भारी बारिश से धान और कपास की फसल चौपट, अब फिर से बुवाई करेंगे किसान.. बस मुआवजे की है आस
तेज बारिश से खेतों में फसलें बर्बाद हो गई हैं. साथ ही बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा है और आम जनजीवन भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है. फसल नुकसान का अंतिम आंकलन अभी बाकी है.
तेलंगाना के किसान पिछले एक हफ्ते से लगातार भारी बारिश की मार झेल रहे हैं. इससे कपास और धान की फसल को बहुत अधिक नुकसान पहुंचा है. खासकर वारंगल, महबूबनगर, आदिलाबाद और नलगोंडा जिले बारिश से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. हालांकि, किसानों की टेंशन अभी भी कम नहीं हुई है, क्योंकि भारतीय मौसम विभाग ने कई जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है. मौसम विभाग ने 18 अगस्त तक भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी है. यह बारिश बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव के क्षेत्र के कारण हो रही है.
तेलंगाना टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, तेज बारिश से खेतों में फसलें बर्बाद हो गई हैं. साथ ही बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा है और आम जनजीवन भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है. फसल नुकसान का अंतिम आंकलन अभी बाकी है. इस बीच, बीआरएस और अन्य विपक्षी दलों के जनप्रतिनिधि प्रभावित किसानों से मिल रहे हैं और उनकी मदद कर रहे हैं.
किसानों को मिले उचित मुआवजा
विधायक अनिल जाधव ने भारी बारिश से फसल नुकसान झेल रहे किसानों को प्रति एकड़ 25,000 रुपये मुआवजा देने की मांग की है. रविवार को उन्होंने आदिलाबाद जिले के बाजार हटनूर मंडल में जलभराव वाले खेतों का दौरा किया और किसानों से मुलाकात कर उन्हें हरसंभव मदद का भरोसा दिया. उधर, मनचेरियल जिले के नेन्नेल मंडल में दो दिन की लगातार बारिश ने किसानों को बेहद परेशान कर दिया है. कपास और धान की फसलें पानी में डूब गई हैं. निचले इलाकों के खेत पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं. नालों के पास के सैकड़ों एकड़ कपास के खेतों में पानी भर गया है और पौधे कीचड़ में दब चुके हैं. किसान डरे हुए हैं कि अब उनकी फसलें खराब हो जाएंगी.
तालाबों और नहरों के टूटने की आशंका
ऐसे में किसान सरकार से राहत की उम्मीद कर रहे हैं. वहीं, कई इलाकों में बारिश इतनी अधिक हुई कि बाढ़ आ गई. इससे खेतों में लगी पौधें बह गईं और बालू जमने से खेत अब खेती के लायक नहीं बचे. किसान पास के तालाबों और नहरों के टूटने की आशंका से भी चिंतित हैं. वे सरकार से तुरंत नुकसान का सर्वे करवाकर राहत देने की मांग कर रहे हैं.
खेतों में भरा रेत और गाद
जहां फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है, वहां दोबारा बुवाई के लिए किसानों को मुआवजा देना बेहद जरूरी है. सुर्यापेट जिले में बारिश ने खेती और बुनियादी ढांचे को काफी नुकसान पहुंचाया है. कोडाड, नेरेडुचेरला और सोमारम मंडलों में सैकड़ों एकड़ धान के खेत जलमग्न हो गए हैं. पानी में पौध बह गई और रेत व गाद जमने से खेतों की हालत खराब हो गई है. वहीं, बीबी नगर मंडल के रुद्रवेली गांव के पास मूसी नदी पर बना पुल टूट गया है, जिससे बीबी नगर और पोचमपल्ली मंडलों के बीच संपर्क टूट गया है.