गन्ना किसानों को समय पर पैसा मिलेगा, भुगतान न करने वाली मिलों पर होगा एक्शन

मुख्यमंत्री ने कहा कि बेहतर गन्ना उत्पादन के लिए किसानों को उन्नत बीज समय पर मिलना चाहिए. इसके लिए कृषि विज्ञान केंद्र (KVK), चीनी मिलें और गन्ना समितियां मिलकर काम करें.

नई दिल्ली | Updated On: 6 May, 2025 | 11:08 AM

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गन्ना किसानों को बड़ी राहत देते हुए कहा है कि अब चीनी मिलों को गन्ना खरीद के लिए जो क्षेत्र (कमांड एरिया) आवंटित किया जाएगा, वह इस बात पर निर्भर करेगा कि वे किसानों को समय पर गन्ने का मूल्य चुका रही हैं या नहीं. जो मिलें भुगतान में लापरवाही करेंगी, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

मुख्यमंत्री ने यह निर्देश चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग की समीक्षा बैठक में दिए, जहां गन्ना भुगतान, उत्पादन, आधारभूत ढांचे, रोजगार और भावी योजनाओं की जानकारी दी गई.

मुख्यमंत्री ने कहा कि बेहतर गन्ना उत्पादन के लिए किसानों को उन्नत बीज समय पर मिलना चाहिए. इसके लिए कृषि विज्ञान केंद्र (KVK), चीनी मिलें और गन्ना समितियां मिलकर काम करें. उन्होंने ज़ोर दिया कि ये सभी संस्थाएं किसानों के खेतों तक जाएं, संवाद करें और उन्हें नई तकनीकों की जानकारी दें. उन्होंने किसान गोष्ठियों में मंत्रियों की भागीदारी को भी जरूरी बताया, ताकि सरकार और किसानों के बीच सीधा जुड़ाव बना रहे.

कामकाज और क्षमता की होगी गहन समीक्षा

मुख्यमंत्री योगी ने राज्य की कोऑपरेटिव और फेडरेशन की चीनी मिलों की व्यापक समीक्षा के आदेश दिए. उन्होंने कहा कि सिर्फ मिल की उत्पादन क्षमता ही नहीं, वहां काम कर रहे कर्मचारियों की योग्यता की भी जांच होनी चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने चीनी मिलों के मौजूदा 142 कार्यदिवस बढ़ाकर 155 दिन करने की जरूरत जताई.

रिकॉर्ड भुगतान: 8 वर्षों में 2.86 लाख करोड़ रुपए 

मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि मौजूदा सरकार के कार्यकाल में अब तक ₹2,85,994 करोड़ का गन्ना मूल्य भुगतान किया जा चुका है, जो 1995-2017 की अवधि से ₹72,474 करोड़ ज्यादा है. वर्ष 2024-25 के लिए निर्धारित ₹34,466 करोड़ में से 2 मई तक ₹28,874 करोड़ यानी 83.8 फीसदी भुगतान पूरा हो चुका है. मुख्यमंत्री ने भुगतान प्रक्रिया को और तेज और पारदर्शी बनाने के निर्देश दिए.

राज्य में गन्ना उत्पादन लगातार बढ़ रहा है. 2016-17 में जहां 20.54 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में गन्ना बोया गया था, वहीं 2024-25 तक यह बढ़कर 29.51 लाख हेक्टेयर हो गया है. उत्पादकता भी 72.38 टन/हेक्टेयर से बढ़कर 84.10 टन/हेक्टेयर हो चुकी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर योजनाबद्ध प्रयास किए जाएं, तो उत्पादन और उत्पादकता को दोगुना किया जा सकता है.

गन्ना उद्योग से लाखों लोगों को मिला रोजगार

राज्य में 45 जिलों में 122 चीनी मिलें, 236 खांडसारी इकाइयां, 8707 कोल्हू इकाइयां, 65 कोजेन और 44 डिस्टिलरी इकाइयां सक्रिय हैं. इनसे करीब 9.81 लाख लोगों को सीधा रोजगार मिला है. इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिली है.

एथेनॉल उत्पादन से किसानों की आमदनी बढ़ेगी

मुख्यमंत्री ने कहा कि एथेनॉल उत्पादन राज्य की ऊर्जा सुरक्षा और किसानों की आय बढ़ाने में मददगार साबित हो रहा है. 2023-24 में राज्य की 102 डिस्टिलरियों ने 150.39 करोड़ लीटर एथेनॉल का उत्पादन किया. इसके अलावा निजी निवेश से 6,772 करोड़ रुपये की लागत से 105 करोड़ लीटर अतिरिक्त एथेनॉल उत्पादन क्षमता भी जोड़ी जा रही है. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि पेट्रोल में एथेनॉल मिलाने की प्रक्रिया को तेज किया जाए.

Published: 6 May, 2025 | 07:31 AM