किसान के ट्रैक्टर की सुरक्षा क्यों है जरूरी? जानिए ट्रैक्टर बीमा का पूरा फायदा

खेत की जुताई, बुवाई, कटाई से लेकर फसल और सामान की ढुलाई तक, ट्रैक्टर हर काम में किसान का भरोसेमंद साथी बन चुका है. ऐसे में अगर किसी कारण से ट्रैक्टर को नुकसान हो जाए, चोरी हो जाए या दुर्घटना में खराब हो जाए, तो किसान की पूरी खेती और आमदनी पर असर पड़ सकता है.

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नई दिल्ली | Published: 26 Dec, 2025 | 09:49 AM
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Tractor insurance benefits: भारत जैसे कृषि प्रधान देश में ट्रैक्टर किसान के लिए सिर्फ एक मशीन नहीं, बल्कि उसकी रोजी-रोटी का सबसे बड़ा सहारा होता है. खेत की जुताई, बुवाई, कटाई से लेकर फसल और सामान की ढुलाई तक, ट्रैक्टर हर काम में किसान का भरोसेमंद साथी बन चुका है. ऐसे में अगर किसी कारण से ट्रैक्टर को नुकसान हो जाए, चोरी हो जाए या दुर्घटना में खराब हो जाए, तो किसान की पूरी खेती और आमदनी पर असर पड़ सकता है. इसी जोखिम से बचाने के लिए ट्रैक्टर बीमा बेहद जरूरी माना जाता है.

ट्रैक्टर बीमा क्या होता है

ट्रैक्टर बीमा एक ऐसी बीमा पॉलिसी है जो ट्रैक्टर को अचानक होने वाले नुकसान से आर्थिक सुरक्षा देती है. दुर्घटना, आग, चोरी, बाढ़, तूफान या अन्य प्राकृतिक आपदाओं से ट्रैक्टर को जो भी नुकसान होता है, उसकी भरपाई बीमा कंपनी करती है. इसके साथ ही अगर ट्रैक्टर से किसी दूसरे व्यक्ति या उसकी संपत्ति को नुकसान होता है, तो उसकी जिम्मेदारी भी बीमा के तहत कवर हो सकती है.

किसान के लिए ट्रैक्टर बीमा क्यों है जरूरी

ट्रैक्टर की कीमत लाखों रुपये में होती है. अगर बिना बीमा के ट्रैक्टर खराब हो जाए, तो उसकी मरम्मत या नया ट्रैक्टर खरीदना किसान के लिए बहुत मुश्किल हो सकता है. बीमा होने से इस आर्थिक बोझ से राहत मिलती है. इसके अलावा भारत में ट्रैक्टर को सड़क पर चलाने के लिए कम से कम थर्ड पार्टी बीमा होना कानूनी रूप से जरूरी है. यानी बीमा न होना सिर्फ जोखिम ही नहीं, बल्कि नियमों का उल्लंघन भी हो सकता है.

ट्रैक्टर बीमा से मिलने वाले फायदे

ट्रैक्टर बीमा किसान को आर्थिक सुरक्षा देता है, जिससे किसी भी अनहोनी की स्थिति में उसे जेब से बड़ा खर्च नहीं करना पड़ता. अगर ट्रैक्टर की वजह से किसी तीसरे व्यक्ति को चोट लगती है या उसकी संपत्ति को नुकसान होता है, तो बीमा कंपनी उस नुकसान की भरपाई करती है. चोरी या प्राकृतिक आपदा जैसी घटनाओं में भी बीमा किसान के लिए बड़ा सहारा बनता है. सबसे अहम बात यह है कि बीमा होने से किसान मानसिक रूप से निश्चिंत रहता है और खेती पर पूरा ध्यान दे पाता है.

ट्रैक्टर बीमा के प्रकार

ट्रैक्टर बीमा आमतौर पर दो तरह का होता है. पहला थर्ड पार्टी बीमा, जिसमें सिर्फ दूसरे व्यक्ति या उसकी संपत्ति को हुए नुकसान का कवर मिलता है. यह बीमा कानून के अनुसार जरूरी होता है. दूसरा कॉम्प्रिहेंसिव बीमा होता है, जिसमें ट्रैक्टर को होने वाला नुकसान, चालक की सुरक्षा और थर्ड पार्टी कवर तीनों शामिल होते हैं. ज्यादा सुरक्षा के लिए किसान अक्सर कॉम्प्रिहेंसिव बीमा को बेहतर मानते हैं.

ट्रैक्टर बीमा क्लेम कैसे करें

अगर ट्रैक्टर का एक्सीडेंट हो जाए या चोरी हो जाए, तो सबसे पहले बीमा कंपनी को इसकी जानकारी देना जरूरी होता है. चोरी या बड़े हादसे की स्थिति में पुलिस में एफआईआर दर्ज कराना भी जरूरी है. इसके बाद बीमा कंपनी का सर्वेयर नुकसान का आकलन करता है. सभी जरूरी दस्तावेज सही पाए जाने पर बीमा कंपनी क्लेम पास कर देती है और मरम्मत या नुकसान की राशि किसान को मिल जाती है.

ट्रैक्टर बीमा के लिए कैसे करें आवेदन

आज के समय में ट्रैक्टर बीमा लेना काफी आसान हो गया है. किसान चाहें तो बीमा कंपनियों की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. इसके अलावा गांवों में बीमा एजेंट के जरिए भी पॉलिसी ली जा सकती है, जो पूरी प्रक्रिया समझाने में मदद करते हैं. कई जगह कॉमन सर्विस सेंटर यानी सीएससी के माध्यम से भी ट्रैक्टर बीमा की सुविधा उपलब्ध है.

खेती को सुरक्षित बनाने का जरूरी कदम

ट्रैक्टर बीमा सिर्फ एक कागजी औपचारिकता नहीं, बल्कि किसान की मेहनत और भविष्य की सुरक्षा का मजबूत जरिया है. थोड़े से प्रीमियम के बदले यह बीमा बड़े नुकसान से बचा सकता है. इसलिए हर किसान के लिए यह जरूरी है कि वह अपने ट्रैक्टर का बीमा जरूर कराए, ताकि किसी भी मुश्किल वक्त में उसकी खेती और आमदनी सुरक्षित रह सके.

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