किसानों के लिए बिजली कनेक्शन नियम में ढील, राज्य सरकार ने किए ये बदलाव

गुजरात सरकार ने कृषि बिजली कनेक्शन के नियमों में बदलाव किया है, जिससे अब किसानों को जमीन के सभी ओनर्स की सहमति लेने की जरूरत नहीं होगी. इसके बजाय, किसान सेल्फ डिक्लेरेशन फॉर्म के जरिए बिजली कनेक्शन प्राप्त कर सकते हैं.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 24 Apr, 2025 | 03:34 PM

गुजरात सरकार ने किसानों की सबसे बड़ी परेशानी को हल करते हुए मंगलवार को कृषि बिजली कनेक्शन की प्रक्रिया को काफी आसान बना दिया है. यह फैसला खास तौर पर उन किसानों के लिए राहत लेकर आया है जो आदिवासी और ग्रामीण इलाकों में रहते हैं, और जिन्हे खेती के लिए कृषि बिजली कनेक्शन की जरूरत तो होती है किंतु यहां एक जमीन पर कई ओनर्स के नाम होने के कारण ऑफिशियल दस्तावेजों को पूरा करना किसानों के लिए मुश्किलों भरा होता हैं. इसका समाधान करते हुए अब गुजरात सकार ने नियमों में बदलाव कर ओनर्स के कंसेंट लेटर की जगह किसानों के सेल्फ डिक्लेरेशन फॉर्म की मदद से इस समस्या को आसान बना दिया है.

अब जरूरी नहीं सारे ओनर्स की सहमति

अब तक अगर कोई किसान अपने खेत में बिजली कनेक्शन लेना चाहता था, तो उसे जमीन के सभी ओनर्स की सहमति लेनी होती थी. यह सहमति नोटरी किए गए स्टांप पेपर पर देनी पड़ती थी. नोटरी एक ऐसा पत्र होता है जिसे कानूनी दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने और प्रमाणित करने का अधिकार दिया जाता है. कई मामलों में यह नियम एक बड़ी अड़चन बन जाता था क्योंकि एक ही जमीन पर कई ओनर्स होते हैं और जमीन का कानूनी बंटवारा नहीं हुआ होता. इसी कारण से कई किसान, जिनके पास जमीन की देखरेख का पूरा जिम्मा तो होता था किंतु जमीन मालिकों के आपसी सहमति नहीं होने कारण किसान बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन नहीं कर पाते थे.

सेल्फ डिक्लेरेशन से होगा काम

सरकार ने अब इस प्रक्रिया को सरल बनाते हुए यह नियम लागू किया है कि किसान अब खुद का सेल्फ डिक्लेरेशन फॉर्म भरकर आवेदन कर सकते हैं. यानी अब उन्हें जमीन के सभी मालिकों की सहमति लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी. इससे किसानों को न सिर्फ कागजी झंझटों से राहत मिलेगी बल्कि समय और पैसे की भी बचत होगी.

हर व्यक्ति को अलग बिजली कनेक्शन

गुजरात सरकार के नए नियमों के मुताबिक, अगर किसी खेत की 7/12 जमीन दस्ताावेज (extract) में एक से ज्यादा ओनर्स दर्ज हैं, तो अब हर व्यक्ति को, एक अलग बिजली कनेक्शन मिल सकेगा. भले ही उसकी जमीन का हिस्सा छोटा ही क्यों न हो. इसके लिए सरकार के तरफ से कुछ शर्तें भी रखी गई हैं, जैसे कि आवेदक के पास खुद का पानी का स्रोत होना चाहिए (जैसे कुआं या बोरवेल), और उसे जमीन की सीमाओं का नक्शा भी होना चाहिए. जिसे यह साफ हो सके कि किसान इस जमीन के इस हिस्से का उपयोग स्वतंत्र रूप से कर रहें है.

एक सर्वे नंबर पर हर ओनर्स क केवल एक

हालांकि, एक सर्वे नंबर पर हर ओनर्स को केवल एक ही बिजली कनेक्शन मिलेगा. यह न सिर्फ प्रक्रिया को आसान बनाएगा, बल्कि किसानों को समय और पैसे दोनों की बचत भी कराएगा. अब उन्हें हर बार सारे ओनर्स को ढूंढकर सहमति पत्र नहीं लेना पड़ेगा, जिससे कागजी झंझट कम होंगे और काम तेजी से हो सकेगा. गुजरात सरकार का यह फैसला उन किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है, जो अब तक कनेक्शन लेने की कोशिश में थे. इससे खेती-किसानी को बढ़ावा मिलेगा और गांवों में विकास की रफ्तार भी तेज होगी.

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Published: 24 Apr, 2025 | 03:34 PM

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