मल्टीनेशनल कंपनी की नौकरी छोड़ बन गया ‘लेमन मैन’, अब कदम चूम रही है सफलता
रायबरेली के किसान आनंद मिश्रा ने नौकरी छोड़कर नींबू और मुसम्मी की बागवानी शुरू की और कम समय में अच्छी कमाई हासिल कर ली. उनकी खेती मॉडल से आसपास के किसान भी प्रेरित हो रहे हैं. कम खर्च, कम मेहनत और ज्यादा मुनाफा इस खेती को और खास बनाता है.
उत्तर प्रदेश के रायबरेली के रहने वाले आनंद मिश्रा की कहानी आज हर किसान के लिए प्रेरणा बन गई है. कभी मल्टीनेशनल कंपनी में अच्छी नौकरी करने वाले आनंद ने जब खेती में हाथ आजमाया, तो लोगों ने मजाक उड़ाया. लेकिन आज वही लोग उनकी सफलता को देखकर हैरान रह जाते हैं. नींबू के साथ मुसम्मी की बागवानी ने उन्हें सिर्फ पहचान ही नहीं दी, बल्कि साल में लाखों की कमाई भी दिला दी. इसी वजह से लोग उन्हें अब लेमन मैन के नाम से जानते हैं. आनंद कहते हैं कि धरती कभी धोखा नहीं देती, बस सही फसल चुननी चाहिए.
नींबू की बागवानी से की शुरुआत
आनंद मिश्रा ने सबसे पहले अपने घर के पुराने नींबू के पेड़ों से प्रेरणा लेकर बागवानी शुरू की. नौकरी छोड़कर नींबू का बाग लगाया और धीरे- धीरे उन्हें समझ आया कि नींबू के साथ मुसम्मी यानी मौसम्बी की खेती भी आसानी से की जा सकती है. महाराष्ट्र के विदर्भ जैसी गर्म जलवायु न होते हुए भी उत्तर प्रदेश की मिट्टी और मौसम मुसम्मी के लिए काफी बेहतर निकले. आनंद बताते हैं कि दोमट, बलुई या केबाल यानी सामान्य मिट्टी-जिस भी मिट्टी में पौधा लगा दो, मुसम्मी आराम से बढ़ जाती है.
एक पेड़ से 50 किलो उत्पादन
मुसम्मी के एक पेड़ से औसतन 40-50 किलो फल मिल जाता है और इसी वजह से एक एकड़ में 50 से 100 कुंतल तक उत्पादन हो जाता है. नींबू के साथ मुसम्मी की खेती करने पर किसान सिर्फ फल बेचकर ही साल में 3 से 4 लाख रुपये तक की कमाई कर सकते हैं. इसकी लागत कम होती है और बीमारी भी कम लगती है, इसलिए रिस्क भी बहुत कम रहता है. यही वजह है कि कई किसान इस खेती को अपनाने लगे हैं और आसपास के किसान भी इससे प्रेरित होकर अपने खेतों में मुसम्मी लगा रहे हैं.
साथ में सब्जियां उगाकर बढ़ाई आमदनी
आनंद मिश्रा सिर्फ फलों की खेती पर ही निर्भर नहीं रहते, बल्कि खाली जगह का पूरा उपयोग करते हुए नींबू और मुसम्मी के बाग के बीच सब्जियां भी उगाते हैं. उनके खेत में लौकी, तोरई और कद्दू जैसी फसलें आसानी से तैयार हो जाती हैं, जिससे उन्हें प्रति एकड़ करीब 50,000 रुपये की अतिरिक्त आय मिलती है. यह तरीका उनकी कमाई को दोगुना कर देता है. एक तरफ मुसम्मी और नींबू से लाखों रुपये का मुनाफा और दूसरी तरफ सब्जियों से हजारों रुपये की आमदनी. इस मॉडल से साबित होता है कि एक ही खेत में सही प्लानिंग के साथ किसान दोहरी कमाई कर सकते हैं और जोखिम भी काफी हद तक कम कर सकते हैं.