सहकारी टैक्सी की सैर करेंगे लोग, दिल्ली और गुजरात से होगी शुरुआत

केंद्र सरकार सहकारिता क्षेत्र में नई पहल करते हुए ओला-उबर की तर्ज पर सहकार टैक्सी सेवा की शुरुआत करने जा रही है. सहकारिता मंंत्रालय द्वारा की गई इस पहल का उद्देश्य उपभोक्ताओं और टैक्सी चालकों को सीधा फायदा पहुंचाना है.

नोएडा | Published: 21 Aug, 2025 | 01:13 PM

दिल्ली और गुजरात की सड़कों पर जल्दी ही जनता के लिए सहाकरी टैक्सियां दौड़ती नजर आएंगी. दरअसल, केंद्र सरकार सहकारिता क्षेत्र में नई पहल करते हुए ओला-उबर की तर्ज पर सहकार टैक्सी सेवा की शुरुआत करने जा रही है. सहकारिता मंंत्रालय द्वारा की गई इस पहल का उद्देश्य उपभोक्ताओं और टैक्सी चालकों को सीधा फायदा पहुंचाना है. देश में सबसे पहले सहकारी टैक्सी की सेवा राजधानी दिल्ली और गुजरात में शुरू की जाएगी. बता दें कि, सहकारिता मंत्रालय ने सुचारू रूप से इसको चलाने के लिए को-आपरेटिव लिमिटेड का गठन कर दिया है. लोगो तक टैक्सी की सेवा पहुंचाने के लिए मोबाइल ऐप का काम जारी है.

चालक तय करेंगे नियम और शर्तें

सहकारिता मंत्रालय द्वारा शुरू की जाने वाली सहकार टैक्सी की सेवा का फायदा टैक्सी चालकों को सीधे तौर पर मिलेगा. इस योजना के लिए तैयार की गई सहकारी समिति में चालक सदस्य की तरह शामिल होंगे. इसलिए नियम, किराया और शर्तें भी वही तय करेंगे. समिति द्वारा बनाए गए नियमों के अनुसार, चालकों को सुरक्षा बीमा, लोन और अन्य सुविधाएं भी दी जाएंगी.  साथ ही चालकों को किसी भी तरह के मनमाने जुर्माने और अकाउंट ब्लॉक जैसी समस्याओं से भी दो-चार नहीं होना पड़ेगा. इस सेवा से चालकों को एक फायदा ये भी होगा कि सहकारिता को प्रोत्साहन देने वाली नीतियों से चालकों को लाइसेंस और सरकार की ओर से वित्तीय मदद भी आसानी से मिल सकेग.

राइड की पूरी कमाई चालकों को मिलेगी

राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (National Cooperative Development Corporation) द्वारा सोशल मीडिया पर दी गई जानकारी के अनुसार, ओला और ऊबर जैसी कंपनियों के लिए टैक्सी चलाने वाले ड्राइवरों को अपनी कमाई का 20 से 30 फीसदी कमीशन के रूप में कंपनी को देना पड़ता है. लेकिन सहकारी टैक्सी सेवा से जुड़ने के बाद ऐसा नहीं होगा. सहकारी माडल में उनकी लगभग पूरी कमाई उन्हीं की होगी. इस तरह कमीशन न कटने पर चालकों को हर राइड पर ज्यादा आमदनी होगी. आमतौर पर टैक्सी सर्विस देने वाली कंपनियां अपने मनमाने रूट के हिसाब से ही राइड चलाकर मोटा कमीशन कमाने का कमा करती हैं.

उपभोक्ताओं को कैसे मिलेगा फायदा

आज के समय पर भागदौड़ भरी जिंदगी में समय बचाने के लिए लोग टैक्सी सर्विस का इस्तेमाल करते हैं ताकि उनका समय बचे, लेकिन अकसर ऐसा होता है कि टैक्सी सर्विस देने वाली कंपनियों की टैक्सी समय पर नहीं आती है या फिर बार-बार राइड कैंसल की भी समस्या आती है. ऐसे में उनकी शिकायत सुनने वाला भी कोई नहीं है. लेकिन सहकारी मॉडल में ऐसा नहीं होगा. इस सेवा में उपभोक्ताओं की शिकायतों का निवारण जल्द से जल्द किया जाना सुनिश्चित किया जाएगा. साथ ही सरकार को भरोसा है कि सहकारी संस्था होने से यात्रियों का भरोसा बढ़ेगा कि यह किसी मुनाफाखोर कंपनी की सेवा नहीं है.