खरीफ फसलों का क्षेत्रफल 4 फीसदी बढ़ा, मक्का-धान की बढ़त ने बनाया रिकॉर्ड, जानें आंकड़े

इस साल धान की बुवाई का क्षेत्रफल 420.41 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है, जबकि पिछले साल यह 390.80 लाख हेक्टेयर था. इसका मतलब है कि इस बार 7.6 फीसदी ज्यादा क्षेत्र में धान की बुवाई हुई है.

नई दिल्ली | Published: 26 Aug, 2025 | 02:26 PM

इस साल भारत में खरीफ फसलों की बुवाई सामान्य स्तर के करीब पहुंच गई है. कृषि मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, अब तक लगभग 1,073.98 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बुवाई हो चुकी है. यह पिछले साल के 1,038.58 लाख हेक्टेयर से 3.4 फीसदी ज्यादा है. कुल मिलाकर, यह आंकड़ा सामान्य अनुमान 1,097 लाख हेक्टेयर का लगभग 98 फीसदी है.

धान की बुवाई में बढ़त

इस साल धान की बुवाई का क्षेत्रफल 420.41 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है, जबकि पिछले साल यह 390.80 लाख हेक्टेयर था. इसका मतलब है कि इस बार 7.6 फीसदी ज्यादा क्षेत्र में धान की बुवाई हुई है. अप्रैल में पुसा बासमती 1509 की बुवाई करने वाले किसान अपनी फसल काटकर बेच चुके हैं, वहीं कुछ किसान अभी भी धान की बुवाई कर रहे हैं.

दालों की स्थिति

दालों की बुवाई में मिश्रित स्थिति रही है.

  • उरद की बुवाई 21.71 लाख हेक्टेयर रही, जो पिछले साल के 20.31 लाख हेक्टेयर से 6.9 फीसदी ज्यादा है.
  • मूंग की बुवाई में थोड़ी बढ़त हुई और यह 33.95 लाख हेक्टेयर तक पहुंची.
  • अरहर का क्षेत्र 43.98 लाख हेक्टेयर रहा, जो पिछले साल से थोड़ा कम है.

इससे पता चलता है कि दालों की बुवाई में कुछ फसलें पिछड़ गई हैं, जबकि कुछ में वृद्धि हुई है.

मक्का और अन्य पोषक अनाज

मक्का की बुवाई में सबसे ज्यादा बढ़त हुई है. इस बार इसका क्षेत्रफल 93.34 लाख हेक्टेयर रहा, जो पिछले साल 83.58 लाख हेक्टेयर था.

ज्वार, बाजरा और रागी की बुवाई पिछले साल के बराबर रही. कुल मिलाकर पोषक और जड़ वाली फसलों का क्षेत्रफल 187.12 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया, जो पिछले साल से 6.4 फीसदी अधिक है.

तेलहन और कपास की बुवाई में गिरावट

  • तेलहन फसलों का क्षेत्रफल इस बार कम रहा.
  • सोयाबीन की बुवाई 120.11 लाख हेक्टेयर हुई.
  • मूंगफली का क्षेत्र 45.30 लाख हेक्टेयर रहा.
  • सूरजमुखी की बुवाई भी घटकर 0.63 लाख हेक्टेयर रह गई.
  • कपास की बुवाई में भी 2.6 फीसदी की कमी आई और इसका क्षेत्रफल 108.47 लाख हेक्टेयर रहा.

गन्ना और जूट की बुवाई पूरी

गन्ना और जूट की बुवाई इस साल पूरी हो चुकी है. गन्ना का क्षेत्रफल 57.31 लाख हेक्टेयर और जूट का 5.54 लाख हेक्टेयर है.

विशेषज्ञों की राय

कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि इस साल बारिश और मौसम की स्थिति के अनुसार फसल उत्पादन सामान्य से बेहतर हो सकता है. सरकार किसानों की मदद के लिए बुवाई और संभावित पैदावार पर लगातार नजर रख रही है.