गाय-भैंस में चकत्ते वाली बीमारी से मौत का खतरा, तुलसी-हल्दी और वैक्सीन है जरूरी

भोजपुर जिले में मवेशियों में लम्पी जैसी चकत्ते वाली बीमारी फैल रही है. समय पर टीकाकरण, घरेलू उपचार और पशु चिकित्सकों की सलाह से बचाव संभव है. सतर्कता और जागरूकता से मवेशियों की जान बचाई जा सकती है.

नोएडा | Published: 16 Aug, 2025 | 12:36 PM

गांव-देहात के हर घर की जान होती हैं गाय, भैंस और बकरियां. ये न सिर्फ दूध देती हैं, बल्कि किसान की आजीविका का अहम हिस्सा होती हैं. लेकिन इन दिनों बिहार के भोजपुर जिले के कई गांवों में मवेशियों को लेकर चिंता बढ़ गई है. लम्पी जैसी एक खतरनाक बीमारी फिर से पांव पसार रही है. ये बीमारी मवेशियों की त्वचा पर चकत्ते बना देती है, बुखार लाती है और कई बार जानलेवा भी साबित होती है. ऐसे में सभी पशुपालकों को सतर्क रहने की जरूरत है.

लक्षण दिखते ही सतर्क हो जाएं

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भोजपुर जिले के तरारी, गड़हनी और आरा सदर प्रखंड के गांवों में मवेशियों में लम्पी जैसी बीमारी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. कई मवेशियों की जान भी जा चुकी है. अब तक गंगहर, ईमादपुर, बड़कागांव, बगवां, नहसी और भेड़री जैसे गांव प्रभावित हैं.

मवेशियों में ये लक्षण देखे जा रहे हैं

इस बीमारी के कारण अब तक जिले में चार मवेशियों की मौत हो चुकी है. कई की कीमत 50 हजार से ज्यादा थी. इससे पशुपालकों को बड़ा नुकसान झेलना पड़ा है.

टीकाकरण और इलाज ही है बचाव का तरीका

डॉक्टरों की टीम लगातार गांव-गांव जाकर मवेशियों का इलाज और टीकाकरण कर रही है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह बीमारी लम्पी स्किन डिजीज हो सकती है लेकिन अभी सैंपल की जांच चल रही है.

घरेलू उपाय भी हैं कारगर

पशु चिकित्सकों का कहना है कि बीमारी से बचाव के लिए आयुर्वेद और घरेलू उपाय भी मददगार हैं-

मदद चाहिए तो यहां करें संपर्क

अगर आपके गांव में किसी मवेशी में लक्षण दिखते हैं, तो घबराएं नहीं. तुरंत नजदीकी पशु अस्पताल में संपर्क करें या 1962 नंबर डायल करें. ये नंबर पशुपालन विभाग की हेल्पलाइन है, जिससे फ्री में पशु एम्बुलेंस उपलब्ध कराई जाती है.

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