बारिश से महाराष्ट्र में अल्फांसो की क्वालिटी बिगड़ी, सप्लाई में 50 फीसदी तक गिरावट

महाराष्ट्र में मई की प्री-मॉनसून बारिश से अल्फांसो आम की क्वालिटी और सप्लाई पर बुरा असर पड़ा है. आम के आकार छोटे और दागदार हो गए हैं. वहीं, सप्लाई 50 फीसदी घटी है.

वेंकटेश कुमार
नोएडा | Updated On: 26 May, 2025 | 11:33 AM

इस बार महाराष्ट्र में मई महीने के दौरान बहुत अधिक बेमौसम बारिश हुई. इससे फसलों को सबसे अधुक नुकसान पहुंचा है. खास कर प्री-मॉनसून बारिश ने अल्फांसो आम की सप्लाई और क्वालिटी पर बुरा असर डाला है. अचानक हुई इस बारिश से आम का स्वाद और रंग-रूप दोनों ही खराब हो गए, जिससे बाजार में अच्छी क्वालिटी के आम कम ही मिल रहे हैं. इससे आम की सप्लाई पर भी असर पड़ा है. बेमौसम बारिश की वजह से मार्केट में आम की आवक कम हो गई है.

द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, फल विक्रेताओं का कहना है कि अल्फांसो आम की पिछली फसल को काफी नुकसान हुआ है. कई किसानों ने खराब आमों को कैनिंग (डिब्बाबंद करने) के लिए भेज दिया. पुणे की एपीएमसी में फलों और सब्जियों के विभाग प्रमुख, प्रशांत गोते ने कहा कि कि इस महीने आम की सप्लाई 50 फीसदी तक कम हो गई है. उन्होंने कहा कि मई में वैसे भी आम की आवक थोड़ी कम हो जाती है, लेकिन इस बार बेमौसम बारिश के कारण अगले हफ्ते और भी कम सप्लाई आने की उम्मीद है. भारी बारिश से फल की क्वालिटी पर असर पड़ता है.

बारिश की वजह से अल्फांसो आम खराब हो गए

इस समस्या से न सिर्फ स्थानीय दुकानदार परेशान हैं, बल्कि ग्राहक भी चिंता में हैं. वनोवरी की निवासी दीक्षा टन्ना ने कहा कि अब जो अल्फांसो आम मिल रहे हैं, वो आकार में छोटे हैं. मैं मार्च और अप्रैल में दाम कम होने का इंतजार कर रही थी, लेकिन अब बाजार में जो आम मिल रहे हैं, उनकी क्वालिटी पहले जैसी नहीं है. औंध की रहने वाली सलोनी देसाई ने कहा कि बाजार में कई आमों पर काले धब्बे दिख रहे हैं. विक्रेताओं ने कहा कि आमों पर काले धब्बे तब पड़ते हैं जब वे ज्यादा पके होते हैं या तुड़ाई के समय पानी के संपर्क में आ जाते हैं. सलोनी देसाई ने कहा कि मुझे लगता है कि इस महीने हुई बारिश की वजह से अल्फांसो आम खराब हो गए हैं.

10 दिन पहले करनी पड़ी आम की तोड़ाई

वाघोली स्थित ‘मायकृषि रत्नागिरी हापुस’ के मालिक सचिन जाधव ने कहा कि आम तौर पर अल्फांसो की आखिरी तुड़ाई 20 मई को होती है, लेकिन इस साल यह 10 दिन पहले ही करनी पड़ी. उन्होंने कहा कि प्री-मॉनसून बारिश शुरू हो गई थी, इसलिए पहले अच्छे क्वालिटी के आम तोड़ लिए और बाकी को कैनिंग के लिए भेज दिया. इस बार आम की क्वालिटी की वजह से कैनिंग के लिए ज्यादा माल भेजना पड़ा. जब आम कैनिंग के लिए जाते हैं तो हमें करीब 50 फीसदी का नुकसान होता है.

इन आमों पर नहीं पड़ता है बेमौसम बारिश का असर

ऑनलाइन ‘आमराज मैंगोज’ ब्रांड से आम बेचने वाले तनिष्क डेरे ने कहा कि बारिश या तेज हवा में जो फल जमीन पर गिरते हैं, वे जल्दी खराब हो जाते हैं. बारिश के दौरान मजदूर नहीं मिलते, जिससे तुड़ाई में देरी होती है. मार्च-अप्रैल में जो अल्फांसो आम आए थे, उनकी क्वालिटी अभी के मुकाबले कहीं बेहतर थी. तनिष्क ने कहा कि मई की शुरुआत में मिलने वाले केसर और गावठी (स्थानीय) किस्म के आमों पर मॉनसून का ज्यादा असर नहीं पड़ता.

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Published: 26 May, 2025 | 11:32 AM

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