सौंफ की फसल को पीला होने से रोकें, किसान जरूर पढ़ें ये उपाय

सौंफ को अच्छे विकास के लिए नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटैशियम जैसे जरूरी पोषक तत्वों की जरूरत होती है. अगर मिट्टी में इनमें से किसी तत्व की कमी हो जाए, तो पौधे पीले पड़ने लगते हैं.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 21 May, 2025 | 03:44 PM

जब मेहनत से लगाई गई सौंफ की फसल धीरे-धीरे पीली पड़ने लगे, तो किसी भी किसान या बागवानी प्रेमी के लिए यह चिंता की बात बन जाती है. हरी-भरी फसल का पीला होना कई बार किसी बीमारी या गलती का संकेत होता है, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है. कुछ सामान्य कारणों और आसान उपायों की मदद से इस समस्या को समय रहते ठीक किया जा सकता है. आइए, जानते हैं कि सौंफ की फसल पीली क्यों होती है और इसे कैसे ठीक किया जा सकता है.

मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी

सौंफ को अच्छे विकास के लिए नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटैशियम जैसे जरूरी पोषक तत्वों की जरूरत होती है. अगर मिट्टी में इनमें से किसी तत्व की कमी हो जाए, तो पौधे पीले पड़ने लगते हैं. यह कमी धीरे-धीरे पत्तियों के रंग पर असर डालती है और पूरा पौधा कमजोर दिखने लगता है.

इस समस्या को हल करने के लिए सबसे पहले मिट्टी की जांच करवाएं. इससे यह पता चलेगा कि किस तत्व की कमी है. इसके बाद जैविक खाद, कंपोस्ट या जरूरत के अनुसार रासायनिक उर्वरकों का संतुलित उपयोग करें.

जरूरत से ज्यादा पानी देना

सौंफ की जड़ें गीली या पानी से भरी मिट्टी को ज्यादा देर तक सहन नहीं कर पातीं. अगर खेत या गमले की मिट्टी में पानी ज्यादा देर तक ठहरा रहता है, तो जड़ें सड़ने लगती हैं और पत्तियां पीली होकर मुरझा जाती हैं.

इस समस्या से बचने के लिए मिट्टी का जलनिकास (drainage) अच्छा होना जरूरी है. सौंफ के पौधों को तभी पानी दें जब मिट्टी की ऊपरी सतह सूखी महसूस हो. बरसात के मौसम में विशेष ध्यान रखें कि पानी जमा न हो.

कीट और बीमारियों का असर

सौंफ पर भी कुछ खास कीट और रोग हमला कर सकते हैं, जैसे अफीम (aphids), सुंडी (caterpillars) और माइट्स. ये कीट पत्तियों का रस चूसकर पौधे को कमजोर बना देते हैं. इसके अलावा फ्यूजेरियम विल्ट और पाउडरी मिल्ड्यू जैसी फफूंद जनित बीमारियां भी सौंफ को पीला कर सकती हैं.

समाधान के तौर पर पौधों की नियमित निगरानी करें. कीट दिखने पर नीम का तेल या हल्का कीटनाशक इस्तेमाल करें. अगर किसी पौधे में बीमारी बहुत फैल चुकी हो, तो उसे निकालकर अलग कर देना बेहतर होता है ताकि अन्य पौधों में संक्रमण न फैले.

समय पर सही कदम उठाएं

अगर सौंफ की फसल पीली पड़ने लगे तो घबराएं नहीं, बल्कि धैर्य से कारण पहचानें और उसके अनुसार उपाय करें. मिट्टी की जांच करवाना, सिंचाई का ध्यान रखना, कीटों पर नजर रखना और बीमारियों को समय पर पहचानना, ये सभी उपाय मिलकर फसल को दोबारा हरा-भरा बना सकते हैं.

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