ठंड के मौसम में चाय में डाली अदरक की एक फांक न सिर्फ स्वाद बढ़ा देती है, बल्कि शरीर को गर्मी और बीमारी से लड़ने की ताकत भी देती है. लेकिन जब वही अदरक ताजी और घर की उगी हुई हो, तो उसका असर और भी खास हो जाता है. जी हां, अब बाजार से कीचड़ में सनी अदरक लाने की जरूरत नहीं, आप चाहें तो अपने घर की बालकनी या छत पर गमले में ही इसे उगा सकते हैं.
अदरक एक ऐसी औषधीय जड़ी-बूटी है, जिसे उगाना बेहद आसान है और इसके लिए किसी बड़े बगीचे की जरूरत भी नहीं पड़ती. आइए जानें, गमले में अदरक उगाने का आसान तरीका और वो खास बातें, जिनका ध्यान रखकर आप भी पा सकते हैं अच्छी पैदावार.
अदरक क्यों है खास?
अदरक में मौजूद कैल्शियम, आयरन, जिंक और एंटीऑक्सीडेंट्स हमारी इम्यूनिटी को मजबूत बनाने में मदद करते हैं. यह खांसी, सर्दी, जुकाम और पाचन की समस्याओं में बेहद फायदेमंद है. यही वजह है कि सर्दियों में इसकी मांग बढ़ जाती है.
क्या अदरक गमले में उगाई जा सकती है?
बिलकुल! अदरक जमीन की जगह गमले में भी आसानी से उगाई जा सकती है, और इसके लिए किसी खास बीज की जरूरत नहीं – बस किचन से लिया गया एक अदरक का टुकड़ा ही काफी है. यही टुकड़ा 1 से 2 किलो तक अदरक उगाने में मदद कर सकता है.
गमले में अदरक उगाने का आसान तरीका
1. गमला या कंटेनर चुनें
कोई भी पुरानी बाल्टी, पेंट का डिब्बा या मटका इस्तेमाल कर सकते हैं, बस नीचे से पानी निकासी के लिए छेद जरूरी है.
2. मिट्टी तैयार करें
गार्डन सॉइल में कोकोपीट, वर्मी कम्पोस्ट, सड़ी हुई गोबर की खाद मिलाएं. मिट्टी ज्यादा भारी या गीली नहीं होनी चाहिए, वरना अदरक सड़ सकती है.
3. बीज का चयन और रोपाई
घर की रसोई से लिया गया अदरक का टुकड़ा लें जिसमें आंख (buds) दिख रही हो. इसे 2-3 दिन छांव में सुखाएं और फिर मिट्टी में 2-3 सेंटीमीटर अंदर लगाएं.
4. गमले को रखें सही जगह पर
गमले को ऐसी जगह रखें जहां हल्की धूप और छांव दोनों मिलती हो. ज्यादा ठंडी हवा से बचाने के लिए गमले को किसी कोने या शेड के नीचे रखें.
कितने दिन में होती है तैयार?
अदरक एक धीमी गति से उगने वाली फसल है, लेकिन अगर सही मौसम और देखभाल मिले तो 25 से 30 दिन में नई कोंपलें निकलने लगती हैं और 4-6 महीने में हार्वेस्टिंग के लिए तैयार हो जाती है.
छोटे कंटेनर में उगाई गई अदरक को आप कम से कम 120-150 दिन तक बढ़ने दें, तभी उसमें अच्छी मात्रा में कंद तैयार होते हैं.
इन बातों का जरूर रखें ध्यान
सिंचाई का तरीका: बहुत ज्यादा पानी देने से अदरक गल जाती है. ठंड में हफ्ते में 2 बार हल्का स्प्रे काफी है.
कीट और बीमारी से बचाव: यदि पत्तियों पर कीट या सफेदी दिखे तो नीम का तेल या नींबू पानी का स्प्रे करें.
खाद का प्रयोग: हर महीने एक बार वर्मी कम्पोस्ट या रसोई की जैविक खाद डाल सकते हैं.