ऑर्गेनिक तरीके से जिमीकंद उगाकर पुरस्कृत हुए किसान श्यामलाल, अब खेती का तरीका सीखने आ रहे लोग
प्रगतिशील किसान श्याम लाल ठाकुर ने बताया कि उनका जिमिकंद पूरी तरह जैविक है, जिसकी बाजार में भारी मांग बनी हुई है. उनकी मेहनत, लगन और नवाचार का ही परिणाम है कि वे हर साल लाखों रुपये की आय अर्जित कर रहे हैं. उनके जिमिकंद के बीज न हिमाचल प्रदेश के विभिन्न जिलों के साथ ही दूसरे राज्यों के किसानों को दिए जा रहे हैं.
सही तरीके से खेती की जाए तो किसान को सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है. इसकी जीती जागती मिसाल बने हैं हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर निवासी प्रगतिशील किसान श्याम लाल ठाकुर. वह ऑर्गेनिक तरीके से जिमीकंद की खेती करते हैं, जिससे उन्हें कई लाख रुपये का मुनाफा होता है. जिमीकंद की खेती का सफल मॉडल विकसित करने के लिए उन्हें राष्ट्रपति की ओर से सम्मानित भी किया जा चुका है. इतना ही नहीं आज उनसे खेती के तरीका और उनका खेती मॉडल सीखने जानने के लिए दूसरे गांवों और जिलों से किसान पहुंचते हैं. जिमीकंद को (Jimikand), सूरन (Suran) या एलीफेंट फुट याम (Elephant Foot Yam) भी कहा जाता है. यह औषधीय गुणों से भरपूर होती है.
हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर के गांव करोट निवासी किसान श्याम लाल ठाकुर ने प्राकृतिक तरीके से खेती करके देशभर में पहचान हासिल कर ली है. उन्हें राष्ट्रपति की ओर से भी सम्मानित किया जा चुका है. प्रसार भारती की रिपोर्ट के अनुसार इलाके के लोग उन्हें ऑर्गेनिक खेती मॉडल विकसित करने के लिए मिसाल मानते हैं. श्याम लाल ठाकुर ने कहा कि वह जैविक और प्राकृतिक तरीके से खेती करते हैं. मुख्य रूप से वह जिमिकंद की खेती करते हैं. इसके अलावा उन्होंने बागवानी भी कर रखी है.
कई साल से प्राकृतिक खेती कर रहे श्याम लाल ठाकुर
गांव करोट निवासी प्रगतिशील किसान श्याम लाल ठाकुर पिछले कई वर्षों से जिमिकंद की ऑर्गेनिक तरीके से खेती कर रहे हैं और इससे वह अच्छी आमदनी हासिल कर रहे हैं. इसके साथ ही अन्य किसानों के लिए भी प्रेरणास्रोत बन चुके हैं. रासायनिक खाद और कीटनाशकों से पूरी तरह दूर रहकर प्राकृतिक तरीके से की जा रही उनकी खेती को देशभर में पहचान मिली है. उन्होंने कहा कि उन्हें स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्र के जरिए मदद मिली है.
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प्रगतिशील किसान श्यामलाल ठाकुर.
श्याम लाल का जिमीकंद बीज दूसरे राज्यों के किसानों को भेजा जा रहा
प्रगतिशील किसान श्याम लाल ठाकुर ने बताया कि उनका जिमिकंद पूरी तरह जैविक है, जिसकी बाजार में भारी मांग बनी हुई है. उनकी मेहनत, लगन और नवाचार का ही परिणाम है कि वे हर साल लाखों रुपये की आय अर्जित कर रहे हैं. खास बात यह है कि उनके द्वारा तैयार किए गए जिमिकंद के बीज न केवल हिमाचल प्रदेश के विभिन्न जिलों में, बल्कि प्रदेश से बाहर भी किसानों तक भेजे जा रहे हैं.
सरकारी योजनाओं का लाभ लेकर वह खेती में मुनाफा हासिल कर रहे
ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए श्याम लाल ठाकुर को राष्ट्रपति की ओर से सम्मानित किया जा चुका है. वे जैविक खेती के फायदों के बारे में किसानों को जागरूक कर रहे हैं और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण का संदेश भी दे रहे हैं. श्याम लाल ठाकुर का कहना है कि केंद्र और प्रदेश सरकार की कृषि एवं बागवानी से जुड़ी विभिन्न योजनाओं का सही तरीके से लाभ उठाकर किसान अपनी आमदनी में कई गुना वृद्धि कर सकते हैं. वे स्वयं नियमित रूप से सरकारी योजनाओं का लाभ ले रहे हैं और अन्य किसानों को भी जैविक खेती अपनाने तथा योजनाओं का लाभ उठाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं.