खेती पर निर्भर रहना अब काफी नहीं, युवाओं को उद्योग-व्यापार की ओर बढ़ना होगा- शरद पवार

पवार ने युवाओं से अपील की कि वे नई सोच अपनाएं और सिर्फ पारंपरिक खेती तक सीमित न रहें. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में उद्योग, व्यापार और सेवा क्षेत्र ही रोजगार और विकास का मुख्य साधन होंगे.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 1 Sep, 2025 | 07:31 AM

पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान एनसीपी (एसपी) अध्यक्ष शरद पवार ने युवाओं को बड़ी सलाह दी. उन्होंने कहा कि आज की बदलती परिस्थितियों में केवल खेती पर टिके रहना पर्याप्त नहीं है. तेजी से बढ़ती जनसंख्या और बुनियादी ढांचे (इंफ्रास्ट्रक्चर) के विस्तार की वजह से खेती की जमीन लगातार घटती जा रही है. ऐसे में आने वाली पीढ़ी को उद्योग और व्यापार की ओर भी कदम बढ़ाना चाहिए.

खेती की जमीन सिकुड़ रही है

पवार ने कहा कि पुणे जिले के पुरंदर में बनने वाला नया एयरपोर्ट इस पूरे इलाके के विकास की तस्वीर बदल देगा. जिस तरह नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट ने पनवेल का चेहरा बदल दिया, वैसे ही आने वाले समय में पुरंदर और आसपास के इलाकों में भी बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा. उन्होंने कहा कि “जनसंख्या बढ़ने से इंफ्रास्ट्रक्चर पर दबाव बढ़ रहा है और खेती की जमीन सिकुड़ रही है. ऐसे में सिर्फ खेती पर निर्भर रहना आने वाले समय में युवाओं के लिए मुश्किलें पैदा कर सकता है.”

उद्योग और व्यापार ही आगे का रास्ता

पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री पवार ने कहा कि जिस तरह जन्नर, अंबेगांव और हवेली जैसे इलाकों में बदलाव दिख रहा है, उसी तरह पुरंदर भी एक नए स्वरूप में उभरेगा. उन्होंने कहा कि युवाओं को अपनी सोच बदलनी होगी. “सिर्फ खेती से काम नहीं चलेगा, हमें उद्योगों और व्यापार की दुनिया में भी कदम रखना होगा. इससे न केवल रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी.”

एयरपोर्ट बनेगा विकास का केंद्र

पवार ने स्पष्ट किया कि पुरंदर एयरपोर्ट क्षेत्रीय विकास का केंद्र बनने जा रहा है. जिस तरह पनवेल में एयरपोर्ट के चलते नई-नई संस्थाएं और उद्योग बस रहे हैं, ठीक वैसा ही परिदृश्य पुरंदर में भी बनेगा. उन्होंने कहा कि हवाई मार्ग से सफर करते समय पनवेल का बदलता चेहरा साफ दिखाई देता है और यही बदलाव कुछ सालों में पुणे जिले के अन्य हिस्सों में भी नजर आएगा.

युवाओं को दिया संदेश

पवार ने युवाओं से अपील की कि वे नई सोच अपनाएं और सिर्फ पारंपरिक खेती तक सीमित न रहें. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में उद्योग, व्यापार और सेवा क्षेत्र ही रोजगार और विकास का मुख्य साधन होंगे. खेती जरूरी है, लेकिन केवल उसी पर निर्भर रहने से भविष्य सुरक्षित नहीं होगा.

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