मछुआरों के लिए सुनहरा मौका, मुफ्त ट्रेनिंग लेकर बढ़ाएं मछली पालन से आमदनी और कारोबार

बिहार सरकार की मत्स्य प्रशिक्षण एवं प्रसार योजना के तहत मछुआरों को मुफ्त प्रशिक्षण दिया जाएगा. योजना का उद्देश्य मछली पालन की तकनीक सिखाकर उत्पादन और आय बढ़ाना है. आवेदन ऑनलाइन करना होगा. योजना में राज्य के अंदर और बाहर दोनों जगह प्रशिक्षण मिलेगा.

नोएडा | Published: 17 Sep, 2025 | 06:55 PM

Bihar News: बिहार सरकार मछुआरों और मत्स्य पालकों की आय बढ़ाने के लिए एक खास योजना लेकर आई है. मत्स्य प्रशिक्षण एवं प्रसार योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2025-26 में राज्य के हजारों मत्स्य पालकों को फ्री ट्रेनिंग दी जाएगी. इस योजना का मकसद है कि मछुआरों को नई तकनीक सिखाई जाए जिससे उनका उत्पादन और आमदनी दोनों बढ़े. इस योजना का फायदा उठाने के लिए इच्छुक मछुआरों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा. आवेदन की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2025 रखी गई है.

योजना का मकसद क्या है?

इस योजना का मुख्य उद्देश्य है मछुआरों को मछली पालन की आधुनिक और वैज्ञानिक तकनीकों की ट्रेनिंग देना, ताकि वे कम लागत में ज्यादा उत्पादन कर सकें. इससे मछुआरों की सालाना आमदनी में भी बढ़ोतरी होगी. यह प्रशिक्षण पूरी तरह फ्री है. लाभार्थियों से सिर्फ मामूली निबंधन शुल्क लिया जाएगा.

कितने लोगों को मिलेगा लाभ?

बिहार सरकार की योजना के तहत कुल 9455 मछुआरों और मत्स्य पालकों को 317 बैचों में प्रशिक्षण दिया जाएगा. यह प्रशिक्षण राज्य के भीतर और बाहर स्थित प्रतिष्ठित मात्स्यिकी संस्थानों में आयोजित किया जाएगा. राज्य से बाहर प्रशिक्षण पाने वाले लाभार्थियों को आने-जाने के लिए मार्ग व्यय दिया जाएगा, ताकि उन्हें यात्रा में कोई आर्थिक परेशानी न हो. लेकिन राज्य के अंदर प्रशिक्षण लेने वाले प्रतिभागियों को भोजन, अल्पाहार या यात्रा खर्च की कोई सुविधा नहीं मिलेगी. इस योजना का उद्देश्य मछुआरों को उन्नत तकनीक की जानकारी देकर उनकी आमदनी और उत्पादन क्षमता को बढ़ाना है.

कहां होगी ट्रेनिंग और कितना लगेगा शुल्क?

मत्स्य प्रशिक्षण योजना के तहत मछुआरों को विभिन्न प्रमुख संस्थानों में प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिनमें केंद्रीय मात्स्यिकी शिक्षा संस्थान, कीकीनाडा भी शामिल है. कीकीनाडा में प्रशिक्षण लेने वालों को 250 रुपये का निबंधन शुल्क देना होगा, जबकि अन्य सभी संस्थानों में यह शुल्क मात्र 100 रुपये निर्धारित किया गया है. यह शुल्क एक बार ही लिया जाएगा और इसके अलावा प्रशिक्षण पूरी तरह निःशुल्क रहेगा. लाभार्थियों को यह राशि अपने संबंधित जिला मत्स्य कार्यालय में जमा करनी होगी. सरकार का उद्देश्य है कि न्यूनतम लागत में मछुआरों को बेहतर प्रशिक्षण देकर उनकी आमदनी में बढ़ोतरी हो सके.

कौन लोग ले सकते हैं इस योजना का फायदा?

मत्स्य प्रशिक्षण एवं प्रसार योजना का लाभ केवल उन्हीं व्यक्तियों को मिलेगा जो मछली पालन से जुड़े हों. आवेदनकर्ता निजी, पट्टा या सरकारी तालाब/जलकर में मछली पालन करते हों, या प्रखंड स्तरीय मत्स्यजीवी सहयोग समिति के सक्रिय सदस्य हों. इसके अलावा, जो लोग मछली पालन करना चाहते हैं और पहले से विभागीय योजनाओं में आवेदन कर चुके हैं या चयनित हुए हैं, उन्हें भी प्राथमिकता दी जाएगी. आवेदन के साथ भूमि से संबंधित दस्तावेज जैसे रसीद, पट्टा या लीज पेपर और समिति की सदस्यता प्रमाण पत्र अनिवार्य रूप से संबंधित जिला मत्स्य कार्यालय में जमा करना होगा.

दोबारा ट्रेनिंग कब मिल सकती है?

जो मछुआरे पहले से इस योजना के तहत ट्रेनिंग ले चुके हैं, वे तीन साल बाद ही दोबारा प्रशिक्षण के लिए आवेदन कर सकते हैं. हालांकि पहली बार आवेदन करने वालों को प्राथमिकता दी जाएगी. इसका मतलब है कि नए लोग पहले चुने जाएंगे, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को फायदा मिल सके.

कैसे करें आवेदन?

मत्स्य प्रशिक्षण एवं प्रसार योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन है. इच्छुक मछुआरों और मत्स्य पालकों को आवेदन करने के लिए बिहार सरकार की वेबसाइट https://fisheries.bihar.gov.in/ पर जाकर फॉर्म भरना होगा. आवेदन की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2025 निर्धारित की गई है, इसलिए समय रहते आवेदन करना बेहद जरूरी है. सभी योग्य लाभार्थियों से अनुरोध है कि वे समय पर आवेदन करें और इस लाभकारी योजना का पूरा फायदा उठाएं.

Published: 17 Sep, 2025 | 06:55 PM

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