बारिश की पहली फुहार जब धरती को छूती है, तो खेतों में हरियाली लौटती है, बीजों में जान आती है और फसलें मुस्कुराने लगती हैं. लेकिन इस बार मानसून की राहत के साथ एक अजीब और अनचाहा मेहमान भी खेतों में दस्तक दे बैठा है विशाल अफ्रीकी घोंघा. नाम जितना भारी, असर उससे कहीं ज्यादा खतरनाक. धीरे-धीरे चलने वाला यह घोंघा सब्जियों, पौधों और फसलों को चुपचाप चट कर जाता है, और इतना ही नहीं इंसानों के लिए भी बीमारी का कारण बन सकता है. तो आखिर कौन है ये घोंघा? और कैसे बचा सकते हैं किसान अपनी मेहनत की फसल को इसकी मार से? आइए जानते हैं.
क्या है यह विशाल अफ्रीकी घोंघा?
यह घोंघा अफ्रीका का मूल निवासी है लेकिन अब भारत, श्रीलंका, थाईलैंड, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया तक फैल चुका है. इसका खोल लंबाई में 15 से 20 सेंटीमीटर तक हो सकता है और यह रात में सबसे अधिक सक्रिय रहता है. यह घोंघा मिट्टी, दीवार, लकड़ी और प्लास्टिक तक खा सकता है, लेकिन इसका मुख्य निशाना होता है हरी सब्जियां, पौधों की पत्तियां, बीज और फल.
क्यों है यह घोंघा खतरनाक?
फसलों को नुकसान: यह घोंघा टमाटर, मिर्च, फूलगोभी, केला, धनिया, गन्ना, पपीता, और ब्रोकली जैसी 500 से अधिक फसलों को चट कर सकता है. किसान पूरी फसल खो बैठते हैं क्योंकि यह रातों-रात कई पौधों को चट कर जाता है.
सेहत पर खतरा: यह घोंघा ‘Angiostrongylus cantonensis’ नामक परजीवी को अपने शरीर में पालता है, जो इंसानों में ईऑसिनोफिलिक मेनिन्जाइटिस नामक घातक बीमारी फैला सकता है. इसके स्राव (slime) से आंख, मुंह या कटे हुए हिस्से पर संक्रमण फैल सकता है.
स्थानीय जैवविविधता के लिए खतरा: यह स्थानीय घोंघा प्रजातियों को भी खत्म कर देता है, जिससे पारिस्थितिकी तंत्र का संतुलन बिगड़ता है.
भारत में स्थिति
केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, गोवा और महाराष्ट्र जैसे राज्य अफ्रीकी घोंघा की बुरी चपेट में हैं. कर्नाटक के कोडागु जिले में तो इन घोंघों के लिए लोगों को पैसे देकर मारे गए घोंघों को जमा करने की योजना भी बनाई गई थी. इससे नर्सरी, रसोई बागवानी (किचन गार्डन) और छोटे किसानों को सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है.
कैसे करें इससे बचाव? आसान और कारगर उपाय
1. नमक का छिड़काव
नमक घोंघा की त्वचा पर जलन करता है और उसे मारने में कारगर है. पौधों के चारों ओर हल्का नमक छिड़कें, लेकिन ज्यादा मात्रा न डालें ताकि मिट्टी को नुकसान न हो.
2. बीयर ट्रैप (Beer Trap)
बीयर या गुड़-पानी के घोल को किसी कटोरे में भरकर जमीन में थोड़ा गाड़ दें. घोंघा इसकी खुशबू से आकर्षित होकर उसमें गिर जाता है.
3. जैविक नियंत्रण (Biological Control)
“Indian Runner Duck” जैसे पक्षी इन घोंघों को खाते हैं. परजीवी या शिकारी कीट (जैसे फायरफ्लाइ लार्वा) भी इनका नियंत्रण कर सकते हैं.
4. साफ-सफाई और निगरानी
खेत या बगीचे में पत्थरों, लकड़ियों और झाड़ियों की सफाई करें जहां यह घोंघा दिन में छिप सकता है.
5. रात में खोज और नष्ट करें
यह घोंघा रात में सबसे सक्रिय रहता है, ऐसे में रात को टॉर्च लेकर ढूंढें और नमक या गरम पानी में डालकर नष्ट करें.