यूपी में आज से लगेगी किसानों की पाठशाला, जानिए क्या सीखेंगे किसान और कैसे मिलेगा फायदा?

सरकार 12 से 29 दिसंबर तक पूरे प्रदेश में चलाएगी बड़ा अभियान, फ्री ट्रेनिंग से लेकर बीज और कीटनाशक तक लाभ मिलेगा. अब तक इस कार्यक्रम के माध्यम से 1.90 करोड़ किसानों को प्रशिक्षित किया जा चुका है, जिससे यह देश की सबसे बड़ी कृषि प्रशिक्षण पहल बन गई है.

नई दिल्ली | Published: 12 Dec, 2025 | 11:00 AM

उत्तर प्रदेश में रबी सीजन की तैयारी जोर पकड़ चुकी है और इसी बीच योगी सरकार किसानों के लिए एक बड़ी पहल लेकर आई हैकिसान पाठशाला. यह सिर्फ एक ट्रेनिंग कार्यक्रम नहीं, बल्कि किसानों के जीवन और खेती को बदलने का एक बड़ा प्रयास है. सरकार चाहती है कि हर किसान कम लागत में ज्यादा उत्पादन हासिल करे और खेती के आधुनिक मॉडल को अपनाकर अपनी आमदनी बढ़ा सके. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस अभियान की शुरुआत आज बाराबंकी के दौलतपुर गांव से कर रहे हैं, जहां पद्मश्री किसान रामशरण वर्मा उन्नत खेती का मॉडल बन चुके हैं.

क्या है किसान पाठशाला?

किसान पाठशाला एक ऐसा सरकारी कार्यक्रम है जहां किसान अपने ही गांव या ब्लॉक स्तर पर खेती की आधुनिक तकनीकें सीखते हैं. यहां किसानों को मिट्टी की जांच, उन्नत किस्म के बीज, बेहतर सिंचाई मॉडल, बागवानी, पशुपालन, मशरूम-फार्मिंग, मधुमक्खी पालन और कीट प्रबंधन तक की मैदानी और व्यावहारिक ट्रेनिंग दी जाती है. अब तक इस कार्यक्रम के माध्यम से 1.90 करोड़ किसानों को प्रशिक्षित किया जा चुका है, जिससे यह देश की सबसे बड़ी कृषि प्रशिक्षण पहल बन गई है.

किसान पाठशाला कब और कहां होगी?

यह कार्यक्रम 12 दिसंबर से 29 दिसंबर 2025 तक पूरे प्रदेश में चलेगा. पंचायत भवन, प्राथमिक विद्यालय, पैक्स सोसायटी, कृषि विज्ञान केंद्र और किसान कल्याण केंद्रों पर यह पाठशालाएं आयोजित होंगी. हर ब्लॉक में चयनित प्रगतिशील किसान अपने अनुभव साझा करेंगे ताकि स्थानीय किसान उनसे सीख सकें और अपनी फसलों में सुधार कर सकें.

किसान पाठशाला से किसानों को क्या मिलेगा?

किसान पाठशाला का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यहां दी जाने वाली सभी जानकारी व्यवहारिक, सरल और सीधे किसान की जरूरत पर आधारित होती है.

किसान को मिलेगा:

कैसे बदल रहा है कृषि का मॉडल?

बाराबंकी के किसानों के अनुसार नई तकनीकें न सिर्फ उत्पादन बढ़ाती हैं बल्कि लागत भी आधी कर देती हैं. वे बताते हैं कि टमाटर की खेती में 60 हजार की लागत पर 2 से 2.5 लाख रुपये तक लाभ संभव है. केला, मेंथा, तरबूज और आलू जैसी फसलें भी किसानों को अच्छा मुनाफा दे रही हैं पहले 20–25 हजार कमाने वाले किसान आज 1.5–2 लाख रुपये वार्षिक आय हासिल कर रहे हैं. सरकार का लक्ष्य है कि हर किसान ऐसी उन्नत तकनीकों को अपनाए और अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत करे.

योगी सरकार के किसान हितैषी कदम

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