ट्रैक्टर बीमा क्यों है जरूरी? जानिए फायदे, क्लेम प्रोसेस और अप्लाई करने का तरीका

जिस तरह हर वाहन का बीमा लिया जाता है, ठीक उसी तरह ट्रैक्टर बीमा भी होता है जो ट्रैक्टर के चोरी, आग, बाढ़ या तूफान या किसी भी तरह के दुर्घटना में होने वाले नुकसान से सुरक्षा देता है.

नई दिल्ली | Published: 22 May, 2025 | 12:03 PM

भारत में खेती किसानों की जिंदगी का आधार है और ट्रैक्टर उनका सबसे बड़ा सहारा. चाहे खेत जोतना हो, बीज बोना हो या फसल की ढुलाई करनी हो ट्रैक्टर हर कदम पर किसान का साथी होता है. लेकिन सोचिए अगर यही ट्रैक्टर अचानक खराब हो जाए, चोरी हो जाए या किसी हादसे का शिकार बन जाए, तो कितना बड़ा नुकसान हो सकता है.

ऐसे में ट्रैक्टर बीमा (Tractor Insurance) एक सुरक्षा कवच की तरह काम करता है, जो आर्थिक बोझ को कम करता है और किसान को चिंता से राहत दिलाता है. आइए जानते हैं कि ट्रैक्टर बीमा क्या है, इसके फायदे क्या हैं और इसे कैसे लिया जाता है.

ट्रैक्टर बीमा क्या होता है?

जिस तरह हर वाहन का बीमा लिया जाता है, ठीक उसी तरह ट्रैक्टर बीमा भी होता है जो ट्रैक्टर के चोरी, आग, बाढ़ या तूफान या किसी भी तरह के दुर्घटना में होने वाले नुकसान से सुरक्षा देता है. इसके जरिए आप अपने ट्रैक्टर की मरम्मत या नुकसान की भरपाई का खर्च बीमा कंपनी से पा सकते हैं. इसके साथ-साथ अगर आपके ट्रैक्टर से किसी और को नुकसान होता है, तो उसका खर्च भी बीमा कवर कर लेता है.

ट्रैक्टर बीमा के फायदे क्या हैं?

आर्थिक सुरक्षा- अगर ट्रैक्टर में कोई नुकसान हो जाता है, तो बीमा के जरिए उस नुकसान की भरपाई मिलती है, जिससे किसान को बड़ा आर्थिक झटका नहीं लगता.

थर्ड पार्टी कवर- अगर ट्रैक्टर से किसी इंसान या संपत्ति को नुकसान हो, तो बीमा कंपनी उसकी भरपाई करती है.

चोरी और प्राकृतिक आपदा से सुरक्षा- ट्रैक्टर चोरी हो जाए या बाढ़, तूफान जैसी आपदाओं में क्षतिग्रस्त हो जाए, तो उसका खर्च बीमा कंपनी उठाती है.

कानूनी रूप से जरूरी- भारत में ट्रैक्टर को सड़कों पर चलाने के लिए कम से कम थर्ड-पार्टी बीमा होना अनिवार्य है.

मानसिक शांति- बीमा होने से किसान को ये भरोसा रहता है कि अगर कोई हादसा हो भी गया, तो उसकी मदद के लिए बीमा है.

ट्रैक्टर बीमा के प्रकार

थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस- यह बीमा सिर्फ दूसरे व्यक्ति या संपत्ति को हुए नुकसान को कवर करता है. यह कानूनन जरूरी होता है.

कॉम्प्रिहेंसिव इंश्योरेंस- यह पूरा बीमा कवर होता है जिसमें ट्रैक्टर, उसका ड्राइवर और थर्ड पार्टी, सभी शामिल होते हैं. इसमें दुर्घटना, आग, चोरी और प्राकृतिक आपदा सभी शामिल रहते हैं.

बीमा क्लेम कैसे करें?

  1. घटना घटने पर बीमा कंपनी को सूचित करें.
  2. चोरी या बड़े हादसे की स्थिति में पुलिस में FIR दर्ज कराएं.
  3. जरूरी दस्तावेज इकट्ठा रखें जैसे:
  • बीमा पॉलिसी कॉपी
  • ट्रैक्टर का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट
  • ड्राइविंग लाइसेंस
  • FIR की कॉपी (अगर जरूरी हो)

बीमा कंपनी का सर्वेयर ट्रैक्टर की जांच करेगा. यदि जांच में सबकुछ ठीक पाया गया, तो क्लेम की राशि मंजूर हो जाएगी और आपको भुगतान मिल जाएगा.

बीमा लेने के तरीके

ऑनलाइन वेबसाइट के जरिए
कई इंश्योरेंस कंपनियां अब ऑनलाइन पॉलिसी देती हैं. बस वेबसाइट पर जाकर पॉलिसी चुनें, दस्तावेज अपलोड करें और भुगतान करें.

बीमा एजेंट के माध्यम से
ग्रामीण क्षेत्रों में कई लोग बीमा एजेंट के जरिए ही पॉलिसी लेते हैं जो पूरी प्रक्रिया समझा कर मदद करते हैं. इसके साथ ही गांवों में कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) केंद्रों पर जाकर भी आप बीमा ले सकते हैं.