खाद नहीं मिलने से गुस्साए किसानों का चक्काजाम, लाइन में लगने के बाद फूटा गुस्सा.. बसों पर चढ़े युवक

खरीफ सीजन की प्रमुख फसलों धान, गन्ना और मक्का के लिए इस समय यूरिया की सख्त जरूरत है. क्योंकि पौधे विकास के चरण में है बालियां बन रही हैं और दाना भर रहा है.

रिजवान नूर खान
नोएडा | Updated On: 28 Aug, 2025 | 05:56 PM

राज्य सरकारें दावे कर रही हैं कि खाद की उपलब्ध भरपूर है. लेकिन जमीन पर हकीकत कुछ और ही कहानी बयां करती है. खाद की किल्लत पर बौखलाए किसानों का ताजा मामला मध्य प्रदेश मुरैना का है. यहां कई दिनों से खाद का इंतजार करते करते थके किसानों का आज सब्र टूट गया और गुस्साए किसानों ने हाइवे जाम कर दिया. चौराहे से गुजर रहे वाहनों को रोक दिया गया और युवाओं ने बसों वाहनों पर चढ़कर विरोध जताया. हाइवे का रास्ता जाम होने से प्रशासन के हाथ पांव फूल गए.

खरीफ सीजन की प्रमुख फसलों धान, गन्ना और मक्का के लिए इस समय यूरिया की सख्त जरूरत है. क्योंकि पौधे विकास के चरण में है बालियां बन रही हैं और दाना भर रहा है. ऐसे में फसल को पोषण की जरूरत है और उसके लिए किसान यूरिया हासिल करने के लिए दुकानों पर भटक रहे हैं. लेकिन, दुकानदारों की ओर से स्टॉक कमी का बहाना बनाया जा रहा है और किसानों को लंबा इंतजार कराया जा रहा है. यह कहानी सिर्फ मध्य प्रदेश ही नहीं उत्तर प्रदेश समेत कुछ अन्य राज्यों की भी है.

नाराज किसानों ने मुरैना में हाइवे जाम किया

मध्य प्रदेश के मुरैना से खाद की किल्लत का ताजा मामला सामने आया है. हालांकि, सरकार का दावा है कि राज्य में खाद की कोई कमी नहीं है. आज मुरैना के किसानों ने खाद नहीं मिलने पर हाइवे जाम कर दिया. किसानों ने कहा कि समय पर खाद नहीं मिल रही है. हर दिन उन्हें टरकाया जा रहा है. दुकानों पर खाद लेने वाले किसानों की संख्या ज्यादा है, लेकिन दुकानदार स्टॉक कम होने की बात कहकर किसानों को टरका रहे हैं.

बसों पर चढ़े युवकों ने की नारेबाजी

मुरैना जिले में खाद की किल्लत का सामना कर रहे किसानों ने आज नेशनल हाईवे 552 स्थित कैलारस थाने के सामने जाम लगा दिया. किसानों ने नारेबाजी करते हुए जोरदार प्रदर्शन किया है. कुछ युवा किसान जाम के कारण खड़ी बसों पर चढ़ गए और नारेबाजी की. आधा घंटे तक नेशनल हाईवे जाम होने की सूचना से पुलिस प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए. आनन फानन में मौके पर पुलिस और अधिकारी पहुंचे. किसानों को समझा-बुझाकर शांत कराया गया और खाद दिलाने का आश्वासन देकर जाम खुलवाया गया.

आगामी बुवाई के लिए अभी से खाद उठान ने बढ़ाई परेशानी

मुरैना जिला प्रशासन के अनुसार बीते वर्षों की तुलना में इस बार सामान्य से अधिक और लगातार बारिश होने के चलते खरीफ फसलों की बुवाई कम हुई है. इस वजह से आगामी समय में जिले की मुख्य फसल के रूप में सरसों की बुवाई 15 सितम्बर से 15 अक्टूबर तक की जाएगी. इसलिए किसान अभी से आगामी फसलों के लिए उर्वरक का उठान कर रहे हैं. इसकी वजह से किसानों की भीड़ खाद केंद्रों पर जुट रही है.

भिंड में किसानों को यूरिया और डीएपी का वितरण

मुरैना के पड़ोसी जिले भिंड में किसानों को यूरिया, डीएपी और एनपीके खाद का वितरण किया गया है. अभी तक कुल यूरिया 12904 मीट्रिक टन, डीएपी उर्वरक 7391 एवं एनपीके उर्वरक 6802 मीट्रिक टन जिले को मिली है. इसमें से यूरिया 6230 मीट्रिक टन, डीएपी उर्वरक 4440 एवं एनपीके उर्वरक 1330 मीट्रिक टन किसानों को वितरित की जा चुकी है.

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Published: 28 Aug, 2025 | 05:36 PM

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