चावल-गेंहू और मक्का उत्पादन का टूटेगा रिकॉर्ड, अनुकूल मौसम ने उम्मीद बढ़ाई

बिहार सरकार ने कृषि वर्ष 2024-25 के लिए तीसरा अग्रिम अनुमान जारी कर दिया है जिसमें कुल खाद्यान्न उत्पादन 226.807 लाख मीट्रिक टन रहने की संभावना जताई गई है. चावल, गेहूं और मक्का तीनों फसलों में रिकॉर्ड उत्पादन का अनुमान है.

धीरज पांडेय
नोएडा | Published: 18 Jun, 2025 | 11:49 AM

बिहार के खेतों से इस बार नई उम्मीदें जुड़ी हैं. मौसम का मिजाज अनुकूल है और किसान मेहनत में जुटे हैं. ऐसे में चावल, गेहूं और मक्का जैसे प्रमुख अनाजों का उत्पादन रिकॉर्ड तोड़ने की ओर बढ़ रहा है. राज्य सरकार की नीतियां, तकनीक का सहयोग और किसानों की लगन इन तीनों ने मिलकर इस साल फसल उत्पादन को नए मुकाम तक पहुंचाने की जमीन तैयार कर दी है.

14 लाख टन की बढ़त का अनुमान

बिहार के माननीय उपमुख्यमंत्री-सह-कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने हाल ही में कृषि वर्ष 2024-25 के लिए तृतीय अग्रिम पूर्वानुमान जारी किया. आंकड़ों के अनुसार, राज्य में इस बार कुल खाद्यान्न उत्पादन 226.807 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच सकता है. यह पिछले साल की तुलना में 14.73 लाख मीट्रिक टन अधिक है. इस दौरान उन्होंने बताया कि चावल, गेहूं और मक्का तीनों फसलों के उत्पादन में भारी उछाल की उम्मीद है.

चावल, गेहूं और मक्का में रिकॉर्ड उत्पादन का अनुमान

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, चावल का उत्पादन 94.05 लाख मीट्रिक टन, गेहूं का 74.34 लाख मीट्रिक टन, और मक्का का 54.17 लाख मीट्रिक टन रहने का अनुमान है. यह लगातार दूसरी बार है जब इन प्रमुख फसलों के आंकड़े तेजी से बढ़े हैं. कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने इसे राज्य की नीति, तकनीकी हस्तक्षेप और किसानों की मेहनत का नतीजा बताया.

दलहन और तेलहन भी पीछे नहीं

इस बार सिर्फ अनाज ही नहीं, बल्कि दलहन और तेलहन उत्पादन में भी सुधार देखने को मिल रहा है. अनुमान है कि दलहन का उत्पादन 4.00 लाख मीट्रिक टन और तेलहन का उत्पादन 1.21 लाख मीट्रिक टन तक पहुंचेगा. ये आंकड़े राज्य की पोषण सुरक्षा और किसानों की आमदनी बढ़ाने के सरकारी संकल्प को मजबूत करते हैं.

सरकारी योजनाएं बनीं बढ़ते उत्पादन की रीढ़

इस दौरान कृषि मंत्री विजय सिन्हा ने बताया कि राज्य सरकार किसानों को समय पर क्वालिटीपूर्ण बीज, उर्वरक, तकनीकी सलाह और अनुदान सहायता प्रदान कर रही है. इसके अलावा मृदा परीक्षण, मौसम आधारित कृषि सलाह, सिंचाई सुविधाएं और फसल बीमा योजनाएं भी खेतों तक पहुंच रही हैं. इन प्रयासों की बदौलत खेतों में फसल की सेहत सुधरी है और उत्पादन बढ़ा है.

आगे की रणनीति और किसानों से अपील

कृषि मंत्री विजय सिन्हा ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इन अनुमानित आंकड़ों के आधार पर कृषि प्रबंधन, फसल विविधीकरण,मार्केटिंग और भंडारण व्यवस्था को और मजबूत किया जाए. उन्होंने किसानों से अपील की कि वे वैज्ञानिक तकनीकों को अपनाएं और अपने उत्पादन एवं मुनाफे को बढ़ाएं. क्योंकि सरकार का मानना है कि ये अनुमान भविष्य में बिहार को कृषि के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे.

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