हरी मूंग की बेहतरीन किस्म 70 दिन में देती है 18 क्विंटल उपज, घर बैठे सस्ते में मंगवाएं बीज

किसानों को खेती करने में किसी भी तरह की आर्थिक समस्या का सामना न करना पड़े, ये सुनिश्चित करने के लिए सरकार कई तरह की योजनाएं लाकर किसानों की मदद करने की कोशिश करती हैं.

नोएडा | Updated On: 4 Jul, 2025 | 01:54 PM

दलहनी फसलों की प्रमुख फसलों में से एक है हरी मूंग, जिसकी खेती से किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते ही. लेकिन मूंग की फसल से अच्छा उत्पादन और अच्छी कमाई करने के लिए बेहद जरूरी है कि किसान सही किस्मों का चुनाव करें. ऐसी ही हरी मूंग की एक उन्नत किस्म है हरी मूंग कनिका- सीएस (Kanika- CS). जिसकी खेती किसानों के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकती है.

बता दें कि हरी मूंग की इस किस्म की प्रति हेक्टेयर फसल से किसानों को 12 से 14 क्विंटल तक पैदावार मिल सकती है. हरी मूंग की किस्म कनिका पीले मोजेक वायरस के प्रति सहनशील होती है. बता दें कि इस किस्म की खेती उत्तर प्रदेश और आसपास के इलाकों के लिए सबसे सही मानी जाती है. किसान हरी मूंग की इस उन्नत क्वालिटी की किस्म के बीजों को घर बैठे एक क्लिक पर ऑनलाइन ऑर्डर कर सकते हैं.ट

यहां से खरीदें बीज

किसी भी फसल की खेती के लिए किसानों को ज्यादा मात्रा में बीजों की जरूरत होती है. इन बीजों की कीमत बाजार में बहुत ज्यादा होती है और कई बार किसानों के लिए इन बीजों को खरीद पाना मुश्किल होता है.किसानों को खेती करने में किसी भी तरह की आर्थिक समस्या का सामना न करना पड़े, ये सुनिश्चित करने के लिए सरकार कई तरह की योजनाएं लाकर किसानों की मदद करने की कोशिश करती हैं. इसी कड़ी में राष्ट्रीय बीज निगम (National Seed Corporation) किसानों को सहूलियत देने के लिए बाजार से कम कीमतों में बीज उपलब्ध कराता है.

हरी मूंग कनिका – सीएस (Kanika- cs) के बीज का 4 किलोग्राम के पैकेट खुले बाजार में 750 रुपये का मिलता है. वहीं एनएससी (NSC) यानी बीज निगम यही पैकेट मात्र 600 रुपये में उपलब्ध करा रहा है. बता दें कि जो किसान 6 जुलाई 2025 तक हरी मुंग की इस किस्म के 4 किलोग्राम के बीज का पैकेट खरीदेगा, उसे एक टी-शर्ट फ्री मिलेगी. किसान चाहें तो इन बीजों को ऑनलाइन मंगवा सकते हैं.

हरी मूंग की किस्म ‘कनिका- सीएस’

ऐसे करें ऑनलाइन ऑर्डर

क्या है इस किस्म की खासियत

हरी मूंग की इस किस्म की खासियत ये है कि ये एक जल्दी पकने वाली किस्म. इसकी फसल बुवाई के 60 से 70 दिन बाद पककर तैयार हो जाती है. इसकी फसल लंबी. हरी और दानों से भरपूर होती है. वहीं बात करें इस किस्म से होने वाली पैदावार की तो इसकी प्रति हेक्टेयर फसल से किसान लगभग 18 क्विंटल तक पैदावार कर सकते हैं. इसकी एक खासियत ये भी है कि ये किस्म पत्ती झुलसा, पीला मोज़ेक, जड़ सड़न आदि रोगों के प्रति सहनशील होती है.

Published: 4 Jul, 2025 | 03:20 PM

Topics: