नई दिल्ली स्थित ICAR-राष्ट्रीय कृषि अर्थशास्त्र एवं नीति अनुसंधान संस्थान में ‘सहकारी वस्तु और आर्थिक क्षेत्रों के ज़रिए सहकारी आर्थिक ढांचे’ पर एक उच्च स्तरीय राष्ट्रीय राउंड टेबल बैठक आयोजित की गई. बैठक की शुरुआत पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना के साथ हुई. इस मौके पर दिलीप संघाणी ने कहा कि किसी भी क्षेत्र की सफलता और तरक्की के लिए उत्पादन, उत्पादकता, गुणवत्ता और मार्केटिंग की मजबूत व्यवस्था जरूरी है. उन्होंने जोर दिया कि इन सभी पहलुओं को बेहतर करने के लिए सहयोग, प्रशिक्षण और ठोस परियोजनाएं तैयार की जानी चाहिए, ताकि देश की आर्थिक प्रगति को गति मिल सके.
इन्हें मिला सम्मान
कार्यक्रम के दौरान तीन सामान्य लोगों को सम्मानित भी किया गया. प्रोफेसर डॉ. मल्लिका कुमार को रोमाशा पुरस्कार 2025 दिया गया. यह सम्मान उन्हें सहकारी शिक्षा के क्षेत्र में उनके अहम योगदान और एक समानता आधारित, ज्ञान-आधारित समाज के निर्माण के प्रति उनके समर्पण के लिए दिया गया है. जबकि, कामना झा को लक्ष्मी सहगल ग्लोबल अवार्ड 2025 से सम्मानित किया गया. उन्होंने अपनी इनोवेटिव और समावेशी रणनीतियों से ग्रामीण विकास का नया मॉडल पेश किया है. उनके नेतृत्व में शुरू हुई ‘रिवर्स माइग्रेशन’पहल ने ग्रामीण इलाकों में आजीविका को फिर से मजबूत किया है.
ये गणमान्य रहे उपस्थित
डॉ. उमाकांत दास को LVS पब्लिक पॉलिसी 2025 लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड मिला है. यह सम्मान उन्हें सार्वजनिक नीति, सामाजिक समानता और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में उनके जीवनभर के योगदान के लिए दिया गया है. वहीं, इस महत्वपूर्ण बैठक में देशभर से विशेषज्ञों और नीति-निर्माताओं ने हिस्सा लिया. ICAR के निदेशक डॉ. पीएस बिरथल, इफको के प्रबंध निदेशक डॉ. यूएस अवस्थी, निदेशक प्रहलाद सिंह, जगदीपसिंह नकई, नीति आयोग के कमल त्रिपाठी, विपणन निदेशक योगेन्द्र कुमार, MSP कमिटी के विनोद आनंद, IRMA के निदेशक डॉ. उमाकांत दास और प्राध्यापिका डॉ. मल्लिका कुमार समेत अनेक विशिष्ट गणमान्य लोग उपस्थित रहे.