रिकॉर्ड तोड़ धान खरीद ओडिशा सरकार के लिए बनी चुनौती, अब केंद्र से लगानी पड़ी ये गुहार

ओडिशा में खरीफ सीजन में रिकॉर्ड 73.5 लाख टन धान खरीद से भंडारण संकट खड़ा हो गया है. FCI गोदामों में जगह की कमी और रेलवे रैक की अनुपलब्धता के कारण चावल की निकासी धीमी है.

नोएडा | Published: 18 May, 2025 | 03:01 PM

ओडिशा में खरीफ सीजन के दौरान रिकॉर्ड 73.5 लाख टन धान की खरीद ने सरकार के सामने ‘ज्यादा अनाज’ की चुनौती खड़ी कर दी है. अब राज्य सरकार ने केंद्र से मदद की अपील की है कि ओडिशा से ज्यादा मात्रा में कस्टम मिल्ड राइस (CMR) को केंद्रीय भंडार में भेजा जाए. ओडिशा स्टेट सिविल सप्लाइज कॉरपोरेशन (OSCSC) से पंजीकृत राइस मिलरों की भंडारण क्षमता पहले ही पूरी हो चुकी है. अब 15 मई से रबी धान की खरीद शुरू होने से समस्या और बढ़ गई है.

राज्य और भारतीय खाद्य निगम (FCI) को अब तक 16.25 लाख टन चावल सौंपने के बावजूद मिलर्स के पास अभी भी करीब 48.5 लाख टन धान (जो लगभग 33 लाख टन चावल के बराबर है) जमा है. इस पर ऑल ओडिशा राइस मिलर्स एसोसिएशन (AORMA) ने खाद्य आपूर्ति और उपभोक्ता कल्याण विभाग से FCI पर दबाव डालने की मांग की है ताकि चावल की निकासी तेजी से हो सके. भले ही FCI (भारतीय खाद्य निगम) ने ओडिशा से हर महीने 1.7 लाख टन कस्टम मिल्ड राइस (CMR) उठाने का लक्ष्य तय किया हो, लेकिन गोदामों में जगह की कमी के कारण वह इससे काफी कम मात्रा में चावल उठा पा रहा है.

10.20 लाख टन CMR चावल उठाने का लक्ष्य

सूत्रों के मुताबिक, खरीफ 2024-25 सीजन में राज्य से 10.20 लाख टन CMR चावल उठाने का लक्ष्य था, लेकिन 7 मई 2025 तक केवल 7.76 लाख टन ही उठाया जा सका है. राज्य सरकार ने इस खरीफ सीजन में अब तक 73.5 लाख टन धान खरीदा है, जो करीब 49.6 लाख टन चावल के बराबर होगा. जबकि ओडिशा को सालाना राष्ट्रीय और राज्य खाद्य सुरक्षा योजनाओं तथा पोषण कार्यक्रमों के तहत लगभग 23 लाख टन चावल की जरूरत होती है. यानी राज्य के पास 26 लाख टन चावल का अधिशेष (सरप्लस) बचता है. इसके अलावा, रबी सीजन में चल रही खरीद के दौरान और 10 लाख टन चावल आने की संभावना है, जिससे कुल अधिशेष बढ़कर 36 लाख टन हो जाएगा.

ग्रेड-A चावल को प्राथमिकता देता है FCI

FCI आमतौर पर ओडिशा में ज्यादा मात्रा में बनने वाले साधारण (उबला हुआ) चावल की बजाय ग्रेड-A चावल को प्राथमिकता देता है. लेकिन ग्रेड-A चावल का उत्पादन केवल कुछ जिलों जैसे गंजाम, रायगड़ा, बलांगीर और कोरापुट में ही सीमित मात्रा में होता है. इस साल FCI ओडिशा से केंद्रीय भंडार के लिए कितना चावल उठाएगा, यह अभी साफ नहीं है. लेकिन उसके गोदामों से चावल की धीमी निकासी चिंता का कारण बन गई है. यह मुद्दा 2 मई को रबी धान खरीद को लेकर हुई अंतर-मंत्रालयी समीक्षा बैठक में उठाया गया. बैठक में बताया गया कि रेलवे से रैक (मालगाड़ी) न मिलने की वजह से FCI को चावल उठाने और उसे पहुंचाने में दिक्कत हो रही है.

FCI ने की और अधिक उबले चावल की मांग

खाद्य आपूर्ति और उपभोक्ता कल्याण विभाग के प्रधान सचिव संजय सिंह ने कहा कि हमने FCI से बातचीत की है, जिसके बाद वह हर महीने उठाए जाने वाले CMR चावल का कोटा 1.7 लाख टन से बढ़ाकर 2.2 लाख टन करने पर राजी हुआ है. इसके अलावा, FCI ने राज्य से और अधिक उबले चावल की मांग भी की है.