जीरा उगाने के आसान तरीके, जानें कब और कैसे करें बुवाई

जीरा एक गर्मी पसंद फसल है, जिसे सूर्य की तेज रोशनी और गर्म मौसम की आवश्यकता होती है. इस फसल के अच्छे उत्पादन के लिए यह जरूरी है कि इसे सही समय पर बोया जाए.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 1 May, 2025 | 10:29 AM

जीरा एक लोकप्रिय मसाला है, जिसका उपयोग दुनिया भर की विभिन्न रेसिपीज में किया जाता है. यह अपने खास स्वाद के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद माना जाता है. अगर आप अपने बाग में या खेत में जीरा उगाने का सोच रहे हैं, तो इसके बोने का सही समय जानना बहुत जरूरी है. सही समय पर जीरा बोने से आपको बेहतर फसल मिल सकती है.

जीरा उगाने के लिए सही बोने का समय

जीरा एक गर्मी पसंद फसल है, जिसे सूर्य की तेज रोशनी और गर्म मौसम की आवश्यकता होती है. इस फसल के अच्छे उत्पादन के लिए यह जरूरी है कि इसे सही समय पर बोया जाए. आमतौर पर जीरा को सर्दी के अंत से लेकर वसंत के शुरुआत तक बोने की सलाह दी जाती है, खासकर ठंडी जगहों में. यह समय उस क्षेत्र की जलवायु और मौसम पर निर्भर करता है.

जीरा के लिए मिट्टी की तैयारी

जीरा की फसल अच्छे से बढ़ने के लिए अच्छी तैयार मिट्टी की जरूरत होती है. जीरा को रेतीली बलुई मिट्टी में उगाना सबसे अच्छा रहता है, जिसमें अच्छे से जल निकासी हो. मिट्टी का पीएच स्तर लगभग 6 से 7 के बीच होना चाहिए. मिट्टी में उर्वरक के रूप में जैविक खाद जैसे गोबर की खाद या कंपोस्ट डालना फायदेमंद रहता है.

जीरा के बीज बोने का तरीका

जीरा के बीजों को तैयार की गई मिट्टी में सीधे बोना चाहिए. बीजों को 1 से 1.5 सेंटीमीटर की गहराई में बोना चाहिए. इनके बीच 15 से 20 सेंटीमीटर की दूरी रखनी चाहिए ताकि पौधों को अच्छी तरह से फैलने और बढ़ने का मौका मिले. जब अंकुर निकलने के बाद पौधे थोड़े बड़े हो जाएं, तो आपको पौधों के बीच की जगह बढ़ाने के लिए पौधों की पत्तियां काटनी पड़ सकती हैं.

जीरा की देखभाल

जीरा को अच्छे से बढ़ने के लिए पर्याप्त धूप और पानी की जरूरत होती है. विशेष रूप से सूखे मौसम में पौधों को नियमित रूप से पानी देना जरूरी है. इसके साथ ही खरपतवारों को भी नियमित रूप से हटाना चाहिए ताकि वे पौधों से पोषक तत्वों और पानी की प्रतिस्पर्धा न करें.

जीरा की फसल तैयार होने का समय

जीरा को पहने में आमतौर पर 3 से 4 महीने का समय लगता है. जब इसके पौधे सूखकर भूरे रंग के हो जाते हैं, तब यह फसल काटने का समय होता है. जीरे के बीजों को हाथ से काटा जाता है और फिर उन्हें सूखने के लिए रखा जाता है, ताकि वे स्टोर करके रखने लायक हो जाएं.

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