देश में बंपर चीनी उत्पादन दर्ज किया गया है. चीनी उद्योग के शीर्ष निकाय ISMA के अनुसार अप्रैल तक देश में 256.90 लाख टन से अधिक चीनी उत्पादन दर्ज किया गया है. पिछले आंकड़े देखें तो 15 अप्रैल तक 254.97 लाख टन चीनी उत्पादन हुआ था, यानी 15 दिन में 2 लाख टन से अधिक प्रोडक्शन दर्ज किया गया है. उत्पादन करने में उत्तर प्रदेश ने महाराष्ट्र समेत सबको पीछे छोड़ दिया है.
भारतीय शुगर बायो एनर्जी एंड मैन्यूफैक्चर एसोसिएशन (ISMA) ने 30 अप्रैल 2025 तक देश में कुल चीनी उत्पादन के आंकड़े जारी कर दिए हैं. ISMA के अनुसार वर्तमान 2024-25 चीनी सीजन में कुल 256.90 लाख टन तक चीनी उत्पादन हासिल किया गया है. यह आंकड़ा एथेनॉल डायवर्जन के बाद का है. इस्मा ने बताया है कि देश भर में वर्तमान में 19 मिलें चल रही हैं. ऐसे में उत्पादन का यह आंकड़ा और ऊपर जाने की संभावना है.
किस राज्य में कितना चीनी उत्पादन
ISMA के आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 92.40 लाख टन चीनी उत्पादन हासिल हुआ है. जबकि, महाराष्ट्र में अधिक चीनी मिलों के पेराई करने के बाद भी 80.87 लाख टन उत्पादन हुआ है. इसके साथ ही कर्नाटक में 40.40 लाख टन, गुजरात में 8.92 लाख टन और तमिलनाड़ु में 4.75 लाख टन चीनी उत्पादन हुआ है. इसके अलावा अन्य राज्यों में मिलाकर 29.56 लाख टन चीनी उत्पादन दर्ज किया गया है.
कैसे बढ़ा चीनी का उत्पादन
चीनी उद्योग के शीर्ष निकाय ISMA के अनुसार गन्ने की बेहतर पैदावार ने उत्तर प्रदेश में गन्ने की उपलब्धता को बढ़ाया है, जिससे कुछ मिलों को अपना परिचालन जारी रखने में मदद मिली है. इसके अतिरिक्त सीजन की दूसरी छमाही में बेहतर चीनी रिकवरी के चलते चीनी का बेहतर उत्पादन हुआ है. कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में अच्छी गन्ना पैदावार और अधिक रिकवरी के चलते उत्पादन में बढ़त मिली है.
कहां कितनी चीनी मिलें अभी भी चल रहीं
वर्तमान में उत्तर प्रदेश में लगभग 10 चीनी मिलें अभी भी चालू हैं, जिनमें से 8 पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हैं. इन मिलों के अगले 7 से 10 दिनों तक चलने की उम्मीद है. तमिलनाडु में 8 मिलें मुख्य सीजन का संचालन कर रही हैं. जबकि, महाराष्ट्र के पुणे में एक चीनी मिल मई 2025 के दूसरे सप्ताह तक चालू रहने की उम्मीद है. ऐसे में मुख्य सीजन अभी भी मई 2025 के महीने में चीनी उत्पादन में योगदान देने की उम्मीद है.
विशेष सीजन में कर्नाटक और तमिलनाडु में होगी पेराई
इस्मा ने कहा है कि चीनी उत्पादन में बढ़ाने के लिए दक्षिण कर्नाटक और तमिलनाडु में कुछ कारखाने जून और जुलाई से सितंबर 2025 तक विशेष सीजन के दौरान अपना परिचालन फिर से शुरू करेंगे. कहा गया है कि कर्नाटक और तमिलनाडु सामूहिक रूप से विशेष सीजन में लगभग 4-5 लाख टन चीनी का उत्पादन करते हैं.