एक सीजन में एक एकड़ में प्राकृतिक खेती करें किसान, नुकसान का खतरा घटेगा.. उपज और कमाई बढ़ेगी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोयंबटूर के साउथ इंडिया नेचुरल फार्मिंग समिट 2025 में शामिल हुए थे. पीएम ने बड़ी सैलरी वाली कॉर्पोरेट की नौकरी छोड़कर प्राकृतिक खेती अपनाने वाले एग्री एंटरप्रेन्योर, साइंटिस्ट, किसान उत्पादक संगठन (FPO) और भारत की कृषि को बदलने वाले किरदारों से मिले. अपने अनुभव साझा करते हुए उन्होंने प्राकृतिक खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्राकृतिक खेती को लेकर किसानों को संदेश देते हुए कहा कि किसानों को एक सीजन में एक एकड़ में प्राकृतिक खेती करनी चाहिए. ताकि, वे कम उपज के खतरे से बच सकें. जब खेत की मिट्टी ठीक हो जाएगी तो खूब उत्पादन शुरू हो जाएगा. पीएम ने कहा कि प्राकृतिक खेती के जरिये पंचगव्य, जीवामृत, बीजामृत और घास के प्रयोग से रासायनिक खाद और पेस्टिसाइड से मिट्टी की उर्वरता में कमी और बढ़ती लागत की चुनौतियों से पार पाया जा सकता है.
पीएम ने कोयंबटूर समिट के अनुभव साझा किए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नवंबर में कोयंबटूर के साउथ इंडिया नेचुरल फार्मिंग समिट 2025 में शामिल हुए थे. इसमें पीएम बड़ी सैलरी वाली कॉर्पोरेट की नौकरी छोड़कर प्राकृतिक खेती अपनाने वाले एग्री एंटरप्रेन्योर, साइंटिस्ट, किसान उत्पादक संगठन (FPO) और भारत की कृषि को बदलने वाले किरदारों से मिले. अब प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लिंक्डइन पर भारत और प्राकृतिक खेती…आगे का रास्ता! शीर्षक से अपने अनुभव साझा किए हैं. पीएम ने कहा कि कोयंबटूर की समिट हमेशा मेरी यादों का हिस्सा रहेगी. इससे पता चला कि भारत के किसान, एग्री इनोवेटर्स और एग्री-एंटरप्रेन्योर्स, अपनी सोच और कॉन्फिडेंस से खेती का भविष्य बना रहे हैं. साथ ही प्राकृतिक खेती करने वाली टीमों की जानकारी उन तक पहुंचाने की अपील की है.
बड़ी सैलरी वाले करियर को छोड़कर प्राकृतिक खेती से जुड़ रहे
पीएम ने लिखा है कि प्राकृतिक खेती भारत के पारंपरिक ज्ञान प्रणाली और आधुनिक पारिस्थितिकी सिद्धांतों से प्रेरित है. पीएम मोदी ने लिखा कि तमिलनाडु के किसानों के साथ बातचीत में प्राकृतिक खेती में उनकी कोशिशों का जानकर मैं हैरान रह गया, कि इसमें अलग-अलग बैकग्राउंड के लोग, जिनमें साइंटिस्ट, FPO लीडर, पहली पीढ़ी के ग्रेजुएट और कॉर्पोरेट की बड़ी सैलरी वाले करियर को छोड़कर प्राकृतिक खेती से जुड़ रहे हैं. पीएम ने प्राकृतिक खेती से जुड़े लोगों की सफलता की कहानियां और सरकार के प्रयासों के बारे में भी बताया.
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नेचुरल फार्मिंग मिशन में लाखों किसान जुड़े
पीएम ने बताया कि भारत सरकार ने नेशनल मिशन ऑन नेचुरल फार्मिंग शुरू किया है, जिससे लाखों किसान पहले ही जुड़ चुके हैं. सरकार की ओर से एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने, किसान क्रेडिट कार्ड (पशुधन और मछली पालन के लिए भी) और PM-किसान के जरिए इंस्टीट्यूशनल क्रेडिट को बढ़ाने से इसमें मदद मिली है. प्राकृतिक खेती के जरिए श्री अन्न या मिलेट्स को बढ़ावा देने की भी कोशिश की जा रही है. पीएम ने खुशी जताई कि बड़ी संख्या में महिला किसान प्राकृतिक खेती को अपना रहीं हैं.
Two weeks ago, I was at a Summit on Natural Farming in Coimbatore, which left a lasting impression on my mind. Expressed a few thoughts on it in this LinkedIn Post, with a clarion call to people across India to increase natural farming. Have a look.https://t.co/8JVS3MaJ8d…
— Narendra Modi (@narendramodi) December 3, 2025
प्राकृतिक खेती के लिए ‘एक एकड़, एक सीजन’ मंत्र
पीएम ने बताया कि प्राकृतिक खेती के जरिये पंचगव्य, जीवामृत, बीजामृत और घास के प्रयोग से रासायनिक खाद और पेस्टिसाइड से मिट्टी की उर्वरता में कमी और बढ़ती लागत की चुनौतियों से पार पाया जा सकता है. इसे पहले ‘एक एकड़, एक सीज़न’ से शुरुआत कर आजमाया जा सकता है. पीएम ने लिखा है कि जब पारंपरिक ज्ञान, आधुनिक विज्ञान और संस्थान की मदद मिलती है तो प्राकृतिक खेती मुमकिन और बदलाव लाने वाली बन सकती है.
पीएम मोदी ने सभी से प्राकृतिक खेती अपनाने की अपील की है. उन्होंने लिखा कि सामूहिक सशक्तिकरण से जुड़े FPOs से जुड़कर भी ऐसा कर सकते हैं. इस क्षेत्र के स्टार्टअप के बारे में भी सोच सकते हैं. पीएम ने लिखा कि हम मिलकर अपनी कृषि और उससे जुड़े सेक्टर को उत्पादक और सतत बनाते रहेंगे. अगर आप प्राकृतिक खेती पर काम करने वाली टीमों को जानते हैं, तो मुझे भी जरूर बताएं!