मुंह में मिठास घोल देता है केरल का कुट्टियाट्टूर आम, मिल चुका है GI टैग

कुट्टियाट्टूर आम केरल के कन्नूर जिले की आम की खास किस्म है, जो अपने स्वाद, आकार और पोषण से भरपूर होता है. इस आम को 2021 में GI टैग मिला है. इसे विदेश में भी भेजा जाता है.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 9 Apr, 2025 | 09:44 PM

रसीले आम हर किसी को पसंद होते हैं और दुनियाभर में आम की कई किस्में मौजूद हैं. आज हम केरल के कन्नूर जिले के विशेष कुट्टियाट्टूर आम के बारे में बात करेंगे जो न केवल अपने स्वाद के लिए जाना जाता है, बल्कि अपने अपने भौगोलिक संकेत (GI) टैग के कारण भी लोकप्रिय है. आमतौर पर हम सभी ये जानते हैं कि आमों का मौसम मई और जून में आता है, लेकिन कुट्टियाट्टूर आम का मौसम कुछ खास होता है. यह आम नवंबर के मध्य में ही इसके फूल खिलने लगते हैं.

नांबियार जाति के माध्यम से इरिक्कुर

कुट्टियाट्टूर आमों का इतिहास बहुत पुराना है. यह आम पहले कुट्टियाट्टूर में रहने वाले नांबियार जाति के माध्यम से इरिक्कुर के बाजार में लाए जाते थे. इन आमों की गुणवत्ता को पहचानने का काम इन किसानों का था और बाद में यह आम धीरे-धीरे कन्नूर के अन्य हिस्सों में भी फेमस हो गए. भूमि सुधार के बाद अब यह आम सामान्य जनता के लिए भी उपलब्ध कर दिए गए.

मिठास और सुगंध में लाजवाब

कुट्टियाट्टूर आम का स्वाद, आकार और पोषण से भरपूर होता है. इन आमों की सबसे बड़ी विशेषता उनका बहु-भ्रूणीय होना है यानी एक ही फल में कई बीज होते हैं. यही वजह है कि कुट्टियाट्टूर आम दूसरे आमों से काफी अलग होते हैं. इसके अलावा, इन आमों में मिठास, सुगंध और पोषण का बेहतरीन संतुलन होता है, जो इन्हें और भी आकर्षक और बेस्ट क्वालिटी का बनाता है.

एक शाखा में निकलते हैं 800 फूल

करीब 300 हेक्टेयर भूमि पर लगभग पांच लाख आम के पेड़ लगाए जा सकते हैं. जो हर साल लगभग 6,000 टन आम का उत्पादन करते हैं. ये आम आकार में बड़े और गोल होते हैं, जिनकी शाखाओं पर 600 से 800 फूल या बौर होते हैं चूंकि यह आम भारी होते हैं, इसलिए इनकी शाखाओं को सहारा दिया जाता है, ताकि ये टूटने से बच सकें. आमतौर पर एक बौर यानी फूल में 15 आम लगते हैं, जिनमें से 10 बड़े होकर तैयार होते हैं.

2021 में मिला GI टैग

कुट्टियाट्टूर आम को 2021 में भौगोलिक संकेत (GI टैग) का दर्जा मिला. इसका मतलब है कि अब यह आम केवल कुट्टियाट्टूर क्षेत्र में ही उगाए जा सकते हैं और इस आम को अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिल गई हैं. GI टैग मिलने के बाद, यह आम राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में अपनी विशेष पहचान बना चुका है. यह टैग इसे एक विशेष स्थान पर रखता है, जिससे इसके उत्पादकों को फायदा होता है और इसके व्यापार को बढ़ावा मिलता है.

केरल के नल्ली और नीलम आम भी खास

कुट्टियाट्टूर आम के अलावा, केरल में और भी कई आम की किस्में हैं, जिनका स्वाद और क्वालिटी बेहद खास है. इनमें से एक पूवनथुपल्ली आम. यह आम अपने मीठे और नरम स्वाद के लिए जाना जाता है. इसके अलावा, नल्ली और नीलम जैसे आम भी केरल में काफी लोकप्रिय हैं. हर आम की अपनी विशेषताएं और स्वाद होते हैं, जो उन्हें खास बनाते हैं और राज्य के कृषि उत्पादों को दुनिया भर में पहचान दिलाता है.

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Published: 9 Apr, 2025 | 07:07 PM

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