क्या 22 फीसदी नमी वाले धान की होगी खरीदी, केंद्र की चुप्पी से किसानों की बढ़ी मुश्किलें.. जानें पूरा मामला
तमिलनाडु में कुरुवाई धान कटाई लगभग पूरी हो चुकी है, लेकिन केंद्र द्वारा 22 फीसदी नमी वाले धान खरीद की अनुमति न मिलने से किसान संकट में हैं. बारिश से नमी बढ़ी है और 17 फीसदी से अधिक नमी वाला धान खरीदने पर रोक है, जिससे किसानों और TNCSC को आर्थिक नुकसान की आशंका है.
Tamil Nadu News: तमिलनाडु में कुरुवाई धान कटाई सीजन खत्म होने में अब एक हफ्ते से भी कम समय बचा है, लेकिन केंद्र के उपभोक्ता मामले और खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने अभी तक राज्य सरकार की उस मांग पर कोई अनुमति नहीं दी है, जिसमें 22 फीसदी तक नमी वाले धान की खरीद की इजाजत मांगी गई थी. इस देरी के कारण हजारों किसान मुश्किल में पड़ गए हैं. कृषि और खाद्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, इस साल 6.1 लाख एकड़ में कुरुवाई धान की खेती हुई थी, जिनमें से 5.5 लाख एकड़ से अधिक की कटाई पूरी हो चुकी है. लगभग 44,000 एकड़ की कटाई बाकी है, जिसे अगले चार- पांच दिनों में पूरा कर लिया जाएगा.
दो हफ्ते पहले केंद्र ने तीन टीमों को तमिलनाडु भेजा था, ताकि अनियमित बारिश से पैदा हुई समस्या का आकलन किया जा सके. मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने 19 अक्टूबर को केंद्र को पत्र लिखकर धान में नमी की सीमा 17 फीसदी से बढ़ाकर 22 फीसदी करने की मांग की थी. याद दिला दें कि 2019-20 और 2020-21 में राज्य की मांग मिलते ही केंद्र ने एक हफ्ते के भीतर 19-20 फीसदी नमी वाले धान की खरीद की अनुमति दे दी थी. अधिकारियों और किसानों का कहना है कि इस बार अनुमति में देरी या इनकार होने से किसानों के साथ-साथ तमिलनाडु सिविल सप्लाइज कॉर्पोरेशन (TNCSC) को भी भारी आर्थिक नुकसान हो सकता है, जो एफसीआई के तहत धान की खरीद करता है.
22 फीसदी नमी वाले धान खरीदने पर रोक
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, कुरुवाई धान पर किसानों के संगठन चेतावनी दे रहे हैं कि अगर नमी की सीमा में राहत नहीं दी गई तो सैकड़ों एकड़ में पड़ा धान अंकुरित होने का खतरा है, या फिर किसानों को मजबूरी में अपना धान निजी व्यापारियों को सस्ते दाम पर बेचना पड़ेगा. अभी स्थिति यह है कि केंद्र ने केवल 17 फीसदी नमी वाले धान की ही खरीद की अनुमति दी है, जबकि 18 फीसदी से 22 फीसदी नमी वाला धान खरीदने पर रोक है. TNCSC ने इस देरी से क्या असर पड़ेगा या कितने प्रतिशत धान में अधिक नमी है, इस पर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी है.
17 फीसदी तक नमी वाले धान की खरीदी
फिलहाल खरीफ मार्केटिंग सीजन 2025- 26, जो 1 सितंबर से शुरू हुआ, के तहत केवल 17 फीसदी तक नमी वाला धान ही खरीदा जा सकता है. डेल्टा के चार जिलों- थंजावुर, तिरुवरूर, नागपट्टिनम और मयिलादुथुरै में DPCs ने अब तक 98 फीसदी धान खरीद लिया है. TNCSC के प्रबंध निदेशक ए. अन्नादुरई ने कहा कि पिछले महीने की बरसात के कारण 18 फीसदी से 22 फीसदी नमी वाले धान की सटीक मात्रा का डेटा फिलहाल उपलब्ध नहीं है, लेकिन कई किसान अपना धान सुखाकर नमी 17 फीसदी तक लाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि वे इसे सीधे खरीद केंद्रों में बेच सकें.