डीएपी नहीं मिल रही तो इन खाद का करें इस्तेमाल, सीएम बोले- उपज में नहीं आएगी कमी

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कृषि अधिकारियों को डीएपी के विकल्प खाद की व्यवस्था करने और तत्काल वितरण के निर्देश दिए हैं. उन्होंने किसानों से कहा कि वैकल्पिक खाद के इस्तेमाल से उपज बढ़िया होती है उसमें कोई कमी नहीं आती है. 

नोएडा | Updated On: 8 Jul, 2025 | 12:43 PM

देशभर में खरीफ सीजन की फसलों की बुवाई तेज गति से हो रही है. मॉनसून की अच्छी बारिश से कृषि गतिविधियों में तेजी देखी जा रही है. फसलों की बुवाई के लिए जरूरी खाद डीएपी और यूरिया की खपत बढ़ने के साथ ही आपूर्ति की समस्या देखी जा रही है. इसका फायदा उठाकर जालसाज किसानों को नकली और फर्जी खाद बेचकर ठग ले रहे हैं. ऐसे में किसानों को ठगों से बचाने के लिए डीएपी के विकल्प दूसरी खाद के इस्तेमाल की अपील की जा रही है. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कृषि अधिकारियों को डीएपी के विकल्प खाद की व्यवस्था करने और तत्काल वितरण के निर्देश दिए हैं. उन्होंने किसानों से कहा कि वैकल्पिक खाद के इस्तेमाल से उपज बढ़िया होती है उसमें कोई कमी नहीं आती है.

डीएपी की जगह वैकल्पिक खाद उपलब्ध करा रही सरकार

खरीफ सीजन की फसलों की बुवाई के लिए छत्तीसगढ़ में कुछ इलाकों से डीएपी खाद नहीं मिलने या स्टॉक खत्म होने की शिकायतें मिलने के बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने डीएपी खाद की कमी को पूरा करने की वैकल्पिक व्यवस्था की है. किसानों को डीएपी के बदले दूसर खाद को विकल्प के रूप में अपनाने की सलाह दी गई है. राज्य सरकार डीएपी की जगह एनपीके और एसएसपी खाद सोसायटियों के माध्यम से उपलब्ध कराई जा रही है. सरकार ने 3.10 लाख मीट्रिक टन एनपीके खाद किसानों को देने का टारगेट रखा है. इसी तरह 1.80 लाख मीट्रिक टन एसएसपी खाद किसानों तक पहुंचाने का टारगेट है.

खाद-बीज की उपलब्धता पर कड़ी नजर – सीएम

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा है कि डीएपी खाद स्टॉक की कमी को लेकर किसानों को परेशान होने की जरूरत नहीं है. इसके विकल्प के रूप में राज्य सरकार की ओर से अन्य रासायनिक उर्वरक जैसे एनपीके और एसएसपी की व्यवस्था की गई है. उन्होंने कहा कि सोसायटियों से किसानों को उनकी मांग के अनुरूप खाद-बीज की उपलब्धता सुनिश्चित हो, इस पर कड़ी नजर रखी जा रही है.

सुदूर वनांचल में खाद-बीज उपलब्ध कराएं कलेक्टर

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सभी जिला कलेक्टरों को निर्देशित किया है कि किसी भी जिले में किसानों के लिए खाद, बीज की कमी नहीं होनी चाहिए. उन्होंने समय पर इनकी उपलब्धता किसानों करने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि सुदूर वनांचल के जिलों में भी अब खाद और बीज की पर्याप्त उपलब्धता है. कृषि विभाग की ओर से किसानों की जरूरतों के अनुसार बीज का स्टोर किया गया है. वहीं, खाद वितरण प्रक्रिया को पारदर्शी, सरल और सुविधाजनक बनाया गया है, जिससे कोई भी किसान वंचित न रहे.

एनपीके खाद कैसे फसल को बढ़ाती है

एनपीके एक मिश्रित उर्वरक है जिसमें नाइट्रोजन (N), फॉस्फोरस (P) और पोटाश (K) का मिश्रण होता है. यह खाद पौधों की पत्तियों, जड़ों, फूलों और फलों की तेज ग्रोथ करने में मदद करती है. फसल की जरूरत के अनुसार इसका सही मात्रा में इस्तेमाल करना किसानों के लिए काफी फायदेमंद होता है.

एसएसपी खाद क्या काम करती है

एसएसपी (SSP) खाद का पूरा नाम सिंगल सुपर फॉस्फेट है. इसे राजस्थान सरकार इस्तेमाल करने पर खूब जोर दे रही है. हालांकि, अब देशभर में इस खाद का इस्तेमाल किसान कर रहे हैं. यह खाद फॉस्फोरस युक्त उर्वरक है, जिसमें 16 फीसदी फॉस्फोरिक एसिड (P₂O₅) होता है. इसकी मदद से पौधों की जड़ों की वृद्धि और फूल-फल बनने में तेजी आती है. जबकि, एसएसपी में कुछ मात्रा में गंधक (Sulphur) भी होता है, जो मिट्टी की उर्वरा शक्ति को बढ़ाता है.

Published: 8 Jul, 2025 | 12:31 PM

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