यूएस टैरिफ के बीच भारत की न्यूजीलैंड के साथ बड़ी डील, बिना टैक्स के आएगा और जाएगा कृषि सामान
भारत और न्यूजीलैंड के बीच फ्री ट्रेड डील फाइनल हो गई है, जिससे भारतीय बाजार में कई विदेशी सामान सस्ते होंगे. इस समझौते के तहत आधे से ज्यादा प्रोडक्ट पहले ही दिन से ड्यूटी फ्री मिलेंगे. इसका सीधा फायदा आम ग्राहकों और मिडिल क्लास को मिलने की उम्मीद है.
India New Zealand FTA : भारत और न्यूजीलैंड के बीच लंबे समय से अटकी फ्री ट्रेड डील आखिरकार फाइनल हो गई है. इस समझौते के लागू होते ही भारतीय बाजार में कई विदेशी सामान के साथ कीवी, सेब, ऊन और डेयरी प्रोडक्ट सस्ते हो जाएंगे. खास बात यह है कि न्यूजीलैंड से आने वाले आधे से ज्यादा प्रोडक्ट पर पहले ही दिन से कोई आयात शुल्क नहीं लगेगा. इसका सीधा असर आम ग्राहकों की जेब और बाजार की कीमतों पर पड़ेगा.
10 साल बाद बनी बात, 9 महीनों में हुआ फैसला
भारत और न्यूजीलैंड के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को लेकर बातचीत करीब 10 साल पहले शुरू हुई थी, लेकिन अलग-अलग कारणों से यह आगे नहीं बढ़ पाई. इस साल मार्च में दोनों देशों ने दोबारा बातचीत शुरू की और सिर्फ 9 महीनों के भीतर समझौते को अंतिम रूप दे दिया. यह डील दोनों देशों के लिए रणनीतिक रूप से काफी अहम मानी जा रही है, क्योंकि इससे व्यापार और निवेश के नए रास्ते खुलेंगे.
95 प्रतिशत सामान पर टैरिफ खत्म या कम
इस फ्री ट्रेड डील के तहत न्यूजीलैंड से भारत आने वाले करीब 95 प्रतिशत सामान पर आयात शुल्क या तो पूरी तरह खत्म कर दिया गया है या काफी कम कर दिया गया है. सबसे बड़ी बात यह है कि 50 प्रतिशत से ज्यादा प्रोडक्ट्स डे-वन से ही ड्यूटी फ्री होंगे. यानी समझौते के लागू होते ही ये सामान बिना किसी अतिरिक्त टैक्स के भारतीय बाजार में बिकेंगे. इससे इन प्रोडक्ट्स की कीमतों में सीधी गिरावट आने की उम्मीद है.
कीवी, सेब, ऊन और डेयरी प्रोडक्ट होंगे सस्ते
इस डील का सबसे बड़ा फायदा आम ग्राहकों को मिलेगा. न्यूजीलैंड से आने वाले कीवी फल, सेब, ऊन और ऊन से बने कपड़े पहले के मुकाबले सस्ते हो सकते हैं. इसके अलावा लकड़ी और कुछ खास डेयरी प्रोडक्ट्स की कीमतों में भी कमी आने की संभावना है. मिडिल क्लास परिवारों के लिए यह राहत भरी खबर है, क्योंकि अब विदेशी फल और दूसरे प्रोडक्ट ज्यादा किफायती दामों पर मिल सकते हैं.
2030 तक भारत बनेगा बड़ा बाजार, इसी वजह से डील
न्यूजीलैंड ने यह समझौता भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को ध्यान में रखते हुए किया है. अनुमान है कि 2030 तक भारतीय अर्थव्यवस्था करीब 12 ट्रिलियन न्यूजीलैंड डॉलर, यानी लगभग 627 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है. भारत की बड़ी आबादी और बढ़ती खरीदने की ताकत न्यूजीलैंड के डेयरी, फल और ऊन उद्योग के लिए बड़ा मौका है. इसी वजह से भारत को उनके लिए भविष्य का सबसे अहम बाजार माना जा रहा है. यह डील भारत की ग्लोबल ट्रेड नीति का भी हिस्सा है. पिछले 5 सालों में भारत 7 फ्री ट्रेड एग्रीमेंट साइन कर चुका है. इससे पहले ऑस्ट्रेलिया और यूएई के साथ हुई डील्स से भारत को व्यापारिक फायदा मिला है. भारत-न्यूजीलैंड समझौता भी उसी दिशा में एक और मजबूत कदम माना जा रहा है.