मामूली सी दिखने वाली मक्खी ले सकती है घोड़े की जान! ये लक्षण दिखें तो फौरन हो जाइए सतर्क

सर्रा एक जानलेवा बीमारी है, जो डंस मक्खी के काटने से घोड़ों और दूसरे पशुओं में फैलती है. समय रहते लक्षण पहचानकर इलाज शुरू कर देना जरूरी है, वरना जान जाने का खतरा बढ़ जाता है.

नोएडा | Updated On: 24 Jul, 2025 | 05:49 PM

बरसात का मौसम हो या गर्मी का, अगर आप घोड़े पालते हैं तो एक छोटी सी दिखने वाली मक्खी से सावधान हो जाइए. क्योंकि ये मक्खी सिर्फ तंग ही नहीं करती, बल्कि आपके घोड़े की जान भी ले सकती है. इसका नाम है डंस मक्खी, जिसे वैज्ञानिक भाषा में देवेनस फ्लाई कहा जाता है.

इस मक्खी के काटने से घोड़ों में एक गंभीर परजीवी रोग फैलता है, जिसे सर्रा या ट्रीपेनोसोमिएसिस कहा जाता है. यह बीमारी धीरे-धीरे शरीर को अंदर से खोखला कर देती है. लक्षण नजर आने पर अगर समय पर इलाज नहीं किया गया तो घोड़े की जान तक जा सकती है. इसलिए पशुपालकों के लिए यह जरूरी है कि वे इस बीमारी को पहचानें और तुरंत एक्शन लें.

मक्खी के काटने से खून में फैलता है जानलेवा परजीवी

सर्रा रोग को गांवों में तीबरसा या गलत्या के नाम से जाना जाता है. यह एक खतरनाक बीमारी है, जो डंस मक्खी के काटने से फैलती है. जब यह मक्खी घोड़े को काटती है तो उसके शरीर में ट्रायपेनोसोमा नाम का परजीवी चला जाता है. यह परजीवी खून के जरिए शरीर के कई हिस्सों में फैलता है और धीरे-धीरे जानवर को कमजोर बना देता है. शुरू में इसके लक्षण हल्के होते हैं, इसलिए पहचानना मुश्किल होता है. लेकिन समय पर इलाज न होने पर यह बीमारी जानलेवा साबित हो सकती है. इसलिए सतर्क रहना जरूरी है.

इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज

समय पर इलाज जरूरी

अगर घोड़े में इनमें से कोई भी लक्षण दिखे तो तुरंत नजदीकी पशु चिकित्सक से संपर्क करें. क्योंकि डॉक्टर परीक्षण कर सही दवा देंगे और इलाज शुरू करेंगे. शुरुआती इलाज से घोड़े की जान बचाई जा सकती है. लेकिन अगर देर हुई तो बीमारी गंभीर हो सकती है और इलाज मुश्किल हो जाता है. इसलिए घोड़े के व्यवहार और स्वास्थ्य पर नजर रखें और लक्षण दिखते ही तुरंत इलाज शुरू कराएं. यही सबसे सुरक्षित उपाय है.

ऐसे करें सर्रा रोग से बचाव

Published: 24 Jul, 2025 | 06:20 PM

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