राजस्‍थान के झुंझुनू में हजारों किसानों ने समझे खेती के नए तौर-तरीके

शेखावाटी क्षेत्र के 5000 से ज्‍यादा किसानों को कृषि में नए ट्रेंड्स के तहत ऑर्गेनिक फार्मिंग, प्राकृतिक खेती और उन्‍नत फसल और बीज किस्मों के बारे में बताया गया. यहां पर हर साल इस मेले का आयोजन होता है.

Kisan India
Noida | Published: 6 Mar, 2025 | 05:08 PM

राजस्थान के झुंझुनू जिले में एक कृषि मेले का आयोजन हुआ. झुंझुने के चिड़ावा में हुए इस कृषि मेले में शामिल विशेषज्ञों ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए खेती में एकीकृत दृष्टिकोण अपनाने पर जोर दिया. साथ ही साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए बागवानी को बढ़ावा देने की अपील भी की गई. उनका कहना था कि इससे किसानों की बाजार पर निर्भरता कम होगी. यह मेला 3 मार्च को आयोजित किया गया था और इस एक दिन चले मेले में प्रतिभागियों को नई कृषि तकनीकों, ऑर्गेनिक फार्मिंग, प्राकृतिक खेती और उन्‍नत फसल और बीज किस्मों के बारे में बताया गया.

ताकि किसानों को मिले ज्‍यादा पैदावार

शेखावाटी क्षेत्र के 5000 से ज्‍यादा किसानों को कृषि में नए ट्रेंड्स के बारे में बताया गया ताकि वो अपने खेतों में अधिक फसल पैदावार हासिल करने में सफल हो सकें. द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार बुलंदशहर के किसान, शिक्षक और प्रशिक्षक भारत भूषण त्यागी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन और भूजल के लगातार और अनियंत्रित दोहन से किसानों की आय लगातार कम हो रही है. ऐसे में किसानों को कृषि में एकीकृत दृष्टिकोण अपनाना चाहिए. साथ ही लाभकारी कीमत हासिल करने के लिए अपनी उपज के लिए सर्टिफिकेशन हासिल करने के अलावा फूड प्रोसेसिंग जैसे काम भी करने चाहिए.

हर साल आयोजित होता यह मेला

मेले का आयोजन रामकृष्ण जयदयाल डालमिया सेवा संस्थान की तरफ से किया गया था. इसमें कृषि विज्ञान केन्द्र, आबूसर और पर्यावरण एवं विकास अध्ययन केन्द्र, जयपुर ने भी मदद की थी. डालमिया सेवा संस्थान के ट्रस्टी रघु हरि डालमिया ने कहा कि किसानों को वॉटर हार्वेस्टिंग पर ध्यान देना चाहिए. साथ ही उन्‍हें कम पानी वाली फसलें उगानी चाहिए. शेखावटी में हर साल यह मेला आयोजित किया जाता है. यह सीकर, चूरू और झुंझुनू जिलों का संयुक्त मेला है जिसक प्रबंधन सीकर प्रशासन की तरफ से होता है.

शेखावटी में बढ़ी किसानों की आय

पिछले कुछ वर्षों में शेखावाटी क्षेत्र में खेती के तरीकों में काफी बदलाव देखने को मिला है. यहां के किसानों ने उत्पादकता बढ़ाने के लिए नई तकनीकों को अपनाया है. यहां के किसान अब वॉटर हार्वेस्टिंग, ड्रिप सिंचाई और ऑर्गेनिक खेती जैसे तरीकों को अपना रहे हैं. इन तकनीकों की वजह से यहां पैदावार बढ़ी है, बुवाई का क्षेत्र बढ़ा है और किसानों की वार्षिक आय में भी इजाफा हुआ है. शेखावटी क्षेत्र अब कृषि उत्पादों का निर्यात करता है.

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