गेहूं को रखने की टेंशन होगी खत्‍म, 90 लाख टन के साइलो हो रहे तैयार 

अगले तीन साल में सरकार इस तरह के साइलो का तैयार करने का लक्ष्‍य पूरा कर लेगी देश में वर्तमान समय में करीब 30 लाख टन गेहूं भंडारण की क्षमता के लिए ही साइलो बने हुए हैं.

Kisan India
Agra | Published: 8 Mar, 2025 | 01:30 PM

भारत जैसे कृषि प्रधान देश में किसानों की एक बड़ी समस्‍या, स्‍टोरेज की है. लेकिन अब सरकार इस दिशा में तेजी से काम कर रही है. पिछले दिनों जो जानकारी आई है वह निश्चित तौर पर अनाज की दिशा में एक अच्छी खबर साबित हो सकती है. बताया जा रहा है कि सरकार गेहूं स्टोरेज के लिए बड़े स्तर पर काम कर ही है. किसानों को गेहूं की पैदावार रखने में दिक्‍कत न हो इसके लिए सरका ने  90 लाख टन की स्‍टोरेज वाले साइलो बनाने की योजना तैयार की है. 

3 साल का लक्ष्‍य 

बताया जा रहा है कि अगले तीन साल में सरकार इस तरह के साइलो का तैयार करने का लक्ष्‍य पूरा कर लेगी देश में वर्तमान समय में करीब 30 लाख टन गेहूं भंडारण की क्षमता के लिए ही साइलो बने हुए हैं. इसे अगले तीन साल में बढ़ाकर 90 लाख टन करने की योजना सरकार ने बनाई हे. सूत्रों की मानें तो ये ऐसे गोदाम होंगे जो पूरी तरह से सुरक्षित और हाईटेक तकनीकों से लैस होंगे. सरकार इस दिशा में तेजी से काम कर रही है.

FCI ने मंगवाएं कॉन्‍ट्रैक्‍ट 

एक मीडिया रिपोर्ट पर अगर यकीन करें तो साइलो बनाने के लिए फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यानी कि FCI ने कांट्रेक्ट मंगाए हैं. एफसीआई 25 लाख टन के गेहूं गोदाम बनाने का काम करेगा जो कि पूरी तरह से मॉडर्न और नई तकनीक वाले होंगे. इसे PPP मॉडल पर बनाया जाना है जिसमें सरकारी एजेंसी के साथ प्राइवेट एजेंसियों की भी भागीदारी होगी. सूत्रों ने बताया कि एफसीआई फरवरी में गोदाम बनाने का ठेका दे सकता है. अभी करीब 30 लाख टन स्टोरेज के 35 साइलो भंडारण का काम कर रहे हैं.

प्राइवेट कंपनियों को मिला ठेका 

इस मीडिया रिपोर्ट पर अगर यकीन करें तो देश की 80 जगहों पर अभी 35 लाख टन भंडारण क्षमता वाले साइलो बनाने का कॉन्‍ट्रैक्‍ट कुछ प्राइवेट कंपनियों को भी दिया जा चुका है. ये सभी साइलो अगले दो साल में तैयार हो सकते हैं. कहा जा रहा है कि इस तरह सरकार अगले तीन साल में पूरे देश में करीब 90 लाख टन क्षमता के साइलो तैयार करने की प्‍लानिंग है. साइलो के निर्माण पर 9,000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. बताया जा रहा है कि इन सभी साइलो में एफसीआई की तरफ से अनाज को स्‍टोरेज किया जाएगा. 

किन-किन राज्‍यों में होगा निर्माण 

ये सारे साइलो देश के करीब 250 जगहों पर बनाए जा रहे हैं. इन राज्‍यों में पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, बिहार, बंगाल, जम्मू, उत्तराखंड और केरल राज्यों की जगहें शामिल हैं. सूत्रों के मुताबिक इसमें कई प्राइवेट कंपनियों को ठेका मिला है जिनमें अडानी एग्री लॉजिस्टिक्स, केसीसी इंफ्रास्ट्रक्चर, नेशनल कोलैटरल मैनेजमेंट सर्विस, ओम मेटल्स इंफ्रा प्रोजेक्ट के नाम शामिल हैं. इन कंपनियों के जरिये साइलो बनाए जाएंगे जिसे एफसीआई 30 साल की लीज पर इस्तेमाल करेगा. इसमें कंपनियों के लिए किराये का खास नियम रखा गया है.  हर साल के लिए फिक्स्ड स्टोरेज चार्ज पहले ही तय किया जाएगा जिसके आधार पर एफसीआई कंपनियों को पेमेंट करेगा.  

कितना आएगा खर्च 

विशेषज्ञों के अनुसार अनाज भंडारण पर अब खासा जोर दिया जाने लगा है. वहीं इसे देखते हुए ही अब सरकार भी इसे बढ़ावा देने में लगी हुई है. इसे देखते हुए ही नए साइलो का निर्माण किया जा रहा है और यह निश्चित तौर पर किसान और व्यापारी दोनों वर्ग के लिए अच्छी खबर है. देश में भंडारण की सुविधा की कमी के चलते किसान और सरकार दोनों को नुकसान होता है. अनाज के मामले में आत्मनिर्भर होने और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए भंडारण की सुविधा बढ़ाना जरूरी है. इसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने साइलो निर्माण पर जोर दिया है.

सूत्रों का कहना है कि सरकार ने इस तरह के काम के लिए स्पेशल एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड की भी शुरुआत की है. आने वाले समय में इसमें और भी तेजी दिखने की उम्मीद है. कहा जा रहा है कि 10 लाख टन के गोदाम को बनाने पर लगभग 1,000 करोड़ रुपये का खर्च आता है. इस तरह 90 लाख टन के साइलो पर 9,000 करोड़ रुपये का खर्च आ सकता है. 

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

Published: 8 Mar, 2025 | 01:30 PM

भारत में सबसे पहले सेब का उत्पादन किस राज्य में शुरू हुआ.

Side Banner

भारत में सबसे पहले सेब का उत्पादन किस राज्य में शुरू हुआ.