नहीं है एजुकेशन क्वालिफिकेशन फिर भी दूध बेचकर 30 लाख की कमाई कर रही ये महिला

कर्नाटक की मंगलम्मा ने बिना ज्यादा पढ़े-लिखे और सीमित संसाधनों से डेयरी बिजनेस में बड़ी सफलता पाई है. उन्होंने एक साल में 1 लाख लीटर दूध बेचकर 30 लाख रुपये कमाई की.

नोएडा | Updated On: 11 May, 2025 | 10:08 PM

लोगों का लगता है कि लाखों रुपये की कमाई करने के लिए पढ़ा-लिखा होना जरूरी है. लेकिन कर्नाटक की एक महिला गोपालक ने इसे छुठला दिया है. ये महिला न तो पढ़ी-लिखी हैं और न ही किसी बड़ी जगह से आती हैं, लेकिन मेहनत और हिम्मत से उन्होंने मिसाल कायम की है. ये महिला दूध और इससे बने प्रोडक्ट्स बेचकर साल में लाखों रुपये की कमाई कर रही है. अब दूसरे लोग पशुपालन शुरू करने के लिए इनसे बारीकी सीख रहे हैं.

दरअसल, हम जिस महिला पशुपालक की बात करने जा रहे हैं, उनका नाम मंगलम्मा है. ये बेंगलुरु से 150 किमी दूर मंड्या जिले के डिंका गांव की रहने वाली हैं. 47 वर्षीय मंगलम्मा ने पिछले साल सिर्फ गायों का दूध बेचकर 30 लाख रुपये की कमाई की. मंगलम्मा के पास 30 गायें और 2 भैंसें हैं, जिनसे उन्होंने सालभर में करीब 1 लाख लीटर दूध बेचा. इसके लिए उन्हें इंडियन डेयरी एसोसिएशन (साउथ जोन) द्वारा आयोजित सदर्न डेयरी समिट 2025 में ‘कर्नाटक की सर्वश्रेष्ठ डेयरी किसान’ के सम्मान से नवाजा गया है. आज वे अपने गांव में एक प्रेरणा बन चुकी हैं.

ऐसे शुरू किया पशुपालन

द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, मंगलम्मा ने अपनी डेयरी यात्रा की शुरुआत बहुत ही साधारण तरीके से की थी. उन्होंने पशुपालन की शुरुआत कुछ गायों के साथ की थी. मंगलम्मा का कहना है कि करीब 20 साल पहले मेरे पति और मैंने मिलकर डेयरी बिजनेस शुरू करने का फैसला किया. हमने रिसर्च की, सेमिनार में भाग लिया और वैज्ञानिक तरीकों से दूध उत्पादन सीखना शुरू किया. उनका कहना है कि शुरुआत में पूंजी नहीं थी, इसलिए छोटे स्तर पर काम शुरू किया. लेकिन आज वे अपनी डेयरी में मिल्किंग मशीन से लेकर संतुलित और प्लान्ड फीडिंग सिस्टम जैसे लगभग हर वैज्ञानिक तरीका अपनाती हैं. उनकी मेहनत और सीखने की लगन ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया.

रोजाना 300 लीटर दूध का उत्पादन

उसके पशुओं को एक खास योजना के तहत पौष्टिक आहार दिया जाता है, जिसमें मक्का, अनाज और जैसी पोषणयुक्त चीजें शामिल हैं. साथ ही कुछ नंदिनी के सप्लीमेंट भी शामिल हैं. उनकी गौशाला से रोजाना लगभग 300 लीटर दूध का उत्पादन होता है. मंगलम्मा का पूरा परिवार, उनके बेटे भी, फार्म के कामकाज में सक्रिय रूप से शामिल हैं. उनके बढ़ते हुए डेयरी व्यवसाय ने गांव की तीन और परिवारों को रोजगार भी दिया है, जो उनकी सफलता का सकारात्मक असर दिखाता है. मंगलम्मा कहती हैं कि मैं चाहती हूं कि मेरी कहानी उन लोगों तक पहुंचे जो डेयरी फार्मिंग शुरू करना चाहते हैं, ताकि हम मिलकर एक ऐसा समुदाय बना सकें जो एक-दूसरे की मदद करे.

Published: 11 May, 2025 | 01:55 PM