MSP से 800 रुपये कम है मक्के का रेट, CM ने पीएम मोदी का सौंपा ज्ञापन.. की ये मांग

मुख्यमंत्री ने कर्नाटक में 32 लाख मीट्रिक टन मक्का के अधिशेष को लेकर विशेष चिंता जताई, जो स्थानीय उद्योगों की मांग से कहीं अधिक है. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर तुरंत MSP के तहत खरीद शुरू नहीं हुई, तो किसान मजबूरी में अपने मक्का को कम कीमत  में बेचने को मजबूर हो सकते हैं.

नोएडा | Published: 29 Nov, 2025 | 03:48 PM

Karnataka News: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक ज्ञापन सौंपा है. इस ज्ञापन में उन्होंने राज्य में मक्का और मूंग की कीमतों में भारी गिरावट से पैदा हुए ‘गंभीर संकट’ को तुरंत सुलझाने का आग्रह किया है. मुख्यमंत्री का यह ज्ञापन दक्षिण कन्नड़ के प्रभारी और स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री को मैंगलुरु आगमन पर सौंपा. ज्ञापन में कहा गया है कि लाखों किसान परेशान हैं,  क्योंकि बाजार की कीमतें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से बहुत नीचे गिर गई हैं, जबकि फसल अच्छी रही.

सिद्धारमैया ने कहा है कि इस सीजन मक्का 17.94 लाख हेक्टेयर और मूंग 4.16 लाख हेक्टेयर में बोया गया, जिससे अनुमानित उत्पादन क्रमशः 54.74 लाख मीट्रिक टन और 1.983 लाख मीट्रिक टन हुआ. लेकिन मौजूदा बाजार दरें  मक्का के लिए 1,600- 1,800 रुपये प्रति टन और मूंग के लिए 5,400 रुपये प्रति टन हैं, जो MSP यानी मक्का के 2,400 रुपये और मूंग के 8,768 रुपये से काफी कम हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले तीन सालों में कीमतें लगातार MSP से ऊपर थीं, इसलिए इतनी तेज गिरावट अब तक अभूतपूर्व है. यानी मक्का का रेट MSP से 800 रुपये क्विंटल तक कम है.

हस्तक्षेप तंत्र के तहत खरीद शुरू करने का निर्देश दें

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने कर्नाटक में 32 लाख मीट्रिक टन मक्का के अधिशेष को लेकर विशेष चिंता जताई, जो स्थानीय उद्योगों की मांग से कहीं अधिक है. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर तुरंत MSP के तहत खरीद शुरू नहीं हुई, तो किसान मजबूरी में अपने मक्का को कम कीमत  में बेचने को मजबूर हो सकते हैं. इसलिए सिद्धारमैया ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि NAFED, FCI और NCCF को कीमत समर्थन योजना (Price Support Scheme) या किसी अन्य हस्तक्षेप तंत्र के तहत खरीद शुरू करने का निर्देश दें.

ईथेनॉल सप्लाई चेन में गड़बड़ियों को भी उजागर किया

ज्ञापन में ईथेनॉल सप्लाई चेन में गड़बड़ियों को भी उजागर किया गया. मुख्यमंत्री ने कहा कि कई ईथेनॉल संयंत्र मक्का किसानों या किसान उत्पादक संगठनों से नहीं बल्कि व्यापारियों से खरीद कर रहे हैं, जिससे MSP का उद्देश्य और केंद्र की प्रति लीटर 5.79 रुपये की मक्का-आधारित ईथेनॉल प्रोत्साहन राशि प्रभावित हो रही है. मुख्यमंत्री ने किसानों से सीधे खरीद को अनिवार्य करने और उन ईथेनॉल इकाइयों के लिए दिए जाने वाले प्रोत्साहनों की समीक्षा करने का अनुरोध किया जो किसानों को बायपास कर रही हैं.

कर्नाटक की डिस्टिलरी क्षमता 49 इकाइयों में 272 करोड़ लीटर

उन्होंने यह भी कहा कि कर्नाटक की डिस्टिलरी क्षमता 49 इकाइयों में 272 करोड़ लीटर होने के बावजूद राज्य को अनाज-आधारित ईथेनॉल का कम हिस्सा मिला है. जबकि 2025-26 के लिए कुल 758.6 करोड़ लीटर अनाज-आधारित ईथेनॉल  आवंटित किया गया है (जिसमें से 478 करोड़ लीटर मक्का से), कर्नाटक को इसका बहुत छोटा हिस्सा ही मिला. सिद्धारमैया ने कहा कि अधिशेष उत्पादन वाले राज्यों को ज्यादा आवंटन मिलना चाहिए ताकि मक्का के लिए MSP स्तर की स्थिर मांग बनी रहे.

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