खेत में दिखे ये बदबूदार कीड़े तो सतर्क हो जाइए, फसल पर मंडरा रहा खतरा

राइस बग एक छोटा भूरे या हरे रंग का कीट होता है जो चावल के दानों में मुंह डालकर रस चूसता है. इससे दाना सूखने लगता है या काला पड़ जाता है

नई दिल्ली | Published: 9 Jun, 2025 | 08:08 AM

चावल की खेती हमारे देश में लाखों किसानों की आजीविका का आधार है. लेकिन जब मेहनत से उगाई गई फसल पर कीट हमला कर दें, तो चिंता होना स्वाभाविक है. ऐसा ही एक कीट है राइस बग, जिसे स्टिंक बग भी कहा जाता है. यह छोटा सा कीट चावल के दानों को चूसता है, जिससे ना सिर्फ उपज घटती है बल्कि दाने की गुणवत्ता भी खराब हो जाती है. तो चलिए जानते हैं कि ये कीट क्या हैं, कैसे नुकसान पहुंचाते हैं और इन्हें नियंत्रित करने के कौन-कौन से घरेलू, पारंपरिक और वैज्ञानिक उपाय अपनाए जा सकते हैं.

राइस बग क्या होता है ?

राइस बग एक छोटा भूरे या हरे रंग का कीट होता है जो चावल के दानों में मुंह डालकर रस चूसता है. इससे दाना सूखने लगता है या काला पड़ जाता है. यदि समय पर ध्यान न दिया जाए तो पूरी फसल प्रभावित हो सकती है. इस कीट की एक खास पहचान यह है कि जब आप इसे हाथ से छूते हैं तो यह एक बदबू छोड़ता है इसलिए इसे ‘स्टिंक बग’ भी कहते हैं.

फसल की निगरानी है सबसे जरूरी

इस कीट को रोकने का पहला और सबसे अहम तरीका है समय रहते पहचान करना. अगर आप खेत में जाते समय पौधों की जांच करते रहें, खासकर फूल और दाने बनने के समय, तो कीट की मौजूदगी का जल्दी पता चल सकता है. जब दानों पर काले निशान, सूखे या आधे भरे दाने दिखें तो समझ जाएं कि राइस बग सक्रिय हो चुका है.

रासायनिक दवाएं

अगर कीट बहुत ज्यादा फैल चुका है, तो किसान कीटनाशक दवाओं का सहारा ले सकते हैं. बाजार में कई तरह की दवाएं मिलती हैं जो राइस बग को मार सकती हैं. लेकिन ध्यान रखें, दवाओं का सही मात्रा में और सही समय पर छिड़काव जरूरी है. बार-बार एक ही दवा का उपयोग करने से ये कीट उस दवा के प्रति प्रतिरोधी हो सकते हैं, यानी दवा काम नहीं करेगी. इसलिए कीटनाशकों को समय-समय पर बदलना भी जरूरी है. इसके साथ ही सुबह या शाम के समय दवा छिड़कना ज्यादा फायदेमंद होता है, ताकि फायदेमंद कीटों को नुकसान न पहुंचे.

कृषि पद्धतियों से भी मिल सकती है राहत

हर समस्या का हल सिर्फ दवाओं से नहीं होता. कुछ पारंपरिक कृषि उपाय अपनाकर भी हम इस कीट से लड़ सकते हैं. उदाहरण के तौर पर, खेत में जब चावल की बालियां निकल रही हों तब खेत को कुछ समय के लिए पानी से भर देने से राइस बग के अंडे और बच्चे नष्ट हो सकते हैं.

इसके अलावा, हर बार एक ही फसल बोने की जगह दूसरी फसलों का चयन करें, यानी फसल चक्र अपनाएं. यह तरीका खेत में कीड़ों की संख्या को नियंत्रित करने में मदद करता है. आजकल कुछ ऐसी किस्में भी बाजार में उपलब्ध हैं जो राइस बग के प्रति अधिक प्रतिरोधक क्षमता रखती हैं, ऐसे बीजों को प्राथमिकता देना भी एक अच्छा कदम हो सकता है.

प्राकृतिक उपाय भी हैं कारगर

रासायनिक दवाओं के बजाय यदि आप प्राकृतिक उपाय अपनाना चाहें, तो वो भी असरदार हो सकते हैं. कुछ कीट जैसे भिंडी की मक्खी, परजीवी ततैया और लेडी बर्ड बीटल राइस बग को अपना भोजन बनाते हैं. यदि आप इन कीटों के लिए खेत में अनुकूल वातावरण बनाएंगे, तो ये अपने आप राइस बग की संख्या कम कर देंगे. इससे खेत का संतुलन भी बना रहेगा और पर्यावरण को भी नुकसान नहीं होगा.