अगर भैंस के शरीर का तापमान सिर्फ 1 डिग्री फारेनहाइट भी बढ़ जाए, तो गर्भधारण की संभावना 10 से 15 प्रतिशत तक कम हो सकती है.

भैंस को गर्मी से राहत देना जरूरी क्यों है?

भैंसों का शरीर अगर लंबे समय तक गर्म रहता है तो न सिर्फ गर्भधारण में दिक्कत आती है बल्कि उनका दूध उत्पादन भी घट सकता है. गर्मी के चलते उनका खाना पचाने की क्षमता भी कम हो जाती है और वे सुस्त हो जाती हैं. ऐसे में जरूरी हो जाता है कि गर्मियों में उन्हें ठंडक और आराम देने के उपाय किए जाएं, ताकि वे स्वस्थ रहें और आसानी से गर्भवती भी हो सकें.

ऐसे मिलती है राहत

गर्मियों में भैंसों को ठंडा रखने का सबसे आसान और असरदार तरीका है उन्हें नियमित रूप से नहलाना. अगर आपके पास नहर, तालाब या नदी जैसी सुविधा है, तो वहां उन्हें कुछ देर के लिए छोड़ना बहुत फायदेमंद होता है. यदि यह संभव न हो, तो उन्हें हर तीन-चार दिन में एक बार जरूर नहलाएं. इससे शरीर की गर्मी कम होती है और भैंसें ज्यादा स्फूर्तिवान रहती हैं.

भोजन और चारे में बदलाव लाएं

गर्मियों में भैंसों को ऐसा आहार देना चाहिए जो हल्का हो और जिसकी तासीर ठंडी हो. हरा चारा, बेल, गिलोय, तरबूज या खीरे के छिलके जैसे तत्व भैंसों के शरीर को अंदर से ठंडा रखते हैं. इसके साथ ही उनके पाचन तंत्र पर भी ज्यादा दबाव नहीं पड़ता और वे स्वस्थ बनी रहती हैं. याद रखें, जितना अच्छा आहार होगा, उतना ही बेहतर उनका प्रजनन स्वास्थ्य भी होगा.

शेड और आराम की जगह का ध्यान रखें

गर्मियों में पशुओं को धूप से बचाना बेहद जरूरी होता है. भैंसों के लिए ऐसा शेड बनाएं जिसमें हवा का आना-जाना बना रहे और जहां सीधी धूप न पड़े. शेड के पास ताजा और ठंडे पानी की व्यवस्था होनी चाहिए ताकि भैंसें जब चाहें पानी पी सकें और हाइड्रेटेड रहें. अगर शेड में घास या रेत बिछा सकें, तो वह जमीन को ठंडा रखने में मदद करता है.

गर्भवती भैंस पर विशेष ध्यान दें

अगर आपकी भैंस गर्भवती है, तो उसे किसी भी तरह के शारीरिक तनाव से बचाना चाहिए. गर्मी के मौसम में गर्भवती भैंसों को गर्मी से राहत देना और पोषण से भरपूर ठंडा आहार देना बहुत जरूरी होता है. अगर उनकी सही देखभाल न की जाए, तो गर्भपात, समय से पहले प्रसव या दूध उत्पादन में गिरावट जैसी समस्याएं आ सकती हैं.

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