कामकाजी पशुओं का सरकार रखेगी खास खयाल, खानपान के साथ चिकित्सा के भी होंगे उचित इंतजाम

पशुओं के टीकाकरण और रोगों की निगरानी के लिए आईसीएआर-एनआरसीई (ICAR-NRCE)जैसी संस्थानों की मदद ली जाएगी. बता दें कि, पशुओं की सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए राज्य सरकारें, तीर्थस्थल बोर्ड और एसपीसीए मिलकर काम करेंगे

नोएडा | Updated On: 28 Aug, 2025 | 07:22 PM

तीर्रथस्थलों पर आपने अकसर देखा होगा की जो लोग खुद से नहीं चल पाते या थक जाते हैं वे फिर सफर तय करने के लिए पशुओं का सहारा लेते हैं. अब इसी कड़ी में  सरकार के मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के तहत पशुपालन और डेयरी विभाग (डीएएचडी) ने हाल ही में धार्मिक तीर्थयात्राओं के दौरान काम में आने वाले पशुओं के कल्याण के लिए एडवाइजरी जारी की है. सरकार द्वारा जारी की गई एडवाइजरी में दिए गए निर्देशों का पालन कर अमरनाथ, चारधाम, वैष्णोदेवी और मणिमहेश जैसी प्रमुख तीर्थयात्राओं  में घोड़े, खच्चर और गधों जैसे पशुओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य की देखभाल को सुनिश्चित किया जाएगा.

सुरक्षित यात्रा के लिए जरूरी है पशुओं की सेहत

सरकार का मानना है कि तीर्थयात्रा में इस्तेमाल में लाए जाने वाले पशुओं को सेहत और सुरक्षा सीधे तौर पर तीर्थयात्रियों की सुरक्षा और उन परिवारों की आजीविका से जुड़ी है जो इन पशुओं पर निर्भर हैं. बता दे कि, इन यात्राओं में हजारों की संख्या में श्रद्धालु हर साल पहाड़ी और कठिन रास्तों से गुजरते हैं. अपनी यात्रा के दौरान श्रद्धालु भारी सामान को ढोने के लिए या फिर लोगों को पहाड़ों पर ले जाने के लिए इन पशुओं का इस्तेमाल करते हैं. इसलिए बेहद जरूरी है कि ऐसे पशुओं की देखभाल और सुरक्षा के सभी इंतजाम चाकचौबंद हों.

पशुओं का पंजीकरण है जरूरी

सरकार द्वारा जारा की गई एडवाइजरी के अनुसार, तीर्थयात्रा में इस्तेमाल में लाए जाने वाले सभी पशुओं का पंजीकरण और उनकी टैगिंग करना बेहद जरूरी है. साथ ही, ग्लैंडर्स और इक्विन इन्फ्लूएंजा जैसे रोगों के लिए इनका स्वास्थ्य परीक्षण और प्रमाणन भी जरूरी होगा. बता दें कि, इन पशुओं को को ऊंचाई वाले इलाकों में भेजने से पहले उन्हें वहां के माहौल में ढालने के लिए तैयार करना जरूरी होगा. एडवाइजरी के अनुसार, यात्रा के रास्ते में हर 5 किलोमीटर पर पशु चिकित्सा केंद्र बनाए जाएंगे, जहाँ डॉक्टर, दवाइयाँ और प्राथमिक उपचार की सुविधाएं मौजूद होंगी. इसके अलावा पशुओं के आराम के लिए जगह-जगह पर शेड, पीने का पानी, वजन ढोने की एक तय सीमा और रात के समय चलने पर रोक जैसे नियम भी लागू किए जाएंगे.

जरूरी होगा पशुओं का बीमा

सरकार ने ये भी तय किया है कि सभी काम कर रहे पशुओं का बीमा कराना जरूरी होगा , ताकि किसी हादसे की स्थिति में पशुपालकों को उचित मुआवजा मिल सके.साथ ही इन पशुओं पर किसी भी  कठोर उपकरणों के इस्तेमाल पर भी रोक लगाई जाएगी.  सरकार की तरफ से बताया गया है कि पशुओं के टीकाकरण और रोगों की निगरानी के लिए आईसीएआर-एनआरसीई (ICAR-NRCE)जैसी संस्थानों की मदद ली जाएगी. बता दें कि, पशुओं की सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए राज्य सरकारें, तीर्थस्थल बोर्ड और एसपीसीए मिलकर काम करेंगे. सरकार की इस पहल से न केवल पशुओं की सेहत सुधरेगी, बल्कि तीर्थयात्रा भी अधिक सुरक्षित और व्यवस्थित हो सकेगी.

Published: 28 Aug, 2025 | 11:30 PM

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