घर पर उगाएं मीठी–करारी गाजर! आसान तरीका जानकर रह जाएंगे हैरान

गाजर विटामिन A, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट का बड़ा स्रोत है. यह आंखों की रोशनी, त्वचा और इम्यूनिटी को मजबूत बनाती है. इसलिए गाजर को अगर आप अपनी बालकनी में ही उगा लें, तो सेहत और स्वाद दोनों का मजा दोगुना हो जाएगा.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 4 Dec, 2025 | 09:42 AM

Farming Tips: अगर आप भी बाजार की सब्जियों में मिलावट, केमिकल और ताजगी की कमी से परेशान हैं, तो अब समय है अपनी छोटी-सी बालकनी या छत को मिनी सब्जी गार्डन में बदलने का! गाजर ऐसी सब्जी है, जो दिखने में भले ही साधारण लगे, लेकिन इसे घर पर उगाना बेहद आसान है. और सबसे खास बात यह है कि घर में उगी गाजर स्वाद में बाजार की गाजर से कहीं ज्यादा मीठी और पौष्टिक होती है.

गाजर विटामिन A, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट का बड़ा स्रोत है. यह आंखों की रोशनी, त्वचा और इम्यूनिटी को मजबूत बनाती है. इसलिए गाजर को अगर आप अपनी बालकनी में ही उगा लें, तो सेहत और स्वाद दोनों का मजा दोगुना हो जाएगा. आइए जानते हैं घर पर गाजर उगाने का बेहद आसान और भरोसेमंद तरीका.

धूप वाली जगह सबसे जरूरी

गाजर उगाने में सबसे पहला और जरूरी कदम है सही जगह का चयन. गाजर को खुश रहने के लिए अच्छी धूप चाहिए. अगर आपकी बालकनी या छत पर रोजाना 6–7 घंटे धूप आती है, तो गाजर उगाने के लिए यह एकदम परफेक्ट जगह है. धूप कम होने पर गाजर पतली, छोटी और फीकी रंग की हो सकती है. इसलिए धूप जितनी ज्यादा, विकास उतना बेहतर.

कैसी हो मिट्टी और कैसा हो गमला?

गाजर एक जड़ वाली सब्जी है, इसलिए इसकी मिट्टी बेहद मुलायम, हल्की और रेत जैसी होनी चाहिए. भारी या सख्त मिट्टी में गाजर टेढ़ी-मेढ़ी हो जाती है या जड़ ठीक से बढ़ती नहीं. गमला चुनते समय यह ध्यान रखें कि उसकी गहराई कम से कम 12–15 इंच हो, ताकि गाजर को नीचे तक बढ़ने की पूरी जगह मिले.

मिट्टी तैयार करने के लिए ये मिश्रण बेहतरीन है. इसमें 50 फीसदी बगीचे की मिट्टी, 30 फीसदी रेत, 20 फीसदी गोबर खाद या कम्पोस्ट मिलाएं. यह मिश्रण मिट्टी को ढीला भी रखता है और पोषण भी देता है.

बीज कैसे और कितना गहरा बोएं?

गाजर के बीज बहुत महीन होते हैं, इसलिए इन्हें ज्यादा गहराई में दबाना ठीक नहीं. 0.5–1 सेंटीमीटर गहराई काफी होती है. बीजों के बीच 2–3 इंच का अंतर जरूर रखें ताकि हर पौधे की जड़ सही से फैल सके. बीज बोने के बाद मिट्टी पर हल्का पानी छिड़कें और उसे नम बनाए रखें.

पानी कैसे और कितना दें?

गाजर को पानी पसंद है, लेकिन बहुत ज्यादा पानी बिल्कुल नहीं. मिट्टी हमेशा हल्की नम रहनी चाहिए.

गर्मियों में: दिन में एक बार

सर्दियों में: दो दिन में एक बार

पानी इतना हो कि मिट्टी गीली रहे लेकिन चिपचिपी न बने, वरना जड़ सड़ने का खतरा बढ़ जाता है.

पोषण और देखभाल से मिलेगी मीठी गाजर

जब पौधे 10–15 दिन के हो जाएं, तो सप्ताह में एक बार हल्की कम्पोस्ट या लिक्विड खाद दें. इससे गाजर का स्वाद मीठा होता है और रंग भी अच्छा आता है. घास–फूस, छोटे खरपतवार हटाते रहें ताकि पौधा पूरा पोषण ले सके.

कब निकालें गाजर?

गाजर सामान्यतः 70–90 दिनों में पूरी तरह पक जाती है. निकलते समय गाजर को जड़ों से मजबूती से पकड़कर हल्के हाथों से बाहर निकालें.
अगर गाजर का सिर मिट्टी के बाहर दिखने लगे और रंग अच्छा नारंगी हो जाए, तो समझिए आपकी फसल तैयार है.

स्वाद भी अलग, सेहत भी

ताजा निकली गाजर की खुशबू और स्वाद किसी भी बाजार की गाजर से कहीं बेहतर होता है. इसे सलाद, जूस, सब्जी, सूप—हर चीज में इस्तेमाल किया जा सकता है और सबसे बड़ी बात है कि ये पूरी तरह केमिकल-फ्री और आपके हाथों से उगाई हुई होती है

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