आंध्र प्रदेश में 51 लाख टन होगी धान की खरीदी, 24 घंटे के अंदर किसानों के खातों में होगा भुगतान

आंध्र प्रदेश सरकार ने इस खरीफ सीजन में धान खरीद के लिए छह करोड़ जूट के बोरे तैयार किए हैं. 51 लाख टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा गया है. किसानों को 24 घंटे में भुगतान, स्मार्ट कार्ड से गेहूं आटा वितरण, दीपम-2 योजना और फसल सुरक्षा के उपाय लागू किए गए हैं.

नई दिल्ली | Updated On: 5 Nov, 2025 | 08:02 PM

Agriculture News: आंध्र प्रदेश के सिविल सप्लाइज मंत्री एन मनोहर ने बुधवार को कहा कि इस खरीफ सीजन के लिए धान खरीद के लिए छह करोड़ जूट के बोरे तैयार किए गए हैं. राज्य इस बार 51 लाख टन धान खरीदने का लक्ष्य रख रहा है, जिसकी कीमत 12,200 करोड़ रुपये है. मंत्री ने कहा कि एनडीए गठबंधन सरकार के ‘किसान-मित्र सुधारों’ की वजह से किसानों को न्याय सुनिश्चित किया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने खरीद प्रक्रिया को पारदर्शी और कुशल बनाने के लिए कई सुधार लागू किए हैं.

मंत्री ने कहा कि इस खरीफ सीजन के लिए 4,000 से ज्यादा ऋतु सेवा केंद्र  (Rythu Seva Kendras), लगभग 3,800 धान खरीद केंद्र और 16,700 कर्मचारी तैनात किए गए हैं. किसानों को धान खरीदने के 24 घंटे के भीतर भुगतान करने की व्यवस्था की जा रही है. मंत्री ने कहा कि नमी की सही जांच के लिए सभी मशीनें एक ही कंपनी की होंगी. जिलों में खरीद की प्रगति पर नजर रखने के लिए साप्ताहिक और मासिक समीक्षा भी की जाएगी.

2,400 टन आटा तैयार किया जा रहा है

न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, मनोहर ने यह भी कहा कि जनवरी से राइस कार्डधारकों को एक किलो गेहूं का आटा 18 रुपये प्रति किलो के हिसाब से उपलब्ध कराया जाएगा. उन्होंने कहा कि 2,400 टन आटा तैयार किया जा रहा है और स्मार्ट कार्डों  में से 92 फीसदी वितरित हो चुके हैं, बाकी कार्ड मनमित्र ऐप के जरिए दिए जाएंगे. इसके अलावा, मंत्री ने बताया कि बारिश के पूर्वानुमान को ध्यान में रखते हुए किसानों को खरीद के दौरान अपनी उपज सुरक्षित रखने के लिए 50,000 तिरपाल शीट मुफ्त वितरित की जाएंगी.

90 लाख लोगों को मिल चुका लाभ

‘दीपम-2’ योजना के तहत, जिसमें हर साल तीन मुफ्त रसोई गैस सिलेंडर दिए जाते हैं, अब तक 90 लाख लोगों को लाभ मिल चुका है. उन्होंने कहा कि हाल ही में आए चक्रवात से प्रभावित 2.39 लाख परिवारों को आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराई गईं. मनोहर ने कहा कि इस सीजन में धान की फसल 39 लाख से अधिक एकड़ में पंजीकृत हुई है, जिससे लगभग 85 लाख टन उत्पादन होने की उम्मीद है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि फसल हानि की स्थिति में भी धान की खरीद पूरी तरह होगी और 100 फीसदी पंजीकृत उपज खरीदी जाएगी.

धान खरीद प्रक्रिया होगी पारदर्शी

वहीं, तेलंगाना में इस बार धान खरीद प्रक्रिया में गड़बड़ियों को रोकने और काम को आसान बनाने के लिए राज्य सरकार ने खरीद केंद्रों पर आधुनिक तकनीक  लागू करने का फैसला किया है. अब केंद्रों पर पैडी हस्कर मशीनें लगाई जाएंगी, जो धान की उत्तम किस्म की पहचान करेंगी. फिलहाल कर्मचारियों को धान की गुणवत्ता जांचने के लिए हाथ से खोलकर दाने जांचने पड़ते हैं, लेकिन मशीनों के आने से यह प्रक्रिया तेज और सटीक हो जाएगी.

Published: 6 Nov, 2025 | 06:45 AM

Topics: