कश्मीरी सेब के बाग में घुसा बाढ़ का पानी, फसल को भारी नुकसान.. सर्वे का काम शुरू

जम्मू-कश्मीर के बडगाम जिले में झेलम नदी का बांध टूटने से आई बाढ़ ने धान और सेब की फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया. करीब 2,723 हेक्टेयर कृषि भूमि डूबी, जिसमें 33 फीसदी से अधिक फसल नष्ट हो गई.

नोएडा | Updated On: 7 Sep, 2025 | 03:14 PM

Apple Farmer: भारी बारिश और बाढ़ से केवल पंजाब और हरियाणा में ही फसलों को नुकसान नहीं पहुंच रहा है, बल्कि जम्मू-कश्मीर के बडगाम जिला भी प्रभावित है. जिले में हाल ही में आई बाढ़ से जानमाल की हानि समय रहते सरकारी हस्तक्षेप के कारण टल गई, लेकिन इस बाढ़ ने धान और सेब की खड़ी फसल को भारी नुकसान पहुंचाया है. श्रीनगर के बाहरी इलाके में झेलम नदी के किनारे बने बांध में गुरुवार तड़के एक दरार आ गई, जिससे बडगाम के कई गांवों में पानी घुस गया. बाढ़ का पानी खेतों और घरों तक पहुंच गया, जिससे किसानों की फसल तबाह हो गई.

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, शालिना, राख शालिना, समरबुग, ज़ूनिपोरा, सीरबाग और बाग-ए-शाकुरशाह जैसे गांव सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. प्रशासन की शुरुआती रिपोर्ट के अनुसार, सिर्फ बडगाम में करीब 2,723 हेक्टेयर खेती की जमीन पानी में डूब गई है. इनमें से करीब 1,702 हेक्टेयर जमीन पर खड़ी फसल का 33 फीसदी से ज्यादा नुकसान हुआ है, जिसमें सबसे ज्यादा धान की फसल प्रभावित हुई है. अधिकारियों का कहना है कि अभी नुकसान का पूरा आकलन किया जा रहा है और फाइनल रिपोर्ट आने में समय लगेगा.

किसानों की क्या है पीड़ा

बाढ़ ऐसे समय आई है जब किसान फसल की कटाई की तैयारी कर रहे थे. शालिना गांव के एक किसान ने कहा कि मेरे पास चार कनाल जमीन है, जिस पर मैं धान की खेती करता हूं. यही मेरी आमदनी और परिवार का पेट भरने का सहारा था. फसल तैयार थी, तभी बाढ़ आ गई. अब सालभर की मेहनत, खाना और आमदनी चला गया. अब समझ नहीं आ रहा क्या करें. बस उम्मीद है कि सरकार हमारी मदद करेगी.

गांववालों की चेतावनी

गांववालों ने चेतावनी दी है कि अगर उन्हें जल्द और उचित मुआवजा नहीं मिला, तो आने वाले महीनों में कई परिवारों को खाने की परेशानी झेलनी पड़ सकती है. दक्षिण कश्मीर से भी इसी तरह की बाढ़ और फसल नुकसान की खबरें आ रही हैं. अनंतनाग और पुलवामा जिलों में धान के खेतों और सेब के बागानों को भारी नुकसान होने की आशंका जताई गई है.

कई गांवों में बाढ़ का पानी घुसा

अधिकारियों का कहना है कि कई जगहों पर सेब की फसल को नुकसान हो सकता है. बागवानी विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि हम फिल्ड से डेटा जुटा रहे हैं. सर्वे पूरा होने के बाद ही नुकसान की सही तस्वीर सामने आएगी. हालांकि, बडगाम से शुक्रवार को एक राहत की खबर आई है. जूनिपोरा के पास जहां बंध टूटा था, वहां अब पानी उलटी दिशा में बहकर गांवों से झेलम नदी की तरफ लौट रहा है. अधिकारियों को उम्मीद है कि अगर जलस्तर तेजी से घटा, तो कुछ फसलें बचाई जा सकती हैं, जिससे कुल नुकसान थोड़ा कम हो सकता है.

Published: 7 Sep, 2025 | 03:06 PM

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