गुड़-शक्कर की महंगाई पर बड़ा अपडेट, गन्ना पेमेंट और चीनी के MSP पर ISMA का सरकार से सवाल

ISMA ने सरकार से अपील की है कि समय पर किसानों का गन्ना पेमेंट करने के लिए चीनी एमएसपी बढ़ाने पर विचार करना चाहिए. बीते 6 साल से चीनी का एमएसपी नहीं बढ़ाया गया है. इसके साथ ही एथेनॉल खरीद मूल्यों पर भी विचार करने को कहा है.

नोएडा | Updated On: 10 Nov, 2025 | 04:05 PM

केंद्र सरकार ने हाल ही में चीनी निर्यात को मंजूरी दी है और गुड़ शीरा पर लगने वाला 50 फीसदी शुल्क हटा दिया है. ऐसे में घरेलू खपत के लिए चीनी के स्टॉक और चीनी-गुड़ की कीमतों को लेकर उपभोक्ताओं के संशय को ISMA ने खत्म किया है. इसके साथ ही सरकार के फैसले का समर्थन किया है और कहा है कि गन्ना पेमेंट और चीनी के MSP और एथेनॉल कीमतों में संशोधन पर भी सरकार को विचार करना होगा. देश में भरपूर चीनी स्टॉक रहने से बाजार में कीमतों पर कोई विपरीत असर नहीं पड़ने की उम्मीद जताई गई है.

भारतीय चीनी एवं जैव-ऊर्जा निर्माता संघ (ISMA) ने 2025-26 के चीनी सीजन के दौरान 15 लाख टन चीनी के निर्यात की अनुमति देने के सरकार के फैसले का स्वागत किया है. ISMA ने कहा है कि इस कदम से चीनी मिलें अपने उत्पादन की पहले से योजना बना सकेंगी, सरप्लस चीनी को वैश्विक बाजारों में भेज सकेंगी और घरेलू कीमतों में स्थिरता बनाए रखने में मदद मिलेगी.

उत्पादन बढ़ने पर निर्यात आंकड़ा बढ़ाने की उम्मीद

पिछले सप्ताह ISMA ने चीनी उत्पादन अनुमान जारी किए थे, जिसके अनुसार 2025-26 के चीनी सीजन के लिए भारत का शुद्ध चीनी उत्पादन 309.5 लाख टन रहने वाला है, जिसमें 34 लाख टन इथेनॉल उत्पादन के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. जबकि, लगभग 285 लाख टन चीनी की घरेलू खपत होगी. इन अनुमानों के आधार पर देश में लगभग 74.5 लाख टन का अंतिम स्टॉक रहने की उम्मीद है. इससे आगे निर्यात की गुंजाइश बनेगी. ISMA सरकार के सक्रिय दृष्टिकोण की सराहना की और जैसे-जैसे मौसम आगे बढ़ेगा और उत्पादन में स्पष्टता आएगी, अतिरिक्त चीनी निर्यात की अनुमति देने की संभावना पर आशा व्यक्त की है.

गन्ना पेमेंट समय पर करने के लिए चीनी का बिक्री मूल्य बढ़ाने की जरूरत

लॉन्गटर्म उपाय के रूप में ISMA चीनी के न्यूनतम बिक्री मूल्य (MSP) को संशोधित करने की तत्काल जरूरत पर जोर दिया है. कहा गया है कि उत्पादन लागत में लगातार इजाफा होने के बावजूद 6 साल से न्यूनतम बिक्री मूल्य बढ़ाया नहीं गया है. हरियाणा, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों की ओर से हाल ही में घोषित गन्ना मूल्यों में बढ़ोत्तरी के साथ 2025-26 के लिए चीनी उत्पादन की लागत तेजी से बढ़कर लगभग 41.7 रुपये प्रति किलोग्राम होने का अनुमान है. चीनी मिलें किसानों का गन्ना भुगतान समय पर करें, अपनी वित्तीय स्थिरता बनाए रख सकें, इसके लिए MSP में बढ़ोत्तरी जरूरी है.

इथेनॉल आवंटन बढ़ाना होगा

ISMA ने सरकार से हाई फीडस्टॉक और ब्लेंडिंग कॉस्ट को दर्शाने के लिए इथेनॉल खरीद मूल्य बढ़ाने का भी आग्रह किया है. इथेनॉल आपूर्ति साल (Ethanol Supply Year (ESY)) 2025-26 के लिए चीनी क्षेत्र को केवल 289 करोड़ लीटर इथेनॉल का वर्तमान आवंटन किया गया है, जो कुल आवंटन का मात्र 27.5 फीसदी है. यह एक गंभीर असंतुलन पैदा कर चुका है और डिस्टिलरी क्षमता का एक बड़ा हिस्सा बिना इस्तेमाल के रह गया है. डिस्टलरी का अधिकतम इस्तेमाल करने और स्थिरता बनाए रखने के लिए चीनी उद्योग को इथेनॉल आवंटन नीति आयोग के इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) रोडमैप के अनुरूप करना होगा.

गन्ना पेमेंट, चीनी एमएसपी और एथेनॉल खरीद मूल्यों पर विचार करे सरकार

इस्मा के महानिदेशक दीपक बल्लानी ने कहा कि हम चीनी निर्यात की अनुमति देने के समय पर और प्रगतिशील निर्णय के लिए सरकार को धन्यवाद देते हैं. ये कदम घरेलू और वैश्विक बाजार की वास्तविकताओं के प्रबंधन के लिए एक संतुलित दृष्टिकोण को दर्शाते हैं. साथ ही हम सरकार से आग्रह करते हैं कि वह उद्योग की वित्तीय स्थिति और किसानों को समय पर गन्ना भुगतान पक्का करने के लिए चीनी के एमएसपी और इथेनॉल खरीद मूल्यों में संशोधन पर विचार करे.

Published: 10 Nov, 2025 | 03:52 PM

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