मामूली सी दिखने वाली मक्खी ले सकती है घोड़े की जान! ये लक्षण दिखें तो फौरन हो जाइए सतर्क

सर्रा एक जानलेवा बीमारी है, जो डंस मक्खी के काटने से घोड़ों और दूसरे पशुओं में फैलती है. समय रहते लक्षण पहचानकर इलाज शुरू कर देना जरूरी है, वरना जान जाने का खतरा बढ़ जाता है.

धीरज पांडेय
नोएडा | Published: 24 Jul, 2025 | 06:20 PM

बरसात का मौसम हो या गर्मी का, अगर आप घोड़े पालते हैं तो एक छोटी सी दिखने वाली मक्खी से सावधान हो जाइए. क्योंकि ये मक्खी सिर्फ तंग ही नहीं करती, बल्कि आपके घोड़े की जान भी ले सकती है. इसका नाम है डंस मक्खी, जिसे वैज्ञानिक भाषा में देवेनस फ्लाई कहा जाता है.

इस मक्खी के काटने से घोड़ों में एक गंभीर परजीवी रोग फैलता है, जिसे सर्रा या ट्रीपेनोसोमिएसिस कहा जाता है. यह बीमारी धीरे-धीरे शरीर को अंदर से खोखला कर देती है. लक्षण नजर आने पर अगर समय पर इलाज नहीं किया गया तो घोड़े की जान तक जा सकती है. इसलिए पशुपालकों के लिए यह जरूरी है कि वे इस बीमारी को पहचानें और तुरंत एक्शन लें.

मक्खी के काटने से खून में फैलता है जानलेवा परजीवी

सर्रा रोग को गांवों में तीबरसा या गलत्या के नाम से जाना जाता है. यह एक खतरनाक बीमारी है, जो डंस मक्खी के काटने से फैलती है. जब यह मक्खी घोड़े को काटती है तो उसके शरीर में ट्रायपेनोसोमा नाम का परजीवी चला जाता है. यह परजीवी खून के जरिए शरीर के कई हिस्सों में फैलता है और धीरे-धीरे जानवर को कमजोर बना देता है. शुरू में इसके लक्षण हल्के होते हैं, इसलिए पहचानना मुश्किल होता है. लेकिन समय पर इलाज न होने पर यह बीमारी जानलेवा साबित हो सकती है. इसलिए सतर्क रहना जरूरी है.

इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज

  • घोड़े को कभी तेज, तो कभी हल्का बुखार आता है जो लंबे समय तक बना रह सकता है.
  • घोड़े का वजन तेजी से कम होने लगता है, शरीर कमजोर और हड्डियाँ बाहर दिखने लगती हैं.
  • घोड़ा खाना-पीना छोड़ देता है या बहुत कम खाता है, जिससे कमजोरी और थकावट बढ़ती है.
  • शरीर में खून की कमी हो जाती है, मसूड़े, आंखें और त्वचा पीली पड़ने लगती है.
  • घोड़े के पैरों और पेट के निचले हिस्से में सूजन आने लगती है, चलने में दिक्कत होती है.
  • घोड़ा दीवार में सिर मारता है, हवा में काटने की कोशिश करता है या बिना वजह बेचैन रहता है.
  • कई बार घोड़ा अंधा हो जाता है या बिना कारण जोर-जोर से उछलने-कूदने लगता है.

समय पर इलाज जरूरी

अगर घोड़े में इनमें से कोई भी लक्षण दिखे तो तुरंत नजदीकी पशु चिकित्सक से संपर्क करें. क्योंकि डॉक्टर परीक्षण कर सही दवा देंगे और इलाज शुरू करेंगे. शुरुआती इलाज से घोड़े की जान बचाई जा सकती है. लेकिन अगर देर हुई तो बीमारी गंभीर हो सकती है और इलाज मुश्किल हो जाता है. इसलिए घोड़े के व्यवहार और स्वास्थ्य पर नजर रखें और लक्षण दिखते ही तुरंत इलाज शुरू कराएं. यही सबसे सुरक्षित उपाय है.

ऐसे करें सर्रा रोग से बचाव

  • डंस मक्खी से बचाना ही सबसे अच्छा उपाय है.
  • घोड़े को मक्खियों से दूर रखें, खासकर सुबह-शाम के समय.
  • पशु शेड की साफ-सफाई रखें और नियमित दवाओं या स्प्रे का छिड़काव करें.
  • घोड़े के शरीर पर मक्खी भगाने वाला तेल या स्प्रे लगाएं.
  • आसपास की झाड़ियों और गंदगी को साफ रखें, ताकि मक्खियां न पनपें.

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Published: 24 Jul, 2025 | 06:20 PM

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