पशु चिकित्सा ढांचे में सुधार होगा, पशुपालकों के लिए सेवाएं आधुनिक तरीके से मिलेंगी
हिमाचल प्रदेश में पशुपालन के क्षेत्र को आधुनिक बनाने के लिए सरकार ने कदम उठाए हैं. पशु चिकित्सा ढांचे में सुधार, आधुनिक तकनीक का उपयोग और विभागीय समन्वय के माध्यम से पशुपालकों को बेहतर सेवाएं और नए अवसर मिलेंगे.
हिमाचल प्रदेश सरकार अब पारंपरिक पशुपालन को आधुनिक तकनीक से जोड़ने की दिशा में गंभीर प्रयास कर रही है. हमीरपुर के उपायुक्त अमरजीत सिंह ने गुरुवार (31 जुलाई) को आयोजित एक कार्यशाला में अधिकारियों, विभागीय प्रतिनिधियों और पशुपालकों के साथ बैठक कर पशुपालन के आधुनिकीकरण को लेकर चर्चा की. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पशुपालन एक मजबूत आर्थिक विकल्प है, जिसे तकनीक और योजनाबद्ध क्रियान्वयन के माध्यम से और अधिक लाभकारी बनाया जा सकता है.
राज्य सरकार का फोकस-पशुपालन को बनाएंगे लाभकारी व्यवसाय
डीसी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार का उद्देश्य पशुपालन को सिर्फ परंपरागत गतिविधि न मानकर, रोजगार और आय का स्थायी स्रोत बनाना है. उन्होंने पशुपालन विभाग को निर्देश दिए कि पशुओं की उन्नत नस्ल, बेहतर दुग्ध उत्पादन, विपणन और सहकारी सभाओं के गठन जैसे बिंदुओं पर व्यापक रिपोर्ट तैयार की जाए. इससे राज्य की ग्रामीण आर्थिकी को नई दिशा मिलेगी.
पशु चिकित्सा सेवाएं होंगी अत्याधुनिक
राज्य सरकार पशुपालकों को समय पर और बेहतर सेवाएं देने के लिए पशु चिकित्सा ढांचे का आधुनिकीकरण करेगी. डीसी अमरजीत सिंह ने स्पष्ट किया कि हर ब्लॉक और पंचायत स्तर पर पशु अस्पतालों की सुविधाएं आधुनिक की जाएंगी. साथ ही, मशीनों और तकनीकी उपकरणों का इस्तेमाल बढ़ाकर पशुओं की देखभाल की गुणवत्ता सुधारी जाएगी.
विभागीय समन्वय से बनेगी विकास की रणनीति
हिमाचल सरकार के निर्देशानुसार, पशुपालन को मजबूती देने के लिए अंतरविभागीय समन्वय की नीति पर काम किया जा रहा है. डीसी ने पशुपालन, कृषि, बागवानी, वन, जल शक्ति, सहकारिता, ग्रामीण विकास और उद्योग विभागों से संयुक्त रूप से सुझाव और योजनाएं तैयार करने को कहा है. इन योजनाओं में स्वयं सहायता समूहों, गौसदनों और स्थानीय पशुपालकों के सुझावों को भी शामिल किया जाएगा, जिससे यह प्रयास समावेशी और व्यावहारिक हो सके.
हमीरपुर से भेजे जाएंगे सुझाव राज्य स्तरीय कार्य योजना में
डीसी ने बताया कि हिमाचल सरकार राज्य स्तरीय पशुपालन विकास योजना पर कार्य कर रही है, जिसके लिए हमीरपुर जिला से भी प्रस्ताव और सुझाव भेजे जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिला की विशिष्ट आवश्यकताओं और स्थानीय चुनौतियों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया यह रोडमैप, राज्य सरकार की नीति निर्धारण में सहायक सिद्ध होगा.